Categories
इतिहास के पन्नों से

आर्य ही आदि संस्थापक मूल निवासी हैं भारतवर्ष के

_____________________________ अंग्रेजों ने भारत आगमन से ही सांस्कृतिक जहर घोलना शुरू कर दिया राम कृष्ण के वंशज भारत वासियों को आर्य द्रविड़ में बांट दिया कहा कि द्रविड़ आर्यों के भारत में आक्रमण से पूर्व उत्तर भारत में ही निवास करते थे आर्यों ने उन पर हमला कर उन्हें विंध्य के पार समुंद्र तटीय दक्षिण […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

देश तोड़ने के लिए दिया था खिलाफत आंदोलन को गांधी ने अपना सहयोग : श्याम सुंदर पोद्दार

गाँधी के कांग्रेस में प्रवेश के साथ ख़िलाफ़त वाले अलीगढ़ी ग्रुप मौलाना मोहम्मद अली,मौलाना शौक़त अली,मौलाना आज़ाद वग़ैरह का कांग्रेस में प्रवेश इज्जत से हो गया। ख़िलाफ़त आन्दोलन का असली उद्देश्य भारत वर्ष पर इस्लामिक शासन प्रतिष्ठित करना था, टर्की के प्रधान को इस्लामी जगत का ख़लीफ़ा बनाना नही। अली भाइयों का उद्देश्य था,कांग्रेस की […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी के लिए महाराणा प्रताप और शिवाजी नहीं बल्कि औरंगजेब आदर्श था

06 दिसम्बर 2017 को बीबीसी ने एक लेख ‘औरंगजेब और मुगलों की तारीफ क्यों करते थे- महात्मा गांधी’ – शीर्षक से प्रकाशित किया। इस लेख में बीबीसी ने बताया कि गांधी जी के औरंगजेब और मुगल शासकों के प्रति बहुत ही नेक विचार थे। वह उनके धर्मनिरपेक्ष विचारों के प्रशंसक थे और यह भी मानते […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अयोध्या अपना राम स्वयं चुनती है

************************* महाकवि कालिदास रचित महाकाव्य “रघुवंशम्” अद्भुत ग्रंथ है, इक्ष्वाकुवंशी राजाओं के वृत्त को जिस सुन्दरता से कालिदास ने गाया है वैसा अन्यत्र नहीं मिलता. इस महाकाव्य के षोडशवें सर्ग में राम और उनके भाइयों के पुत्रों का वर्णन है. राम ने अपने बड़े बेटे कुश को “कुशावती” नामक राज्य सौंपा था. रघुवंश के सभी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

रक्षाबंधन के नाम पर सेकुलर घोटाला

डॉ विवेक आर्य बचपन में हमें अपने पाठयक्रम में पढ़ाया जाता रहा है कि रक्षाबंधन के त्योहार पर बहने अपने भाई को राखी बांध कर उनकी लम्बी आयु की कामना करती है। रक्षा बंधन का सबसे प्रचलित उदाहरण चित्तोड़ की रानी कर्णावती और मुगल बादशाह हुमायूँ का दिया जाता है। कहा जाता है कि जब […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गोधरा : अयोध्या से लौट रहे हुए कारसेवक भी तो राम भक्त ही थे

गोधरा : जब दंगाइयों ने साबरमती एक्सप्रेस, कोच एस-6 को आग लगा दी थी  गोधरा में 27 फरवरी 2002 की सुबह साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 को जला दिया गया। इस ट्रेन के कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मृत्यु हो गई। ये कारसेवक अयोध्या से विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित पूर्णाहुति महायज्ञ में भाग […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

हैदराबाद में धर्म की आजादी के लिए आर्य समाज का सत्याग्रह 1939

ओ३म् ========== हैदराबाद आजादी से पूर्व एक मुस्लिम रियासत बन गई थी। यहां हिन्दुओं को अपने धर्म का पालन व प्रचार करने पर नाना प्रकार के प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे। जैसा पाकिस्तान में विगत 70 वर्षों में हुआ है, ऐसा ही कुछ यहां होता था। आर्यसमाज को भी यहां वैदिक धर्म का प्रचार करने […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गांधी के चलते अंग्रेज लंबे समय तक भारत में जमे रहे , यदि गांधी न होते तो 20 वर्ष पहले देश आजाद होता : श्याम सुंदर पोद्दार

१८५७ के बाद जब कूका विद्रोह हुआ तो अंग्रेजों ने भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध भविष्य में फिर कभी विद्रोह नही उपजे इस निमित्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। कालांतर में इस संगठन में दो तरह के विचार बलवान हो गए। एक नरम दल कहलाया जिसके नेता बाल कृष्ण गोखले थे। नरम दल […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

सेकंड लेफ्टिनेंट राघोबा राणे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

पाक हमले के दौरान 18 मार्च 1948 को निर्णय हुआ कि दुश्मन पर दबाव रखने के लिए बार वाली रिज, तथा राजोरी पर कब्जा जमाया जाए ।इस काम को राजौरी नौशेरा मार्ग का साफ होना बहुत जरूरी था। 8 अप्रैल 1948 को यह काम मुंबई इंजीनियर्स के सेकंड लेफ्टनंट राम राघोबा राणे को सौंपा गया। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गोस्वामी तुलसीदास जयंती : तुलसीदास ने भी बादशाह अकबर को कहा है चोर और लुटेरा

‘रामचरितमानस’ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं क्योंकि अंग्रेजी साहित्य में जो स्थान शेक्सपियर का है और संस्कृत में कालिदास का, वही स्थान उनका खरी बोली में है। उनका जन्म श्रवण महीने में शुक्ल पक्ष के सप्तमी को हुआ था। माना जाता है कि वो मुग़ल बादशाह अकबर के सामानांतर […]

Exit mobile version