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इतिहास के पन्नों से

कम्युनिज्म (साम्यवाद) का काला इतिहास

लेखक : डॉ. शंकर शरण रूस में 25 अक्तूबर (या 7 नवंबर) 1917 की घटना को पहले अक्तूबर या नवंबर क्रांति कहा जाता था, लेकिन 1991 में कम्युनिज्म के विघटन के बाद स्वयं रूसी उसे ‘कम्युनिस्ट पुत्स्च’ यानी “तख्तापलट” कहने लगे, जो वह वास्तव में था। उस दिन सेंट पीटर्सबर्ग में ब्लादिमीर लेनिन के पागलपन […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर के दर्शन का साधन ओंकार

प्रियांशु सेठ वेद ने भी और उपनिषदों ने भी ‘ओ३म्’ द्वारा ईश्वर के दर्शन का आदेश दिया है। ‘ओ३म्’ के द्वारा पर-ब्रह्म और अपर-ब्रह्म के दर्शन होते हैं। अरा इव रथनाभौ संहता यत्र नाडय: स एषोअन्तश्चरते बहुधा जायमान:। ओमित्येवं ध्यायथ आत्मानं स्वस्ति व: पाराय तमस: परस्तात्।। मुण्डक २।२।६।। “जिस प्रकार से रथ के पहिये के […]

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इतिहास के पन्नों से

आगरा के सेन्ट पीटर्स चर्च में पहुंचे महर्षि दयानन्द – फिर क्या हुआ ?

संकलन : भावेश मेरजा आर्य धर्म के उन्नायक स्वामी दयानन्द सरस्वती 27 नवम्बर 1880 को मेरठ से आगरा पहुंचे । यहां उन्होंने विभिन्न विषयों पर अनेक व्याख्यान दिए जिनकी एक सूची ‘भारत सुदशा प्रवर्त्तक’ के जनवरी 1881 के अंक में प्रकाशित हुई थी । स्वामी के व्याख्यानों से उत्पन्न प्रभाव के परिणाम स्वरूप 26 दिसम्बर […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

आत्मगौरव और स्वतंत्रता के भाव से पूरित विभिन्न हिन्दू राजवंश

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास – भाग – 426 वे थमें नहीं, हम थके नहीं अध्याय-1 डॉ राकेश कुमार आर्य स्वामी विवेकानंद और योगी अरविंद का मत रहा है कि भारत की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विरासत की आध्यात्मिक महानता पर बल देना और उसे बनाए रखने के लिए […]

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धर्म-अध्यात्म

जीवन क्या है ?

लेखक – आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा जब हम इस सवाल के जवाब में जुटते हैं तो पता चलता है दुनिया भर के विविध मनुष्य जो कुछ भी जानकर या मानकर कर रहे हैं ,उनके अनुसार वही जीवन का विविध रूप है। हमारे संस्कार, हमारा परिवार, जिस शहर में हमारा पालन पोषण हुआ है, हमारा […]

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धर्म-अध्यात्म

मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद हैं

मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से देश विदेश

चिकन नेक, बांग्लादेश, चीन और भारत

डॉ राकेश कुमार आर्य बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद यूनुस का वहां की सत्ता पर काबिज होना मात्र संयोग नहीं था। इसके पीछे वे सभी भारत विरोधी शक्तियां काम कर रही थीं जो भारत को घेरकर रखने में अपनी भलाई समझती हैं। भारत विरोधी शक्तियों की इसी मानसिकता के चलते मोहम्मद यूनुस के […]

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उगता भारत न्यूज़

सात्त्विकता और धर्माचरण के बिना स्थायी विकास असंभव – दिल्ली सम्मेलन में हुआ शोध प्रस्तुत

हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ‘रूरल इकॉनॉमिक फोरम’ में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय और स्पिरिचुअल साइंस रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त शोध में यह स्पष्ट किया गया कि प्राचीन भारतीय धर्मशास्त्रों में वर्णित ‘सात्त्विकता’, धर्माचरण, भारतीय गौ माता का महत्व और नामजप (sadhana) आदी वास्तव में स्थायी विकास के मूल तत्व हैं। मानव जीवन और […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

प्राइवेट सिस्टम का खेल : आम आदमी की जेब पर हमला

भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं। प्राइवेट स्कूल सुविधाओं की आड़ में अभिभावकों से मनमाने शुल्क वसूलते हैं—ड्रेस, किताबें, यूनिफॉर्म, कोचिंग—सब कुछ महँगा और अनिवार्य बना दिया गया है। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल डर और भ्रम का माहौल बनाकर मरीजों से मोटी रकम […]

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भ्रांति निवारण शंका-समाधान

क्या हनुमान आदि वानर बन्दर थे ?

(हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर विशेष रूप से प्रचारित ) वाल्मीकि रामायण में मर्यादा पुरुषोतम श्री राम चन्द्र जी महाराज के पश्चात परम बलशाली वीर शिरोमणि हनुमान जी का नाम स्मरण किया जाता हैं। हनुमान जी का जब हम चित्र देखते हैं तो उसमें उन्हें एक बन्दर के रूप में चित्रित किया गया हैं […]

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