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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश का विभाजन और सावरकर , अध्याय 6 ( ख ) सावरकर जी का हिंदुत्व

उपरोक्त लेखक हिमांशु की मान्यता है कि मुसलमानों की इस प्रकार की भारत विरोधी सोच को समझकर ही सावरकर जी जैसे नेताओं ने अपनी लेखनी को पैना किया था। उन्होंने देशवासियों का जागरण करते हुए ‘हिंदुत्व’ जैसी पुस्तक की रचना की। इसके बारे में उपरोक्त गांधीवादी लेखक महोदय लिखते हैं कि ‘भारत को हिंदू राष्ट्र […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश का विभाजन और सावरकर , अध्याय 6 ( क ) वीर सावरकर का हिंदुत्व

कांग्रेस या तो इस्लाम के फंडामेंटलिज्म के प्रति जानबूझकर आंखें मूंदे रही या उसकी समझ में इस्लाम के फंडामेंटलिज्म का सच आया नहीं। ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस पर ब्रिटिश सरकार का भी यही दबाव रहा हो कि वह मुस्लिम लीग के साथ मिलकर चले। कुछ भी हो सच यही है कि कांग्रेस […]

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संपादकीय

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन को जब यासर अराफात बीच में छोड़कर लौटने लगे थे अपने देश

बात 1983 की है। जब गुटनिरपेक्ष आंदोलन का सातवां शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया गया था। नई दिल्ली को उस समय दुल्हन की तरह सजाया गया था। उस समय देश का नेतृत्व एक सक्षम और मजबूत प्रधानमंत्री के रूप में श्रीमती इंदिरा गांधी कर रही थीं। उनके समय में कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए […]

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संपादकीय

मुस्लिम वक्फ बोर्ड और आम नागरिक

1947 के बंटवारे को हम सब देशवासियों को एक गंभीर चुनौती और दुखद त्रासदी के रूप में लेना चाहिए । देश के संजीदा लोग इस बात पर सहमत भी हैं कि हमें देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। इसके उपरांत भी कुछ लोग हैं जो अभी भी देश […]

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Uncategorised संपादकीय

क्या भाजपा ‘इण्डिया’ से ‘भारत’ को कर पाएगी मुक्त ?

इस समय देश में ‘भारत बनाम इंडिया’ की बहस चल रही है। जो लोग इसे भारत के ‘नाम परिवर्तन’ के साथ जोड़कर देख रहे हैं उनका तर्क है कि देश के संविधान निर्माताओं ने जो नाम रख दिया, वही उचित है। उनके दृष्टिकोण में भारत का नाम ‘इंडियन यूनियन’ ही रहना चाहिए । जो लोग […]

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संपादकीय

‘एक देश एक चुनाव’ समय की आवश्यकता

‘एक देश एक चुनाव’ के विचार की आवश्यकता बहुत देर से अनुभव की जा रही थी। यदि प्रशासनिक स्तर पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि हर छठे महीने कोई ना कोई चुनाव देश में होता रहता है। इससे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग होता है। धन भी अधिक खर्च होता है । इसके […]

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संपादकीय

भारत के राष्ट्रवादी मुसलमान : अराजक तत्वों के खिलाफ बनना पड़ेगा ‘मदारी बाबा’

राष्ट्र हमारी सोच में निवास करता है। इस सोच के वशीभूत होकर हम अपने समस्त देशवासियों को अपना भाई-बहन मानते हैं । जब भी हमारी सामूहिक चेतना आगे बढ़ने का निर्णय लेती है या आगे बढ़कर कुछ कर दिखाती है तो चाहे चंद्रयान-3 अभियान हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक हो, सभी पर हमको समान रूप […]

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संपादकीय

“मोहब्बत की दुकान” से बिकता नफरत का सामान

अजीज कुरैशी कांग्रेस के बड़े नेता हैं। कांग्रेस की परंपरागत तुष्टिकरण की नीति के चलते इन जैसे नेताओं को एक वर्ग विशेष के विरुद्ध बोलने का और घृणा का व्यापार करने का पूरा अधिकार प्राप्त रहता है। आजादी से पहले भी कांग्रेस के मंच से नफरत का माहौल बनाने में कांग्रेस के तत्कालीन मुस्लिम नेताओं […]

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संपादकीय

“आराम हराम है”- प्रधानमंत्री नेहरू से लेकर मोदी तक

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से लगातार अपना 10 वां भाषण दिया है। वह देश के ऐसे पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जिन्हें निरंतर 10 बार लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अबसे पहले कांग्रेस के पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने लगातार […]

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संपादकीय

अविश्वास प्रस्ताव के समय योगी मॉडल की भी चर्चा होनी अपेक्षित थी

संसद में मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को संसद के मंच से और भी अधिक मुखरता के साथ प्रस्तुत करने का सरकार को अवसर उपलब्ध करा दिया। प्रधानमंत्री मोदी और उनके लोगों के द्वारा भी इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया गया। इस सारे राजनीतिक घटनाक्रम में […]

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