चंद्र प्रकाश कृषि कानून, मुसलमानों का उत्पीड़न और नागरिक स्वतंत्रता जैसे विषयों पर दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने के प्रयास हो रहे हैं। देश में असहमति और सरकार की नीतियों के विरोध के बहाने देश विरोधी ताकतों के इशारे पर कुछ कठपुतलियां उनके मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी हैं। हर बार […]
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डॉ. जीतराम भट्ट कुछ लोगों का कहना है कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ की ही भाषा है। किन्तु यह सत्य नहीं है। संस्कृत-साहित्य के केवल पॉच प्रतिशत में धर्म की चर्चा है। बाकी में तो दर्शन, न्याय, विज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि विषयों का प्रतिपादन हुआ है। संस्कृत पूर्ण रूप से समृद्ध भाषा है। ग्रीक और […]
मिश्र की लोकमाता नदी का ‘नील’ नाम शुद्ध संस्कृत है, ऐसा पाश्चात्य अन्वेषक कहते हैं। प्राचीन काल के भारतीयों के भौगोलिक ज्ञान के विषय में जिन्होंने गहरा अध्ययन किया है, वह Francis Wilford (1761–1822) कहते हैं कि “भारतीय पुराणों में वर्णित शंख के आकारवाला द्वीप अफ्रीका ही है।’ नील नदी के उद्गम के विषय […]
ओ३म् ========== हम मनुष्य कहलाते हैं। वस्तुतः सदाचार को धारण कर ही हम मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये सद्ज्ञान प्राप्त करने सहित पुरुषार्थ वा आचरण भी करना होता है। क्या हम सब ज्ञानी वा विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर व शब्द में मिलता है। जब हम विद्यावान […]
“धमनी वृक्ष” जो कुछ भी प्रकृति में ,वही सब कुछ हमारे शरीर में है| इसीलिए” यथा ब्रह्मांडे तथा पिंडे” कहा गया है | मानव शरीर में रक्त की आपूर्ति ,शुद्ध रक्त हृदय से अंगों तक पहुंचाने के लिए दूषित रक्त को अंगों से हृदय तक वापसी के लिए धमनियों शिराओं का 100000 किलोमीटर लंबा अंतरजाल […]
प्रायः यह कहा जाता है कि यदि हिंदुओं को तलवार या धन के कारण मुस्लिम या ईसाई बनया जाता तो आज एक भी हिन्दू नहीं बचता। हिंदुओं कि रक्षा के लिए धर्म सत्ता ( संत कबीर, रविदास, सुंदरदास, समर्थ गुरु रामदास और महर्षि दयानन्द आदि ) और राजसत्ता ( शिवाजी, राणा प्रताप और दुर्गादास आदि) […]
दिव्या आर्य (दिल्ली) ये बंटवारे के बीच मोहब्बत की सच्ची कहानी है। अपना प्यार पाने के लिए धर्म बदलने और देश बदलने की जद्दोजहद के बाद भी सरकारों से झगड़ते प्रेमियों की कहानी। साल 1947। रावलपिंडी के पठान ख़ानदान की इस्मत तब सिर्फ़ 15 साल की थी। और अमृतसर के लालाजी के परिवार का जीतू […]
सुशोभित सक्तावत अब्राहम लिंकन की “प्रेसिडेंशियल टाइमलाइन” “अमेरिकन सिविल वॉर” के एकदम समांतर थी। 1861 से 1865 तक! यानी लिंकन का लगभग पूरा कार्यकाल गृहयुद्ध से जूझते बीता। लेकिन यह सिविल वॉर था क्या? यह अमेरिकी मेनलैंड और “साउथ” में बसे अश्वेतों के बीच छिड़ी स्वायत्तता की लड़ाई थी, जिसमें साउथ के मिसिसिपी, टेक्सस, टेनसी, […]
यदि आपके घर में काम करने वाले नौकर से कोई आकर कहे, कि तुम्हारा मालिक तुमसे ज्यादा क्यों कमा रहा है? तुम उसके यहां काम मत करो, उसके खिलाफ आंदोलन करो, उसे मारो और अगर जरूरत पड़े तो हथियार उठाओ, हथियार मैं ला कर दूंगा। यह सलाह देने वाला व्यक्ति कम्युनिस्ट है.. यदि आपके घर […]
कश्मीर के शासकों की सूची (3238 ई.पू.-1154 ई.) (जी गुरु जी इसका हेडिंग बदलने की कृपा करें।) कश्मीर के इतिहास में कश्मीरी कवि कल्हण की राजतरंगिणी ही मुख्य है। कल्हण के पहले सुव्रत, क्षेमेन्द्र, हेलाराज, नीलमुनि, पद्ममिहिर और छविल्लभट्ट आदि ग्रंथकार हुए हैं, किन्तु इनमें से कई के ग्रन्थ अप्राप्य हैं। कल्हण ने लिखा है […]