Categories
आज का चिंतन

वेद सच्चिदानंदस्वरूप, सर्वज्ञ और सर्व व्यापक परमात्मा से उत्पन्न हुए हैं

ओ३म् =============== सूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […]

Categories
आज का चिंतन

वेदों में राष्ट्रभक्ति के मंत्र

वयं तुभ्यं बलिहृत: स्याम(अथर्ववेद 12/1/62) हम सब मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले हों। अधि श्रियो दधिरे पृश्निमातर: ( ऋ. 1/85/2)* पृथ्वी को माता मानने वाले देशभक्त सम्मान को अपने अधिकार में रखते है । उग्रा हि पृश्निमातर:( ऋ.1/23/10) (पृश्निमातर:) देशभक्त (हि) सचमुच (उग्रा:) तेजस्वी होते है। यस्मान्नानयत् परमस्ति भुतम् (अथर्ववेद 10/7/31) स्वराज्य से बढ़कर […]

Categories
आज का चिंतन इतिहास के पन्नों से

ऋषि दयानंद ने वेदों में भरे ज्ञान भंडार से समाज व मानव जाति को परिचित कराया

ओ३म् ========== महाभारत के बाद वेदों की रक्षा एवं प्रचार के लिये उत्तरादायी लोगों के आलस्य प्रमाद के कारण वेद विलुप्त हो गये थे और देश व समाज में वैदिक ज्ञान के विपरीत अन्धविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियां आदि प्रचलित हो गईं थी। इसी कारण हमारा पतन व देश की पराधीनता जैसे कार्य हुए। ऋषि दयानन्द […]

Categories
आज का चिंतन

वैदिक धर्मी माता पिता की संतान का जीवन उत्तम होता है

ओ३म् ======== देहरादून निवासी श्री कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री वरिष्ठ वैदिक विद्वान हैं। आपने स्कूल वक कालेज की शिक्षा प्राप्त की और उसके आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च सरकारी पद संयुक्त कमिश्नर को सुशोभित किया। अपने सरकारी पद पर कार्य करते हुए उन्होंने संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया। सेवा निवृत्ति के बाद गुरुकुल […]

Categories
आज का चिंतन

हे जीव ! तू प्रकृति से पीठ फेर और ईश्वर की ओर चल

प्रिय आत्मन ! प्रातः कालीन पावन बेला में समुचित सादर अभिवादन एवं शुभ आशीर्वाद। ईश्वर सर्वव्यापक है जब हम यह जानते हैं कि वह सर्वत्र व्याप्त है और केवल आत्मा साक्षी है। इसलिए कोई जगह , कोई कोना , कोई कण, कोई वस्तु ऐसी नहीं जिसमें ईश्वर न हो। तथा आत्मा साक्षी ना हो। इसका […]

Categories
आज का चिंतन

विश्व का सबसे प्रथम व्यवसाय शिक्षा प्रदान करना है

दार्शनिक विचार आप किसी विदेशी द्वारा लिखी पुस्तक उठा कर देखिये। उसमें लिखा है कि विश्व का सबसे प्रथम व्यवसाय वेश्या वृति है। अचरज मत करे। आप इंटरनेट पर खोज करके देखे। सत्य आपके समक्ष आ जायेगा। पश्चिम की इस मान्यता का अनुसरण हमारे भारत के वामपन्थी आँख बंद कर करते हैं। पर कभी किसी […]

Categories
आज का चिंतन

वैदिक धर्म त्रैतवाद, पुनर्जन्म, कर्म फल और मोक्ष के सिद्धांतों के कारण यथार्थ और महान है

ओ३म् =========== संसार में अनेक मत-मतान्तर प्रचलित हैं। यह सब मत-मतान्तर ही हैं परन्तु इसमें धर्म वेदों से आविर्भूत सिद्धान्तों के पालन को ही कहते हैं। वेद क्या हैं? वेद ईश्वर से प्राप्त उस ज्ञान को कहते हैं जिसमें इस सृष्टि के प्रायः सभी रहस्यों जो मनुष्यों के जानने योग्य होते हैं तथा जिसे प्राप्त […]

Categories
आज का चिंतन

हे दयानिधे! तुझे किन किन नामों से पुकारें ?

प्रिय आत्मन । प्रातः कालीन सादर समुचित अभिवादन एवं शुभाशीष। ईश्वर अजन्मा है । ईश्वर का आदि अंत नहीं है। ईश्वर अंतर्यामी है । ईश्वर सभी काल में विद्यमान रहता है । इसलिए कहा जाता है कि हे ईश्वर तू ही तू है । तू ही माता है । तू ही पिता है। तू ही […]

Categories
आज का चिंतन धर्म-अध्यात्म

उपनिषदों में विज्ञान के रहस्य

समय के आगे बढ़ने के साथ मनुष्यों के ज्ञान के बढ़ने की बात आते ही हमें माण्डुक्य उपनिषद की याद आ जाती है। अथर्ववेद का ये उपनिषद आकार में सबसे छोटे उपनिषदों में गिना जाता है। इसके साथ ही ये उपनिषद सबसे अधिक विवादों की जड़ में रहा उपनिषद भी है। ये मुक्तिका के 108 […]

Categories
आज का चिंतन

प्रातः काल की बेला सत्संग की गंगा है

प्रिय अत्मन! प्रातः काल की पावन बेला में सुप्रभातम। श्रद्धेय पिताश्री जीवन में ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करते थे। प्रातः काल में ईश्वर की उपासना ,भक्ति और प्रार्थना में भजन गाया करते थे। श्रद्धेय पिताश्री बताया करते थे कि जैसे सतयुग, त्रेता ,द्वापर और कलयुग चार युग हैं इसी प्रकार से एक दिन को […]

Exit mobile version