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संपादकीय

राष्ट्रीय साक्षरता अभियान, भाग-3

आज जो शिक्षा हमें दी जा रही है वह निर्मम शिक्षा है, यह शिक्षा इस भूमि को बांझ बना रही है। ‘गर्भनिरोधक’ गोलियां दे देकर हमारी मातृशक्ति को बांझ बना रही है। नारी को विषय भोग की वस्तु बना रही है। जबकि भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली बांझपन को नहीं उत्पादकता को और विषय भोग […]

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धर्म-अध्यात्म

योग का वास्तविक रूप- भाग 3

भाइयों बहनों! योगी महान होता है वह पाप पुण्य कर्मों से रहित होता है। कहा भी है – कर्माशुक्लाकृष्ण योगिनस्त्रिविधमितरेषाम्*॥योग दर्शन।कैवल्यपाद। 7॥ योगी का कर्म पाप पुण्य से रहित होता है, अन्य अयोगी व्यक्तियों का तीन प्रकार का होता है। अर्थात् पुण्य, पाप व निष्काम कर्म। अत: हम सभी को योग को अपनाना चाहिए। जैसा […]

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शिक्षा/रोजगार

एक-दूसरे से जुड़े हैं योग और नैतिक शिक्षा

हीरा दत्त शर्मा सामाजिक नियमों का पालन करना उस समाज के सदस्यों पर निर्भर करता है। इन सद्गुणों को समाज तभी ग्रहण कर पाएगा, जब स्कूली स्तर से ही बच्चों में सदाचार के इन नियमों का पालन करने की आदत डाल दी जाए। इन अच्छी आदतों के विकास में योग एक अहम भूमिका निभा सकता […]

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अन्य

योग का इतिहास….

योग की उत्पत्ति संस्कृत शब्द युजष् से हुई है, जिसका अर्थ जोडऩा है। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। पहला है. जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते तब तक समाधि तक पहुंचना असंभव होगा। योग का अर्थ परमात्मा से मिलन है। भारत के छह […]

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अन्य कविता

योग की महिमा

योग ऋत है , सत् है, अमृत है।योग बिना जीवन मृत है।। 1. योग जोड़ है, वेदों का निचोड़ है।योग में ही व्याप्त सूर्य नमस्कार बेजोड़ है।। 2. योग से मिटती हैं आधियाँ व्याधियाँ।योग से मिटती हैं त्वचा की कोढ़ आदि विकृतियां।।3. योग जीवन को जीने की जडी बूटी है।योग ज्ञानामृत पीने की खुली हुई […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत की बेजोड़ विरासत योग का अनुचित विरोध

संजय गुप्त अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब भारत के बारे में बाकी दुनिया, विशेष रूप से पश्चिमी जगत में दो तरह की धारणाएं विद्यमान थीं। पहली धारणा यह थी कि भारत का मतलब उत्पीडऩ, भुखमरी, बीमारी और बूचडख़ाना है। दूसरी धारणा के रूप में भारत की छवि एक ऐसे देश की थी, जहां साधुओं, […]

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संपादकीय

गांधी परिवार का योग से वियोग

यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि जब सारा देश और सारा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा था और भारत इस दिवस की गौरवानुभूति में आत्ममुग्ध था, तब कांग्रेस का ‘मुखिया गांधी परिवार’ विदेशों में छुट्टी मना रहा था। सोनिया गांधी ऐसे किसी भी कार्यक्रम में सम्मिलित और उपस्थित हो सकती थीं, जिसमें चर्च के पवित्र कार्यों […]

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विशेष संपादकीय

योग को साम्प्रदायिक रंग मत दो

योग चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम है। चित्त की वृत्तियां हर व्यक्ति को समान रूप से दुखी करती हैं। यदि उन पर व्यक्ति नियंत्रण स्थापित कर लेता है तो व्यक्ति महानतम कार्यों का निष्पादन करने में सफल हो जाता है। आज इसी योग को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में हम […]

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राजनीति

विश्व शांति के लिए योग ही एक उपाय:मोदी

व्यूरो कार्यालय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में जाकर जिस प्रकार मीडिया में मोदी का ‘इंडिया फीवर’ चढ़ाने में सफलता हासिल की है, उससे हर भारतीय को गर्व और गौरव की अनुभूति हुई है। मोदी ने अमेरिका में जहां भी कदम रखा है, वहीं ‘मोदी-मोदी’ का शोर सुनने को मिला, जिससे लगा कि […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

योग क्या है?

डा कपिल देव द्विवेदी गतांक से आगे -साधना के विघ्नः साधना एक लम्बी प्रक्रिया है। इसमें कुछ मास ही नहीं, अपितु कई वर्ष भी लग जाते हैं। अतः साधक को बड़े धैर्य से काम करना होता है। प्रत्येक कार्य में विघ्न आते हैं, उसी प्रकार साधना में भी अनेक विघ्न आते हैं। उनको पार करना […]

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