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इतिहास के पन्नों से

कोणार्क सूर्य मंदिर की गौरवमयी कहानी

कोणार्क सूर्यमन्दिर – : अपरा इतिहास परा इतिहास से अब हम अपरा इतिहास की ओर चलते हैं। नरसिंह से मिलते जुलते रूप में सूर्य का उकेरण मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता में भी मिलता है। अपनी तीखी ताप के कारण वहाँ भी सूर्य उग्र रूप में चित्रित है और उसका एक प्रकार सिंह जाति का प्राणी […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

विश्व गुरु रहे भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण तिथियां

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 जो राष्ट्र पूरे विश्व का गुरु है, उसका इतिहास जानिए:-‘भारतीय ऐतिहासिक कालानुक्रम'(क्रोनोलॉज़ी) मेरे सर्वाधिक प्रिय विषयों में से है और विगत डेढ़ दशक से मैं इस विषय पर अन्वेषण और लेखन-कार्य कर रहा हूँ।इस सन्दर्भ में सन् २००९ में मेरी पुस्तक ‘भगवान् बुद्ध और उनकी इतिहाससम्मत तिथि’ इलाहाबाद से प्रकाशित हुई थी जिसका विद्वज्जगत् […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

मनुस्मृति और नारी जाति

डॉ विवेक आर्य भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने कल लिख दिया मनु ने नारी […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्न बनाम अकबर के नवरत्न

अकबर के नौरत्नों से इतिहास भर दिया पर महाराजा विक्रमादित्य के नवरत्नों की कोई चर्चा पाठ्यपुस्तकों में नहीं है । जबकि सत्य यह है कि अकबर को महान सिद्ध करने के लिए महाराजा विक्रमादित्य की नकल करके कुछ धूर्तों ने इतिहास में लिख दिया कि अकबर के भी नौ रत्न थे । राजा विक्रमादित्य के […]

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इतिहास के पन्नों से

सावरकर और गांधी

इतिहास में ऐसे नायक कम ही हैं, जिन्हें विनायक दामोदर सावरकर की तरह तीखे और धूर्ततापूर्ण दुष्प्रचार अभियानों का सामना करना पड़ा हो। ये वही सावरकर हैं, जिन्होंने एम.एन. रॉय, हीरेंद्रनाथ मुखर्जी और एस.ए. डांगे जैसे भारत के शुरुआती कम्युनिस्ट नेताओं समेत अनेक राजनीतिक नेताओं और राष्ट्रभक्तों को प्रेरित किया था। लेकिन, अपने पूर्ववर्तियों के […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता आपस में बैर रखना अध्याय – 10 ( 3 ) देश का विभाजन और आजादी के बाद की राजनीति

देश का विभाजन और आजादी के बाद की राजनीति अलिखित रूप से अंग्रेजों और मुसलमानों के बीच बनी उपरोक्त सहमति पर काम करते हुए वर्ष 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार अंग्रेज अपनी इसी नीति के आधार पर लाए थे । उन्होंने आगे चलकर ‘भारत सरकार अधिनियम’ लागू किया और उसमें भी मुस्लिम साम्प्रदायिकता को प्रोत्साहित करने […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

वैदिक साहित्य के प्रमुख प्राचीन ग्रंथ मनुस्मृति का महत्व

ओ३म् ============ समस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का गौरवपूर्ण स्थान है। मनुस्मृति के विषय में महर्षि दयानन्द जी ने अपने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में कहा है कि यह मनुस्मृति सृष्टि की आदि मे उत्पन्न हुई है। मनुस्मृति से अधिकांश वैदिक मान्यताओं का प्रकाश होता है। प्राचीन काल में विद्यमान मनुस्मृति वेदानुकूल ग्रन्थ था जो समाज के […]

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इतिहास के पन्नों से

तपस्विनी राजमाता अहिल्याबाई होलकर

31 मई/जन्म-दिवस भारत में जिन महिलाओं का जीवन आदर्श, वीरता, त्याग तथा देशभक्ति के लिए सदा याद किया जाता है, उनमें रानी अहल्याबाई होल्कर का नाम प्रमुख है। उनका जन्म 31 मई, 1725 को ग्राम छौंदी (अहमदनगर, महाराष्ट्र) में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। इनके पिता श्री मनकोजी राव शिन्दे परम शिवभक्त थे। […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गुरु अर्जुन देव जी का ऐतिहासिक बलिदान

30 मई/बलिदान-दिवस पर शत शत नमन   हिन्दू धर्म और भारत की रक्षा के लिए यों तो अनेक वीरों एवं महान् आत्माओं ने अपने प्राण अर्पण किये हैं; पर उनमें भी सिख गुरुओं के बलिदान का उदाहरण मिलना कठिन है। पाँचवे गुरु श्री अर्जुनदेव जी ने जिस प्रकार आत्मार्पण किया, उससे हिन्दू समाज में अतीव […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 10 ( 2) अंग्रेजों की मुस्लिमपरस्ती को कांग्रेस का समर्थन और देश विभाजन

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना , अध्याय – 10 ( 2 ) अंग्रेजों ने मुस्लिमों को समझा दिया था…… भारत में मुस्लिम सांप्रदायिकता शासन द्वारा प्रायोजित होती रही थी । अंग्रेजों ने इस तथ्य को समझकर मुस्लिमों को अपना समर्थन प्रदान कर उन्हें यह बात धीरे से समझा दी कि वह […]

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