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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

इतिहास तो यह है : आज के दिन ही राजा सुहेलदेव ने हराई थी मुस्लिमों की 11लाख की सेना

  1001 ई0 से लेकर 1025 ई0 तक महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को लूटने की दृष्टि से 17 बार आक्रमण किया तथा मथुरा, थानेसर, कन्नौज व सोमनाथ के अति समृद्ध मंदिरों को लूटने में सफल रहा। सोमनाथ की लड़ाई में उसके साथ उसके भान्जे सैयद सालार मसूद गाजी ने भी भाग लिया था। 1030 ई. में […]

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इतिहास के पन्नों से

कोणार्क सूर्य मंदिर – 4 , स्त्री पुरुष संयोग और स्थापत्य के कुछ पहलू, भाग – 2

कोणार्क सूर्यमन्दिर उपासना के अंतर्निहित भावों और देवस्थलों को स्थूल रूप देने के पीछे स्त्री पुरुष संयोग के सूक्ष्म और प्रकट तरीकों के कारण और कुछ प्रकार हम पिछली कड़ी में देख चुके हैं। दार्शनिक चित्रण, मंत्र, स्थापत्य, मिथकीय चित्रण और आधुनिक स्थापत्य में भी निर्माण के दर्शक पर पड़ने वाले सकल स्त्री या पुल्लिंग […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्नद्रष्टा महान बलिदानी बंदा बैरागी

महान बलिदानी- बंदा बैरागी 9 जून/बलिदान-दिवस आज बन्दा बैरागी का बलिदान दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्यूंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठयक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

निराशा भाव से भरे इस इतिहास को जला दो

शाहजहां और औरंगजेब के काल में जिस पश्चिम (यूरोपियन देशों के लोग ) से भारत पर नए आक्रमण की तैयारियां प्रारंभ होने लगी थी , भारत अब उनसे जूझने की तैयारियां करने लगा था। मुगल बादशाहों ने इन विदेशी लोगों की हिंदुओं के साथ क्रूरता के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की । समकालीन इतिहास का […]

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कोणार्क सूर्य मंदिर : 3 – स्त्री पुरुष संयोग और स्थापत्य के कुछ पहलू

कोणार्क सूर्यमन्दिर चेतावनी: मन्दिर यात्रा अब उस क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है जहाँ गम्भीर और पूर्वग्रहमुक्त पाठन की माँग है। कुछ शब्द, सामग्री और चित्रादि सम्वेदनशील जन को लज्जास्पद लग सकते हैं। हालाँकि गणित, स्थापत्य, ज्यामिति, साहित्यादि के कारण इसके रोचक होते जाने की भी आशंका है 😉 स्वविवेक से निर्णय लें कि इस […]

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मेरे भाई बिस्मिल : श्रीमती शास्त्री देवी ( अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की बहन )

  मेरा जन्म सन् १९०२ में हुआ था। भाई रामप्रसाद बिस्मिल के चार साल बाद मैं पैदा हुई थी। भाई जी मुझ पर बहुत स्नेह रखते थे। मेरे पिता के खानदान में लड़कियों को होते ही मार डालते थे। मेरे मारने के लिये बाबा और दादी ने मेरी माताजी को कहा, मगर माताजी ने नहीं […]

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हिंदू समाज का प्रहरी है आर्य समाज

  (इतिहास का एक लुप्त पृष्ठ) डॉ विवेक आर्य अविभाजित भारत में पंजाब का क्षेत्र विशेष रूप से लाहौर आर्यसमाज की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र तो था। आर्यसमाज का प्रचार पंजाब क्षेत्र के साथ साथ सिन्ध क्षेत्र में भी खूब फैला। जिस प्रकार पंजाब की मिटटी विधर्मियों के आक्रमण से पीछे एक हज़ार वर्षों से […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

कोणार्क सूर्य मंदिर – 2 , जिहादी इस्लाम पर विजय का स्मारक

  … अपने जन्म के कुछ ही वर्षों के भीतर फारस सहित भारत पर ज़िहादी आक्रमण करने वाला इस्लाम 500 वर्षों से भी अधिक पुराना हो चला है किन्तु उसमें सहिष्णुता के चिह्न लेश भर नहीं हैं। भारत को दारुल इस्लाम बनाने के लिये एक ओर असि अत्याचार है तो दूसरी ओर आक्रान्ता ग़ोरी के […]

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शिवाजी महाराज का आदर्श चरित्र हम सबके लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत है

  डॉ राकेश कुमार आर्य   1674 तक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने लिए पर्याप्त क्षेत्र को जीत चुके थे । जिसके आधार पर वह अपने आप को राजा घोषित कर सकते थे ,और अब उन्होंने इसी दिशा में सोचना आरंभ भी कर दिया था । उधर मुगल सत्ता उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थी। अतः […]

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कोणार्क सूर्य मंदिर की गौरवमयी कहानी

कोणार्क सूर्यमन्दिर – : अपरा इतिहास परा इतिहास से अब हम अपरा इतिहास की ओर चलते हैं। नरसिंह से मिलते जुलते रूप में सूर्य का उकेरण मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता में भी मिलता है। अपनी तीखी ताप के कारण वहाँ भी सूर्य उग्र रूप में चित्रित है और उसका एक प्रकार सिंह जाति का प्राणी […]

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