-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— स्वाधीनता के बाद भारत का इतिहास भारत के उन दुश्मनों ने लिखा जो भारतीयता, हिंदी और हिंदुत्व से घृणा करते थे। उन्होंने मुगलों को हिंदुस्तान के लिए एक वरदान सिद्ध करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू […]
महीना: अप्रैल 2022
इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— १९४५ के केंद्रीय धारा सभा के चुनाव में कांग्रेस के बहुमत पाने के बाद १९४६ की 2 सितंबर को नेहरू ने मुस्लिम लीग के सहयोग से भारत के प्रधानमंत्री की शपथ ली। फिर १९४७ में जिन्ना के साथ भारत के विभाजन के काग़ज़ातों पर हस्ताक्षर कर […]
डॉ. विवेक आर्य राजस्थान के करौली जिले में कैला देवी मंदिर है। इस मंदिर में आज से कुछ दशक पहले धर्म के नाम पर भैंसे-बकरों की बलि दी जाती थी। अज्ञानियों द्वारा किया जाने वाला यह कृत्य न तो धर्म अनुकूल था न ही शास्त्रों के अनुकूल था। फिर भी परम्परा के नाम पर इस […]
उगता भारत ब्यूरो ‘प्रवासी देशों में राम’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बोले केरल के राज्यपाल नई दिल्ली। भगवान राम को भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि बताते हुए केरल के राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा है कि राम के व्यक्तित्व की विशेषता यह है कि वह प्रत्येक युग के महानायक हैं। प्रभु राम […]
हर्ष सिन्हा भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों के नजरिए से काफी सफल रही है। दोनों विदेश मंत्रियों ने आधा दर्जन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भारतीय विदेश मंत्री ने आश्वस्त किया है कि आर्थिक संकट से निपटने […]
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बारे में हम आपको बता चुके हैं। इसका सबसे मुख्य कारण था विधानसभा में सीएम द्वारा नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘The Kashmir Files’ को टैक्स फ्री करने से इनकार करते हुए उनके […]
1947 में देश की स्वाधीनता के समय अंग्रेजों ने बड़ी चालाकी दिखाते हुए भारत को खंड – खंड करने का लक्ष्य अपने समक्ष रखा। अपने इस गुप्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने भारत की सभी रियासतों के समक्ष यह प्रस्ताव रख दिया था कि वे चाहें तो भारत के साथ सम्मिलित […]