लक्ष्मीकांता चावला इन दिनों देश के राजनीतिक गलियारों में और सत्तापतियों में एक होड़ लगी है कि किसी तरह आगामी जनगणना जाति के आधार पर हो। पिछले वर्षों में भी आरक्षण के लिए जातियों के आधार पर कुछ गणना होती रही है और अब जो मांग की जा रही है, उसका रूप कुछ अलग है। […]
महीना: अगस्त 2021
कड़वा सच अफगानिस्तान में लगभग कोई भी हिन्दू और सिक्ख नही बचा है। इसी के साथ वहां से 3 गुरुग्रंथ भी लाए गए। इन्हें केंद्रीय मंत्री ने सम्मान के साथ लिया। कुछ समय पहले एक बहुत बड़ा वर्ग CAA का विरोध कर रहा था। कोई इमरान को यार बता रहा था तो कोई तालिबान के […]
मिथ्या शोध आक्रमणकारियों ने विश्वविद्यालय तथा पुस्तकालय जलाये। अंग्रेजों ने भी यह किया। इसके अतिरिक्त जो बचा साहित्य था, उन सभी का सत्य के ठीक उलटा शोध आरम्भ किया तथा पाठ्य क्रम में उसे ही डाला। अभी तक लोग उसी में उलझे हुए हैं। (१) भारतीयों को विदेशी तथा बाहरी को मूल निवासी बनाना-भारतीय शास्त्रों […]
यही कारण है कि राजा दाहिर सेन को जब विदेशी शत्रु आक्रमणकारी अरबों के विषय में यह समाचार मिला कि वे सिन्ध पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहे हैं तो उन्होंने भी युद्ध का सामना करने की तैयारी करना आरम्भ कर दिया। वैसे भी भारत में मानवता के शत्रुओं से युद्ध करना धर्म युद्ध […]
डॉ विवेक आर्य इस लेख को पड़ने वाले ज्यादातर वे पाठक हैं जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया.यह हमारा सौभाग्य हैं की आज हम जिस देश में जन्मे हैं उसे आज कोई गुलाम भारत नहीं कहता, उपनिवेश नहीं कहता बल्कि संसार का एक मजबूत स्वतंत्र राष्ट्र के नाम से हमें जाना जाता हैं. इस महान […]
मेजर जन. अशोक के. मेहता (अ.प्रा.) वर्ष 2001 में अफगानिस्तान से खदेड़े जा चुके तालिबान के लिए मुल्क दुबारा फतह करना एक उपलब्धि है। यह वही तालिबान है, जिसने कभी अमेरिका के लिए कहा था : ‘बेशक अमेरिका के पास घड़ियां हैं, लेकिन वक्त हमारा होगा।’ अब स्थितियां घूम-फिर कर वापस उसी बिंदु पर आ […]
गुरबचन जगत मैं अपने अंकल के कंधों पर बैठा हुआ था और हम लोग खेतों से होकर गांव के बाहर मैदान की ओर जा रहे थे। जैसे-जैसे हम नजदीक पहुंचते, बढ़ते कोलाहल से रोमांच महसूस होने लगा था। मैं उस वक्त बहुत छोटा था, कंधे पर बैठा मैं रास्ते भर गंतव्य को लेकर जिज्ञासु रहा, […]
अनूप भटनागर समाज के कमजोर और न्याय तक पहुंच से वंचित तबकों के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा अस्सी के दशक में शुरू की गयी जनहित याचिका, जो पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के नाम से ज्यादा चर्चित है, प्रणाली आज जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा और इनके प्रति उदासीन कार्यपालिका और भ्रष्ट […]
ललित गर्ग महिला समानता दिवस 26 अगस्त को मनाया जाता है। सन 1920 में इस दिन संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में 19वां संशोधन स्वीकार किया गया था। यह दिन महिलाओं को पुरुषों के समान मानने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। न्यूजीलैंड विश्व का पहला देश है, जिसने 1893 में महिला समानता की […]
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कोप्जे, मेसेडोनिया[i] में हुआ था और बारह वर्ष की आयु में उन्हें अहसास हुआ कि “उन्हें ईश्वर बुला रहा है”। 24 मई 1931 को वे कलकत्ता आई और यही की होकर रह गई। कोलकाता आने पर धन की उगाही करने के लिए मदर टेरेसा ने अपनी मार्केटिंग […]