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महत्वपूर्ण लेख

शिक्षा में भारतीयता और अर्थव्यवस्था में स्थानीयता को बढ़ावा दे सरकार

रवि शंकर पिछले कुछ महीनों में भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था और शिक्षा से संबंधित कुछ प्रमुख नीतियों की घोषणा की। दोनों नीतियां परस्पर पोषक हैं। कोरोनाकाल में हुए लॉकडाउन से कराहते अर्थतंत्र को संभालने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात कही गई। ग्लोबल यानी वैश्विक की अवधारणा को नकारते हुए लोकल यानी स्थानीयता की […]

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पर्यावरण

पर्यावरण के संतुलन में वृक्षों का योगदान और महत्व

प्रस्तुति – शिवा सैन भारतीय ऋषियों ने मानव-मस्तिष्क को उचित दिग्दर्शन कराने के लिए वेद-संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक उपनिषद्, पुराण, प्रभृति उत्कृष्ट ग्रंथों की उद्भावना की, जिससे मानव-समुदाय समष्टिगत चिंतन में निरत रहते हुए, सामाजिक सद्भाव बनाए रखे और प्रकृति में अंगीभूत ‘जीयो और जीने दो’ के विधान का पालन करते हुए, विकास के प्रत्येक सोपान […]

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राजनीति

नए कृषि कानूनों से आगे का एजेंडा

भरत झुनझुनवाला विकासशील देशों केन्या, कैमरून, पाकिस्तान और घाना में कृषि पर लागू करों का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि पहले केन्या में कृषि से होने वाली छह लाख रुपये सालाना की आमदनी पर आयकर देना पड़ता था। वर्ष 2018 में इस सीमा को घटाकर एक लाख रुपये वार्षिक कर दिया गया। कैमरून में […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

रहस्यमयी लिपि में छुपा है भारत का प्राचीन इतिहास

अनिरुद्ध जोशी प्राचीन काल में ऐसी कई भाषाएं या उनकी लिपियां लुप्त होकर अब रहस्य का विषय बनी हुई है। भारत की इन लिपियों का रहस्य खुल जाए तो भारत के प्राचीन इतिहास का भी एक नया ही आयाम खुल सकता है। भारत में कई जगह ऐसी लिपियों में कुछ लिखा हुआ है जिन्हें अभी […]

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इतिहास के पन्नों से

अयोध्या की वह राजकुमारी जो बनी थी कोरिया की महारानी

भारत के सेक्युलर प्रजाति के लोग यह कहने से शर्माते हैं कि हम श्रीराम के वंशज हैं, किन्तु क्या आप जानते हैं कि भारत से पाँच हज़ार किमी दूर कोरिया के निवासी बड़े गर्व से कहते हैं कि हम अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना अथवा सूरीरत्ना के वंशज हैं? दक्षिण कोरियाई मानते हैं कि उनके वंश […]

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इतिहास के पन्नों से

एक क्रांतिकारी जिसने जेल में कील और कोयले से लिखी 10000 पंक्तियां

राजस्थान की वर्तमान काँग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार के कई निर्णयों को बदल दिया है, जैसे— योग दिवस का निषेध और इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में व्यापक फेर-बदल। कक्षा 10 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनीवाले हिस्से में बदलाव इसी का परिणाम है। तीन साल पहले भाजपा सरकार के दौरान […]

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इतिहास के पन्नों से

भगवान बुद्ध, वेद और ब्राह्मण

आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक भगवान् बुद्ध एक विख्यात महापुरुष थे। वे वेद, आर्य अथवा ब्राह्मण आदि के विरोधी नहीं बल्कि उनका अति सम्मान करने वाले थे। वे इनके नाम पर हो रहे पापों से घृणा अवश्य करते थे, परन्तु इनके यथार्थ स्वरूप का कुछ-कुछ भान उनके हृदय में भी था। इस कारण उनके विचार इनके प्रति […]

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भारतीय संस्कृति

प्राचीन भारत में सुरक्षा संबंधी नीति

प्रवीण कुमार द्विवेदी सुरक्षा एक ऐसी अवस्था का नाम है जिसके रहने पर ही कोई भी कार्य सम्पादित हो सकता है। इसका तात्पर्य अच्छी प्रकार से रक्षा है। भौतिक और मानसिक दोनों अवस्थाओं की सम्यक् रक्षा ही वास्तव में सुरक्षा पद को चरितार्थ करती है। यह कार्य कठिन है; क्योंकि जो रक्षक होता है, (उसके […]

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Uncategorised

सोते समय बोले जाने वाले वेद मंत्र और उनका महत्व

सोते समय बोलने के मन्त्र🌷* ओ३म् यज्जाग्रतो दूरमुदैति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवैति । दूरङ्गमं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु ।।-(यजुर्वेद 34/1) भावार्थ:-जो दिव्य गुणों वाला मन जागते तथा सोते समय दूर-दूर चला जाता है,जो दूर जाने वाला,ज्योतियों का प्रकाशक ज्योति है,वह मेरा मन अच्छे विचारों वाला होवे। ओ३म् येन कर्माण्यपसो मनीषिणो यज्ञे कृण्वन्ति विदथेषु धीराः […]

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आज का चिंतन

ईश्वर अनादि जगत का कर्त्ता और जड़ चेतन जगत का स्वामी है

ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश के सप्तम समुल्लास के आरम्भ में ऋग्वेद के 4 और यजुर्वेद के एक मन्त्र को प्रस्तुत कर उनके अर्थों सहित ईश्वर के सत्यस्वरूप तथा गुण, कर्म व स्वभाव का प्रकाश किया है। इन मन्त्रों में तीसरा मन्त्र ऋग्वेद के दशवे मण्डल के सूक्त 48 का प्रथम मन्त्र है। […]

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