Categories
धर्म-अध्यात्म

*”धर्म क्या है, और अधर्म क्या है?”

*”धर्म क्या है, और अधर्म क्या है?” यह बड़ा जटिल प्रश्न है। लाखों करोड़ों वर्षों से लोग इस प्रश्न में उलझे हुए हैं। बहुत कम लोग ही इसे समझ पाते हैं, कि धर्म क्या है? और अधर्म क्या है?”* *”वेदों और ऋषियों के ग्रंथों के अनुसार धर्म उस आचरण का नाम है, जो कार्य हमें […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

_जब पूरा देश शिवलिंग पर कटर चलाए जाने पर दुखी था तब अशोक गहलोत जयपुर में इफ्तार पार्टी कर रहे थे_

*उधर मस्जिद का फाटक टूटा…. इधर 3 मंदिर तोड़वा दिए गए* – जिनके घर शीशे के हों वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते और जिस कौम के अंदर ही गद्दार छुपे हों वो अपने गद्दारों को निस्तेज किए बिना शत्रुओं से कोई जंग नहीं जीत सकते -जिहादियों से जंग बहुत मुश्किल इसलिए […]

Categories
आतंकवाद

*राष्ट्र विरोधी है जहांगीरपुरी का मुस्लिम हथकंडा*

*राष्ट्र-चिंतन* *मार भी खाया हिंदू और अब दंगाई भी घोषित हुआ हिंदू* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ================== दिल्ली की जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण हटाने पर फिलहाल रोक जरूर लग गयी है, सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला क्या होगा, इस पर संशय है। लेकिन तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने जिस प्रकार से जहांगीरपुरी को अपना राजनीतिक स्वार्थ का […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

खिलाफत आंदोलन और भारत सरकार

[आज़ादी के अमृत-महोत्सव पर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अनेक कार्यक्रम कर रहा है। इस अवसर पर उक्त मंत्रालय द्वारा खिलाफत आंदोलन को भारत की आज़ादी की लड़ाई का भाग बताया जा रहा है। आज से लगभग 103 वर्ष पहले खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। महात्मा गाँधी ने मुसलमानों के निजी आंदोलन को भारत […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्या सांख्यकार कपिल मुनि अनीश्वरवादी थे?

लेखक- स्वामी धर्मानन्द प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ माननीय डॉ० अम्बेदकरजी से गत २७ फर्वरी को मेरी जब उनकी कोठी पर बातचीत हुई तो उन्होंने यह भी कहा कि सांख्यदर्शन में ईश्वरवाद का खण्डन किया गया है। यही बात अन्य भी अनेक लेखकों ने लिखी है किन्तु वस्तुतः यह अशुद्ध है। सांख्य दर्शन में ईश्वर के सृष्टि […]

Categories
भारतीय संस्कृति

श्री संप्रदाय के प्रारंभिक दस प्रमुख आचार्य

डा. राधे श्याम द्विवेदी वैष्णव-सम्प्रदाय के उद्गम स्रोत भगवान् विष्णु  हैं- । इस सम्प्रदाय के चार प्रसिद्ध उप सम्प्रदाय हैं- 1. श्री सम्प्रदाय, 2. ब्रह्म-सम्प्रदाय, 3. रुद्र- सम्प्रदाय और 4. सनक-सम्प्रदाय। इनमें श्री सम्प्रदाय के प्रवर्तक रामानुजाचार्य व रामानंदाचार्य ,ब्रह्म सम्प्रदाय के माधयाचार्य, रुद्र-सम्प्रदाय के विष्णु स्वामी तथा सनक-सम्प्रदाय के निम्बार्काचार्य माने गए हैं-           […]

Categories
आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर के प्राचीन शहर और नगर

कश्मीरी आतंकवाद अध्याय 3 कश्मीर के प्राचीन शहर और नगर कश्मीर का सौंदर्य संसार में अप्रतिम है। यही कारण है कि आज भी यहां संसार भर से लोग पर्यटन के लिए आते हैं। आध्यात्मिक उन्नति और शांति प्राप्ति के लिए सबसे अधिक उपयुक्त मानकर हमारे अनेकों ऋषि-मुनियों ने यहां रहकर तप किया। उनके पुण्य प्रताप […]

Categories
उगता भारत न्यूज़ भारतीय संस्कृति

*यजुर्वेद में शिष्टाचार*

वेद ईश्वरीय वाणी है। वेद का पढ़ना पढ़ाना व सुनना सुनाना सब मनुष्यों का परम धर्म है। वेदों में उत्तम आचरण के ग्रहण करने का उपदेश परमात्मा ने मनुष्यों के लिए किया है। ईश्वर का जीवों के प्रति कृतज्ञता का भाव ही हमें कृतघ्नता के महापाप से बचाता है। फलस्वरुप हम ईश्वर के दंड से […]

Categories
विविधा

विभिन्न धर्मों में पाप-पुण्य को लेकर मान्यताओं की तुलना

1. ईसाइयत- हर व्यक्ति जन्म से पापी हैं क्योंकि सृष्टि के आदि में हव्वा (Eve) और आदम (Adam) ने बाइबिल के ईश्वर के आदेश की अवमानना की थी। इसलिए ईश्वर ने हव्वा को शाप देकर पापी करार दिया था। इस पाप से बचाने वाला केवल एक मात्र ईसा मसीह है क्योंकि वह पापों को क्षमा […]

Categories
Uncategorised

झूठ जो इतिहास ने बार बार दोहराया ।। सच जिसका आज होगा सामना।।

******************************************** “अस्सी घाव लगे थे तन पर, फिर भी व्यथा नही थी मन में” * शरीर पर 84 घावों के कारण महाराणा सांगा को “मानवों का खंडहर” भी कहा जाता है। * इन महाराणा का कद मंझला, चेहरा मोटा, बड़ी आँखें, लम्बे हाथ व गेहुआँ रंग था। दिल के बड़े मजबूत व नेतृत्व करने में […]

Exit mobile version