राजा पोरस का अवतार हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिकन्दर के समय राजा पोरस ने अपने पौरुष के प्रताप से विदेशी आक्रमणकारी को मार भगाया था । जिसे इतिहासकारों ने इतिहास में सही स्थान व सम्मान नहीं दिया । अब उसी पोरस के उत्तराधिकारी के रूप में एक नया योद्धा हमारी सीमाओं […]
श्रेणी: स्वर्णिम इतिहास
राजा दाहिर सेन जिस समय भारत में एक राजा के रूप में अपना कर्तव्य निर्वाह कर रहे थे उस समय की परिस्थितियां बहुत ही विपरीत थीं। भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए उस समय अरब की ओर से बड़ी भारी चुनौती बार-बार उपस्थित होती थी। भारतवर्ष की एकता और अखण्डता के लिए एक […]
भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन अध्याय – 1 (भाग – 2) इतिहास के काल निर्धारण में दोष वास्तव में इन नगर सभ्यताओं के बारे में उनकी प्राचीनता की ऐसी कल्पना करना केवल माथापच्ची करना है या कहिए कि अंधेरे में तीर मारने के समान है। जो लोग इन नगर घाटी सभ्यताओं के […]
जियाद का भी किया बुरा हाल सिनान के बाद भारत पर आक्रमणकारी के रूप में जियाद चढ़कर आया। उसे भी अपनी शक्ति और शौर्य पर बड़ा घमंड था। उसे लगता था कि उसके पूर्व के आक्रमणकारी चाहे भारत के शौर्य के सामने न टिक सके हों पर वह भारत के शौर्य और शीश को […]
राष्ट्र नायक राजा दाहिर सेन और तत्कालीन भारत -3 इस्लाम ने किया देशों का धर्मांतरण मानवता के विरुद्ध किए गए अपने अत्याचारों के बल पर जिस प्रकार इराक और तुर्की में इस्लाम को सफलता मिली वैसे ही विश्व के अन्य देशों या प्रान्तों में भी उसे आशातीत सफलता मिली ।पुलस्त्य ऋषि के प्रदेश पेलेस्टाइन (फिलिस्तीन) […]
अब अनेकों शोध पत्रों से यह बात पूर्णत: सिद्ध हो चुकी है कि अरब का मूल स्वरूप वैदिक रहा है । मोहम्मद साहब ने अपने जीवन काल में जब इस्लाम की स्थापना की तो उन्होंने अरब के पुराने हिन्दू स्वरूप को मिटाने का आदेश दिया। जिससे वे प्रतीक समाप्त करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई […]
भारत में किलों का इतिहास उतना ही पुराना है जितना उन्नत वैदिक संस्कृति का इतिहास पुराना है। जब मनुष्य ने जंगली जानवरों से अपनी रक्षा के लिए बाड़ लगानी सीखी थी तो वह मध्यकालीन उन्नत शैली में बने किलों की पहली पीढ़ी थी । उसके बाद जब समाज में कुछ असामाजिक तत्वों ने मुख्यधारा […]
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 १८ जून/इतिहास-स्मृति १८जून,१५७६ को सूर्य प्रतिदिन की भाँति उदित हुआ; पर वह उस दिन कुछ अधिक लाल दिखायी दे रहा था। चूँकि उस दिन हल्दीघाटी में खून की होली खेली जाने वाली थी।एक ओर लोसिंग में अपने प्रिय चेतक पर सवार हिन्दुआ सूर्य महाराणा प्रताप देश की स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए डटे […]
टीम रोशनदान हमारे प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों और ऋषि-मुनियों ने कुछ ऐसे आविष्कार किए हैं जिनके बल पर आज के आधुनिक विज्ञान और यहाँ तक की दुनिया का चेहरा भी बदल गया है। जरा सोचिए शून्य (0) नहीं होता तो क्या हम गणित की कल्पना कर सकते थे? दशमलव नहीं होता तो क्या होता? इसी तरह […]
1001 ई0 से लेकर 1025 ई0 तक महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को लूटने की दृष्टि से 17 बार आक्रमण किया तथा मथुरा, थानेसर, कन्नौज व सोमनाथ के अति समृद्ध मंदिरों को लूटने में सफल रहा। सोमनाथ की लड़ाई में उसके साथ उसके भान्जे सैयद सालार मसूद गाजी ने भी भाग लिया था। 1030 ई. में […]