बांसवाड़ा, 14 अप्रेल/चैत्र नवरात्रि में मेष संक्रांति के दिन ही सतुआन पर्व पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती सामाजिक समरसता दिवस पर इस्कान की बांसवाड़ा इकाई के तत्वावधान में रविवार को इस्कान केन्द्र पर अभय गोरांग प्रभु की अगुवाई में हुए बहुआयामी कार्यक्रम में श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार उमड़ आया। इस अवसर पर अपने प्रवचन […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
(राकेश अचल -विभूति फीचर्स) भारत की सियासत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का सम्मान जनक स्थान है।वे ऐसे नेताओं में से एक थे जिनके अपनी पार्टी के साथ साथ दूसरे दलों के नेताओं से भी बहुत अच्छे रिश्ते रहे।आज भी राजनीति मेंअटल जी का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है ।अटल जी […]
डॉ डी के गर्ग 5.कर्ण को सूर्य पुत्र क्यों कहा? माता कुंती ने करूड़ ऋषि के आश्रम में विद्या अध्ययन किया था। श्वेत मुनि भी अपने समय के एक महान ऋषि हुए हैं। जिन दोनों के संयोग से कर्ण पैदा हुआ था। सामाजिक लोक लिहाज के कारण कुंती ने कर्ण को गंगा नदी के मार्ग […]
बेबी कंवर लूणकरणसर, बीकानेर राजस्थान एक अप्रैल से राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहयोगिनियों और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है. इससे आंगनबाड़ी से जुड़े सदस्यों को काफी लाभ पहुंचेगा. इस वक़्त पूरे राज्य में 62,020 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से लाखों बच्चों और गर्भवती […]
देवयज्ञ का अर्थ है अग्निहोत्र और विद्वानों का संग एवं सेवा आदि | अग्निहोत्र का समय सूर्योदय के पश्चात् सूर्यास्त के पूर्व है | अग्निहोत्र के लिए निम्न उपकरणों की आवश्यकता है- १. एक धातु अथवा मिट्टी की चौकोर वेदी इस प्रकार बनवा लें कि ऊपर जितनी चौड़ी हो उतनी ही गहरी हो, परन्तु नीचे […]
Dr DK Garg भाग 2 , रुद्राक्ष एक फल है –अंत में रुद्राक्ष के विषय में भी समझ ले : रुद्राक्ष अपनी दिव्यता के साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में रुद्राक्ष को महाऔषधि की संज्ञा दी गई है। इसके विभिन्न औषधीय गुणों के कारण रोगोपचार हेतु इसका उपयोग आदिकाल से ही होता […]
Dr D K Garg , भाग 1, पौराणिक मान्यता : रुद्राभिषेक भगवान रुद्र का अभिषेक करना है . रुद्राभिषेक में शिवलिंग को स्नान कराकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है. सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का कार्य संभालते हैं, इसलिए इस समय रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है. शिव ही रूद्र हैं और रुद्र […]
पं. लीलापत शर्मा – विभूति फीचर्स विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा है- ‘पवित्र नारी सृष्टि की सर्र्वोत्तम कृति है। सृष्टि में वात्सल्य, स्नेह, प्रेम की अमृत धाराएं नारी हृदय से निकलकर इस संसार को अमृत दान कर रही हैं’ कवि रस्किन ने कहा है- ‘माता का हृदय एक स्नेह पूर्ण निर्झर है, जो सृष्टि […]
-सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” चंद्रगुप्त मौर्य पहला शासक था, जिसने एक संगठित राज्य की नींव डाली। राष्ट्र निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य का स्थान भारत के इतिहास में बहुत ऊंचा है। साधारण से परिवार में जन्म लेकर नेपोलियन की ही भांति चंद्रगुप्त भी अपने बाहुबल के पराक्रम से भारत का सम्राट बना। चंद्रगुप्त मौर्य को ठाठबाट तथा […]
निवेदन -सभी पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें और सनातन हिन्दू ,आर्यसमाज की साइटों में शामिल कराएं ,चूँकि मुझे अरबी सहित 23 भाषाएँ आती हैं इसलिए मैंने प्रमाण सहित सिद्ध किया के वर्त्तमान कुरान की पहली सूरा “फातिहा ” भारत में नाजिल हो चुकी थी लेख का यह […]