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विविधा

बस अल्लाह का करम है

सुबह सुबह बुजुर्ग अब्दुल चच्चा अपने घोड़े को जीन पहना रहे थे। मैने पूछा कैसे हो? वो बड़े खुश मिजाजी से बोले अल्लाह का करम है, सब इत्मीनान से हैं। मैने कहा कि चच्चा,, अब तो आपकी उम्र हो गई, वो तपाक से बोले, बेटा घोड़ा और आदमी तब तक जवान रहते हैं जब तक […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कश्मीर के लिए पटेल की आवश्यकता

31 अक्टूबर को लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर विशेष आलेख।   कश्मीर को लेकर आज के सत्ताधीश पूर्णत: असफल सिद्घ हो चुके हैं। उनकी कश्मीर नीति उनकी एक कमजोर शासक की छवि बना चुकी है। जब वह कहते हैं कि कश्मीर समस्या को वह सुलझा लेंगे तो लोगों को उनकी बात पर […]

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विविधा

गैर मुस्लिमों के त्योहारों पर गाना बजाना रसूल की सुन्नत है !

गैर मुस्लिमों के त्योहारों पर गाना बजाना रसूल की सुन्नत है ! हम देखते हैं कि जब भी हिन्दू कोई उत्सव या पर्व मनाते हैं तो उसमे भजन ,आरती आदि में संगीत और गायन का आयोजन अवश्य होता है ,और ऐसे आयोजनों में कई बार मुस्लिम युवक और लड़कियां भी शामिल हो जाती हैं , […]

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देश विदेश

आज विश्व में कई देश भारतीय मूल के नागरिकों को कर रहे हैं उच्च पदों पर आसीन

अभी हाल ही में भारतीय मूल के राजनेता श्री ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इस समाचार से स्वाभाविक रूप से भारतीय समाज में भी खुशी की लहर दौड़ गई। परंतु, ब्रिटेन के अलावा विश्व के अन्य 7 देशों में भी भारतीय मूल के राजनेताओं ने प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति का […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति अध्याय – वेदों की शाखाएं गतांक से आगे …

गतांक से आगे … होमयस्त – 1/24 में लिखा है कि – हओमो तेम् चित् यिम् केरेसानीम् अप-क्षथ्रेम् निषधयत्, योरओस्ते क्षथ्रो काम्य यो दवत् नोइत में अपाम् आथ्रव अइविशतीश वेरेध्ये दंध्रदूव चरात्: होवीस्पे वरेधनाम् वगात् नी वीस्पे वरेधनाम् जनात्। होनयस्त 1 । 24 । अर्थात् जो केरेसेती बादशाही के कारण बड़ा ही मगरूर हो गया […]

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इतिहास के पन्नों से

आज भी होती है नेहरू की कश्मीर नीति की आलोचना

27 अक्टूबर को ही जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। इसकी 75वीं वर्षगांठ के मौके पर देश के कानून मंत्री किरन रिजिजू ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर नीति की आलोचना की है। उन्होंने एक लेख लिखकर नेहरू की पांच गलतियां गिनाई हैं। बकौल रिजिजू नेहरू की इन पांच गलतियों से कश्मीर […]

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आज का चिंतन

( पूर्व जनम) पूरब लिखिया कमावणा कोई न मेटणहार

ऋषि राज नागर एडवोकेट संत कबीर – बाम्हन गुरु जगत का, साधु का गुरु नाहि। उरझि – उरझि कर मारि रहा, चारिउँ वेदा माहि॥ किया जप किया तप सजमो, किया बरत इसनान । जब लग जुगति न जानीऐ, भाउ भगति भगवान॥ गुरु नानक देव – जप तप करि करि संजम थाकी हठ निग्रहि पाईए । […]

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महत्वपूर्ण लेख

कश्मीर में कड़ी सतर्कता के बलबूते ही लग सकता है आतंकवाद पर अंकुश

आशीष वशिष्ठ गाजियाबाद। आतंकवादियों के निशाने पर कश्मीरी और गैर−कश्मीरी सभी हैं। आतंकवादी इसे भी ‘जेहाद’ करार दे रहे हैं। वे भारत−समर्थकों को निशाना बना रहे हैं। आतंकी नहीं चाहते कि कश्मीर की आबादी में कोई बदलाव आए, उसके समीकरण बिगड़ें। कश्मीर में टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। गत 18 अक्टूबर […]

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भारतीय संस्कृति

सत्यार्थ प्रकाश में इतिहास विर्मश ( एक से सातवें समुल्लास के आधार पर) अध्याय 9 क वेदानुकूल न्यायप्रियता और भारत की सामाजिक व्यवस्था

वेदानुकूल न्यायप्रियता और भारत की सामाजिक व्यवस्था महर्षि मनु की व्यवस्था के अनुसार प्राचीन काल में ब्राह्मण लोगों का मुख्य कार्य होता था – पढ़ना, पढ़ाना, यज्ञ करना – कराना, दान देना, लेना – ये छः कर्म हैं। ‘प्रतिग्रहः प्रत्यवरः’ मनु० अर्थात् प्रतिग्रह लेना नीच कर्म है। जिन लोगों ने ब्राह्मण के कार्यों में केवल […]

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Uncategorised

उपासना का आधार अष्टांगयोग और इसके द्वारा ही परमानन्द की प्राप्ति —-आचार्य योगेश भारद्वाज कुलपति आर्ष विद्याकुलम्

महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान हरीश महारानी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से वैदिक धर्म के मर्म से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से प्रतिदिन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित “आर्यों का महाकुंभ “में दिनांक 28 अक्टूबर 2022 शुक्रवार को ” उपासना” विषय पर प्रसिद्ध वैदिक […]

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