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समाज

स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

ईशा कुमारी पटना, बिहार देश को स्वच्छ बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से केंद्र के स्तर पर लगातार प्रयास किये जाते रहे हैं. एक ओर जहां स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाता है वहीं दूसरी ओर राज्य के साथ साथ शहरी स्तर पर भी स्वच्छता सर्वेक्षण कराये जा रहे हैं. जिसमें देश के सभी राज्यों […]

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विविधा

आस्था और विश्वास का संगम है सुलतानगंज से देवघर की कांवड़ यात्रा*

(कुमार कृष्णन-विनायक फीचर्स) श्रावण के महीने को भगवान शिव का प्रिय माना जाता है। यही कारण है, कि इस महीने में महादेव की पूजा,आराधना का विशेष महत्व होता है। श्रावण के इस पवित्र, पावन महीने में बिहार और झारखंड में भगवान शिव की पूजा कुछ अलग ही अंदाज में की जाती है। श्रावण मास के […]

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विविधा

भांति-भांति के बाबा जी

विवेक रंजन श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स बचपन में हम भी बाबा हुआ करते थे! हर वह शख्स जो हमारा नाम नहीं जानता था, हमें प्यार से बाबा कह कर पुकारता था। इस बाबा गिरी में हमें लाड़, प्यार और कभी जभी चाकलेट वगैरह मिल जाया करती थी। बाबा शब्द से यह हमारा पहला परिचय था।अपनी […]

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इसलाम और शाकाहार

इस्लामी कामशाश्त्र :नंगा इस्लाम

अस्वीकरण -इस लेख का उद्देश्य किसी की आस्था पर चोट करना नहीं है ,लेख में जिन इस्लामी किताबों से हवाले लिए गए हैं उनकी सत्यता का दावा हम नहीं करते , हो सकता है कुछ शब्द लोगों को अशिष्ट प्रतीत हो ,मूल उर्दू लेख को हिंदी लिपि में दिया गया है ,लेखमें कई बार “टिपण्णी […]

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विविधा

पतित पावनी सरयू की महिमा

आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी भारतीय सनातन परम्परा में सप्त नगरियों का यह श्लोक विश्व विश्रुत है। इस श्लोक से इन नगरों का महत्व और स्पष्ट हो जाता है। अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्ष दायिकाः॥ ये सात शहर अलग-अलग देवी-देवताओं से संबंधित हैं। अयोध्या श्रीराम से संबंधित है। मथुरा […]

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आओ कुछ जाने

अविष्कारों की मजेदार कहानियां*

(बृजमोहन गुप्त -विनायक फीचर्स) विज्ञान के क्षेत्र में नए आविष्कार करने के लिए क्या-क्या तामझाम चाहिए? बड़ी-बड़ी इमारतें, ऊंची डिग्रियां और बेशुमार दौलत? विज्ञान में खोज के लिए ये सब उतना जरूरी नहीं है। जरूरी है वैज्ञानिक मानसिकता या प्रवृत्ति। जिनमें भी यह प्रवृत्ति पाई गई, वे कुछ न कुछ कर गुजरे हैं। यह बात […]

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राजनीति

आखिर क्यों मनाएं “संविधान हत्या दिवस” *

(डॉ. राघवेंद्र शर्मा -विभूति फीचर्स) प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के दौरान बार-बार कहते रहे हैं कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर इस देश को ऐसा संविधान सौंप कर गए हैं जिसे कोई माई का लाल छेड़ तक नहीं सकता। संभवतः कहने का मतलब यह है कि जिस संविधान को छेड़ा तक नहीं जा सकता तो […]

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मुद्दा

आज भी कंप्यूटर की पहुंच से दूर हैं ग्रामीण किशोरियां

भावना गड़िया कपकोट, उत्तराखंड “आज का समय कंप्यूटर का है. हमें हर छोटे बड़े हर काम के लिए कंप्यूटर की दुकान पर जाना पड़ता है. फोन से हम सब काम कर सकते हैं. लेकिन परीक्षा का फार्म भरना हो या उससे संबंधित जानकारियां प्राप्त करनी हो, तो उसके लिए शहर के कंप्यूटर सेंटर पर जाना […]

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आज का चिंतन

परमात्मा प्रशंसा के लायक क्यों है?

परमात्मा प्रशंसा के लायक क्यों है? हम प्रशंसाएँ कैसे अर्जित कर सकते हैं? परमात्मा की प्रशंसाओं की तुलना संतुष्टि जनक भोजन और सम्पदा के साथ क्यों की गई है? अस्मा इदु प्र तवसे तुराय प्रयो न हर्मि स्तोमं माहिनाय। ऋचीषमायाध्रिगव ओहमिन्द्राय ब्रह्माणि राततमा।। ऋग्वेद मन्त्र 1.61.1 (कुल मन्त्र 695) (अस्मै इत् उ) निश्चय से यह […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

“द केरल स्टोरी” गंभीर विषय है.. इसे सामान्य ना लें..!

फ़िल्म के कुछ संवाद जैसे.. “हमारे मिशन के लिए लड़कियों को करीब लाओ..उन्हें खानदान से ज़ुदा करो..जिस्मानी रिश्ते बनाओ..हो सके तो प्रेग्नेंट कर दो..और जल्द से जल्द अगले मिशन के लिए हैंडओवर करो”..! ऐसे अनेक संवाद है जो आपको हिलाकर रख देंगे..! लेकिन पूरी फ़िल्म की सच्चाई एक संवाद में छुपी है..जब एक लड़की दहशत […]

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