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पर्व – त्यौहार

श्रावणी और रक्षाबंधन मनाया जाता था कभी श्रावणी उपाकर्म के नाम से : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

. “श्रावणी और रक्षाबंधन, आज देश भर में यह पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।” “वास्तव में आज का मुख्य पर्व ‘श्रावणी उपाकर्म’ है। इसका अर्थ है, वेदों के विशेष स्वाध्याय अध्ययन का पर्व।” आज श्रावण मास की पूर्णिमा है, इसलिए श्रावणी कहलाती है। उपाकर्म का अर्थ होता है आरंभ करना। प्राचीन […]

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आतंकवाद

तालिबान 90 हजार पुराने हथियार, अफगान सेना 3 लाख आधुनिक हथियार

तालिबान 90 हजार पुराने हथियार, अफगान सेना 3 लाख आधुनिक हथियार। उनकी 3 लाख की सेना कहां गायब हो गई। इसके बावजूद एक माह में तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया …कैसे ?? जब 2002 में अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबानी सरकार को उखाड़ कर नई सरकार स्थापित की थी तब सारे तालिबानी […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ अटल बिहारी वाजेपयी

  ब्रह्मानंद राजपूत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म ग्वालियर में बड़े दिन के अवसर पर 25 दिसम्बर 1924 को हुआ। अटल जी के पिता का नाम पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा वाजपेयी था। भारत […]

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आतंकवाद

*दुबई में हिंदू लड़कियों के हालात पर अशोक भारती की रिपोर्ट*

मैने दुबई भ्रमण के दौरान होटलों रेस्तरां नाचघरों में लड़कियां को काम करते हुए देखा, जब भी मैंने उनसे बात करने के प्रयास किया, वह सहम जाती थी रात को बाहर जाते समय उनके साथ 1-2 नीग्रो होते थे मैने कई बार प्रयास किया ,फिर मैंने एक पठान टैक्सी ड्राईवर की मदद से नीग्रो को […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति अध्याय – संप्रदाय प्रवर्तन ..गीता और उपनिषदों में मिश्रण

  गतांक से आगे… गीता के प्रमाणों से ज्ञात हुआ कि, उपनिषदों का सत् – असत् का झगड़ा परमात्मासंबंधी नहीं है, प्रत्युत वह झगड़ा भौतिक है। क्योंकि उपनिषदों में परमात्मा के लिए तो पृथक ही कह दिया गया है कि एक के मत से आदि में केवल आत्मा ही था। इस अकेले आत्मा से सृष्टि […]

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इतिहास के पन्नों से

आजादी के अमृत की कुछ अनसुनी कहानी

  अभिनय आकश ये तो हम सभी जानते हैं कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। लेकिन क्या आपको पता है कि आजादी के पहले भी कई जिलें ऐसे भी थे जो कभी 73 दिनों के लिए तो कोई 3 दिनों के लिए 1947 से वर्षों पहले ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करा लिए […]

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कृषि जगत पर्यावरण

बाघों की संख्या बढ़ाने से पहले वनों के लिए जंगल बढ़ाने की आवश्यक

  अशोक मधुप हम भेड़चाल चलते रहे हैं। आज बाघ बढ़ाने की बात हुई, उनके आवास को बढ़ाने की बात नहीं। जरूरत आवास क्षेत्र को बढ़ाने की भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार रणथंभौर टाइगर अभ्यारण्य में 40 या अधिकतम 50 बाघ रह सकते हैं लेकिन आज उसमें 71 बाघ हैं। दुनिया भर में 29 […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

अनियंत्रित रूप से बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या हिन्दू समाज को खुली चेतावनी !!

विश्व में कोई भी देश ऐसा नही हैं जहां मुसलमानों अथवा तथाकथित अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समाज से अधिक सुविधाएं तथा अधिकार प्राप्त हों, सिवाय भारत के। किसी भी मुस्लिम देश में यहां तक कि पाकिस्तान, बंगलादेश, इण्डोनेशिया या तुर्की में भी मुसलमानों को इतने संविधान स्वीकृत अधिकार भी नही हैं। किसी ने सच कहा है […]

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विशेष संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी का सराहनीय राजधर्म और देश के मतदाता का कर्त्तव्य

बहुत ही प्रसन्नता का विषय  है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने  9:75 करोड़ किसान भाइयों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की नौवीं की किश्त जारी की है । इससे उनका वह गुण प्रकट होता है जो भारत में वैदिक परंपरा में किसी भी शासक के लिए अनिवार्य माना गया […]

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वैदिक संपत्ति

असद न असत् था, न सत् था और न रज था, प्रत्तयुत तम ही तम था

गतांक से आगे… अत: आगे एक अदितीय सत् ही था , उसी से अग्नि और जल की उत्पत्ति हुई है ।इस विवाद से पाया जाता है कि उस जमाने में आत्मा, सत् और असत् पर विश्वास करने वाले तीन संप्रदाय थे।एक ब्रहृ से, दूसरा सत् से और तीसरा असत् से संसार की उत्पत्ति मानता था। […]

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