5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल तक भारत में विशुद्ध रूप से सभी जन वैदिक धर्म के ही अनुयाई थे। महाभारत के युद्ध के पश्चात ऋषियों की वैदिक व्यवस्थाओ में शिथिलता आने लगी। वेद के विद्वान जनो की हानि होने लगी। फिर भी 600 ईस्वी पूर्व तक आर्यावर्त में कुछ अशुद्धियों के साथ वैदिक मत ही […]
लेखक: आर्य सागर खारी
सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी आज सामान्य तौर पर माना जाता है कि गाय का दूध 30 रूपए प्रति लीटर होता है और घी 500 रूपए प्रति लीटर। यह गणित कहां से आता है, इसके बारे में कुछ चर्चा करते हैं। पहले हमें परिभाषाएं स्पष्ट कर लेनी चाहिए। गाय : भारतीय भूभाग पर देसी गौवंश का वह […]
इंसान ने जबरदस्त उन्नति की है या अवनति यह आप विचार करें । लोहे कंक्रीट के विविध टावरों से धरा को पाट दिया है। पहले विकराल पर्यावरण समस्याएं उत्पन्न करना फिर उनका आंशिक खर्चीला कृत्रिम समाधान प्रस्तुत करना। हमने आपने भूमि आकाश में स्थापित भीमकाय वॉच अर्थात निगरानी टावर ,मोबाइल टावर तो देखे सुने हैं […]
राजीव रंजन प्रसाद ऐतिहासिक उपन्यासों की परम्परा में अनेक नाम देदीप्यमान हैं लेकिन कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनकी रचनाओं को जनप्रियता तो प्राप्त हुई तथापि उनका समुचित मूल्यांकन नहीं हुआ। वाद और पंथ की बेडिय़ों ने समालोचकों को अनेक साहित्यिक नाम प्रतिमान की तरह स्थापित करने के लिये प्रदान किये परंतु कतिपय लेखन ऐसा […]
शैलेश शुक्ला पाकिस्तान, तालिबान और चीन के बढ़ते खतरे के बीच भारत अफगानिस्तान में रूस की मदद से आगे बढ़ने जा रहा है। रूस भारत का लंबे समय से घनिष्ठ मित्र रहा है और पुतिन अगले महीने भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। काबुल अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद पाकिस्तान और चीनी […]
बालमुकुंद पाण्डेय (5 नवम्बर को महाराज हेमचन्द्र विक्रमादित्य के बलिदान दिवस पर प्रकाशित) सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य, भारतीय इतिहास के विस्मृत उन चुनिन्दा लोगों में हैं जिन्होंने इतिहास की धारा मोड़कर रख दी थी। हिंदू-सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य, पृथ्वीराज चौहान (1179-1192) के बाद इस्लामी शासनकाल के मध्य सम्भवत: दिल्ली के एकमात्र या अन्तिम हिंदू-सम्राट हुए। वह विद्युत […]
रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा सा गांव था। 500 के लगभग वयस्क होंगे।बाकि बच्चे,बुड्ढे। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला सरपंच जी,सरपंच जी। सरपंच जी ने कहा”क्या हुआ मोहन ? ” सरपंच जी मुझे पता लगा है यहाँ से 8 कोस दूर […]
संगीता पुरी (लेखिका गत्यात्मक ज्योतिष की विशेषज्ञ हैं।) आए दिन हमारी भेंट ऐसे अभिभावकों से होती है, जो अपने बेटे या बेटी के विवाह न हो पाने से बहुत परेशान हैं। उनकी विवाह योग्य संतानें पढ़ी-लिखी है,पर पांच-सात वर्ष से उपयुक्त वर या वधू की तलाश कर रहें हैं, कहीं भी सफलता हाथ नहीं आ […]
अशोक मधुप आधुनिक युद्ध कोरोना की तरह शहरों में, गलियों में और भीड़ वाली जगह में लड़ा जाएगा। किसी विषाक्त वायरस से हमें कोरोना से बचाव की तरह जूझना होगा। बुजुर्ग कहते आए हैं कि ईश्वर जो करता है, अच्छा करता है। हर मुसीबत में कोई संदेश, कोई भविष्य के लिए तैयारी होती है। दुनिया […]
प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने और […]