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व्यक्तित्व

डॉ अम्बेडकर का राष्ट्रवादी चिंतन

डॉ विवेक आर्य भारतीय राजनीति अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जैसे अपने क्रांतिकारियों को जाति के आधार पर विभाजित कर लेती है वैसे ही महान व्यक्तित्वों को भी हमने जाति भेद के आधार पर विभाजित कर लेती है। डॉ अम्बेडकर। यह नाम सुनते ही पाठकों के मन में एक दलितों के अधिकारों के […]

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इतिहास के पन्नों से

जालियाँवाला बाग हत्याकांड की कहानी

डॉ विवेक आर्य जालियाँवाला बाग हत्याकांड (Jalianwala Bagh Massacre) की कहानी सुनते ही आज भी हर भारतीय की रूह कांप जाती है। यह ऐसा बर्बर हत्याकांड अंग्रेजों ने हम भारतीयों पर किया था। जिसकी निंदा आज तक की जाती है। अंग्रेजों के द्वारा किये गए इस बर्बर हत्याकांड के लिए आज भी ब्रिटेन के उच्च […]

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भारतीय संस्कृति व्यक्तित्व

दुनिया को नृत्य व नाटक (अभिनय) सिखाने वाले भरत मुनि

लेखक – आर्य सागर यूनेस्को ने आज ‘मेमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में भागवत गीता व भरत मुनि रचित नाट्यशास्त्र को शामिल किया है। गीता जो महाभारत का ही एक अंश है उससे अधिकांस सनातन धर्मी गीता पारायण करने जिज्ञासु जन परिचित है लेकिन नाट्य शास्त्र से आज भी बहुत कम लोगों का परिचय है। […]

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आज का चिंतन

कोई समस्या नहीं होती, जो हल न हो सकती हो

किसी भी रात का अंधेरा इतना बलवान नहीं होता, कि वह सवेरा होने ही न दे। लगातार रात ही रात चलती रहे। “रात का समय अवश्य ही पूरा होता है, फिर सुबह सूर्य निकलता है, सब कुछ साफ दिखता है, और सब परेशानियां दूर हो जाती हैं।” ठीक इसी प्रकार से जीवन में भी समस्याएं […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 14)

डॉ राकेश कुमार आर्य इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 14 तब था धरती पर अंधकार नेहरू जी द डिस्कवरी ऑफ इंडिया अर्थात हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 101 पर मैक्स मूलर के इस कथन को भारत के संदर्भ में बड़े गर्व के साथ लिखते हैं […]

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धर्म-अध्यात्म

क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी रहेगा?

मनमोहन कुमार आर्य हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का […]

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वेद

वेदों को अपना लेने से विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान

मनमोहन कुमार आर्य हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा […]

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महत्वपूर्ण लेख विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत को पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने हेतु सांस्कृतिक संगठनों को भी विशेष भूमिका निभानी होगी

प्रहलाद सबनानी प्राचीनकाल में भारत विश्व गुरु रहा है इस विषय पर अब कोई शक की गुंजाईश नहीं रही है क्योंकि अब तो पश्चिमी देशों द्वारा पूरे विश्व के प्राचीन काल के संदर्भ में की गई रिसर्च में भी यह तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं। भारत क्यों और कैसे विश्व गुरु के पद पर […]

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भारतीय संस्कृति वेद

जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय, सद्व्यवहार एवं आचरण में है

मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग करते हैं व करने में समर्थ हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि […]

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इतिहास के पन्नों से

कम्युनिज्म (साम्यवाद) का काला इतिहास

लेखक : डॉ. शंकर शरण रूस में 25 अक्तूबर (या 7 नवंबर) 1917 की घटना को पहले अक्तूबर या नवंबर क्रांति कहा जाता था, लेकिन 1991 में कम्युनिज्म के विघटन के बाद स्वयं रूसी उसे ‘कम्युनिस्ट पुत्स्च’ यानी “तख्तापलट” कहने लगे, जो वह वास्तव में था। उस दिन सेंट पीटर्सबर्ग में ब्लादिमीर लेनिन के पागलपन […]

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