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पर्व – त्यौहार

नवरात्र और एकादशी का रहस्य, भाग 2

व्रत क्या है? एकादशी का पवित्र व्रत धारण करने से जीवन में महानता की ज्योति प्रकट हो जाती है। क्योंकि यजुर्वेद के 34वें अध्याय के प्रथम मंत्र में मन को ज्योतियों में एक ज्योति कहा गया,अर्थात मन प्रकाशक है। प्रकाशको का प्रकाशक है। उससे ही जीवन का एक उज्जवल लक्ष्य हमारे सामने आने लगता है। […]

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पर्व – त्यौहार

नवरात्र और एकादशी का रहस्य

देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन उगता भारत। प्रथम किस्त। क्या आप भी नवरात्र के अथवा कोई अन्य व्रत रखते हैं? क्या आप व्रत के संबंध में जानते हैं? क्या आप देवी गौरी,चंद्रघंटा, स्कंद माता ,संतोषी माता, दुर्गा माता वैष्णो, कुष्मांडा, कात्यायनी आदि के पूजक एवं उपासक हैं? क्या पाषाण पूजा अथवा मूर्ति पूजा वेदसम्मत है? यदि […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति 314 *[चतुर्थ खण्ड] जीविका , उद्योग और ज्ञानविज्ञान*

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ।) प्रस्तुति: – देवेंद्र सिंह आर्य ( चेयरमैन ‘उगता भारत’ ) गताक से आगे … वेद उपदेश करते हैं कि – तद्वा अथर्वणः शिरो देवकोशः समुब्जितः । तत् प्राणो अभि रक्षति […]

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आओ कुछ जाने

वैदिक सृष्टि संवत : एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का प्रतीक

सभी मित्रों को भारतीय सृष्टि संवत एक अरब 96 करोड़ 8 लाख 53हजार 125 और विक्रम संवत 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रत्येक प्रकार की वनस्पति में चहुं ओर नवस्फुटन, प्रकृति में छाई हुई एक निराली छटा, प्रत्येक प्राणीमात्र के शरीर में एक नई ऊर्जा का होता हुआ संचार , सूर्य भी अपनी सात किरणों के […]

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वैदिक संपत्ति

*वैदिक सम्पत्ति – 313* [चतुर्थ खण्ड] जीविका , उद्योग और ज्ञानविज्ञान

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ।) प्रस्तुति: – देवेंद्र सिंह आर्य ( चेयरमैन ‘उगता भारत’ ) गताक से आगे … अब अगले मन्त्र में वेद उपदेश करते हैं कि परमात्मा सर्वत्र मौजूद है। इवं जनासो विवथ […]

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इतिहास के पन्नों से

वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 344 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष आलेख

आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास किया हैं। आप मैं से बहुत से लोग इस ऐतिहासिक तथ्य को पढ़कर गर्व की अनुभूति होगी […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति 312 [चतुर्थ खण्ड] जीविका , उद्योग और ज्ञानविज्ञान

* (यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ।) प्रस्तुति: – देवेंद्र सिंह आर्य ( चेयरमैन ‘उगता भारत’ ) गताक से आगे …* उस न्यायकारी, दयामय और कारणों के भी कारण परम पिता परमात्मा का वर्णन वेदों में […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति 311 [चतुर्थ खण्ड] जीविका , उद्योग और ज्ञानविज्ञान

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ।) प्रस्तुति: – देवेंद्र सिंह आर्य ( चेयरमैन ‘उगता भारत’ ) गताक से आगे … इसके आगे इस सृष्टि के तीसरे कारण प्रकृति का वर्णन इस प्रकार है- अदितियॉरिितरन्तरिक्षमदितिर्माता स पिता […]

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धर्म-अध्यात्म

अंत:करण चतुष्टय और बाह्यकरण किसे कहते हैं

तन्मात्रा किसे कहते हैं? अंतःकरण चतुष्टय अथवा कितने होते हैं? बाहृय करण क्या होते हैं? प्रकृति के तीन तत्व( पदार्थ, द्रव्य, चीज, वस्तु) सत ,रजस तमस होते हैं। प्रकृति से इन तत्वों को लेकर परमात्मा ने सर्वप्रथम महतत्व अर्थात बुद्धि का निर्माण किया। दूसरे नंबर पर अहंकार को बनाया। तीसरे नंबर पर पांच ज्ञानेंद्रियां ,पांच […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति – 310 (चतुर्थ खंड) जीविका , उद्योग और ज्ञानविज्ञान

(यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ) प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य ( चेयरमैन -‘उगता भारत ‘ ) इस सृष्टि को देखकर किसी भी विचारवान् मनुष्य के हृदय में जो सबसे पहले स्वाभाविक प्रश्न उत्पन्न होता है, उसको […]

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