ओ३म् ======== हम आज दिनांक21-12-2020 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन भ्रमण पर गये। आश्रम के अधिकारी एवं अन्य बन्धु आश्रम संबंधी कार्यों से यत्र-तत्र गये हुए थे। वहां हमें एक सज्जन मिले जो दिल्ली से आये हुए हैं। उन्होंने बताया कि वह दस बारह दिन से यहां आयें हैं और यहीं रहेंगे तथा आश्रम की […]
महीना: दिसम्बर 2020
ओ३म् ========== मनुष्य के जीवन की आवश्यकता है सद्ज्ञान की प्राप्ति और उसको धारण करना। बिना सद्ज्ञान के उसका जीवन सही दिशा को प्राप्त होकर जीवन के उद्देश्य व लक्ष्य को प्राप्त नहीं हो सकता। मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसे मनन करना आना चाहिये और मननपूर्वक सत्य व असत्य का निर्णय करना भी आना […]
ओ३म् ========== मनुष्य के जीवन की आवश्यकता है सद्ज्ञान की प्राप्ति और उसको धारण करना। बिना सद्ज्ञान के उसका जीवन सही दिशा को प्राप्त होकर जीवन के उद्देश्य व लक्ष्य को प्राप्त नहीं हो सकता। मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसे मनन करना आना चाहिये और मननपूर्वक सत्य व असत्य का निर्णय करना भी आना […]
जम्मू कश्मीर में बीजेपी का डंका जम्मू कश्मीर में डीडीसी चुनावों (DDC Election) के नतीजे सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश में सबसे […]
संतोष पाठक नेपाली जनता इसलिए लोकतांत्रिक प्रणाली से हताश और निराश हो गयी है नेपाल में भी माओवादी ताकतों ने बंदूक के बल पर तो राजनीतिक दलों ने अहिंसा और जन आंदोलन के बल पर राजशाही से दशकों तक सिर्फ इसलिए संघर्ष किया कि वहां सही मायनों में लोकतंत्र की स्थापना हो लेकिन अब […]
संगीता पुरी आसमान के विभिन्न भागों में विभिन्न ग्रहों की स्थिति के कारण पृथ्वी पर या पृथ्वी के जड़ चेतन पर पडऩेवाले प्रभाव का अध्य्यन फलित ज्योतिष कहलाता है। यह विज्ञान है या अंधविश्वास, इस प्रश्न का उत्तर दे पाना समाज के किसी भी वर्ग के लिए आसान नहीं है। परंपरावादी और अंधविश्वासी […]
महावीर प्रसाद द्विवेदी कूपमण्डूकता बड़ी ही अनिष्टकारिणी क्या एक प्रकार से, विनाशकारिणी होती है। मनुष्य यदि अपने ही घर, ग्राम या नगर में आमरण पड़ा रहे तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता, उसके ज्ञान की वृद्धि नही होती, उसकी दृष्टि को दूरगामिनी गति नहीं प्राप्त होती। देश—विदेश जाने, भिन्न भिन्न जातियों और धम्मों के […]
लीना मेहेन्दले वर्ष 1802 में इंग्लैड के श्री जेनर ने चेचक के लिए वैक्सीनेशन खोजा। यह गाय पर आए चेचक के दानों से बनाया जाता। लेकिन इससे दो सौ वर्ष पहले से भारत में बच्चों पर आए चेचक के दानों से वैक्सीन बनाकर दूसरे बच्चों का बचाव करने की विधि थी। इस बाबत दसेक […]
22 दिसम्बर/जन्म-दिवस श्रीनिवास रामानुजन् का जन्म 22 दिसम्बर, 1887 को तमिलनाडु में इरोड जिले के कुम्भकोणम् नामक प्रसिद्ध तीर्थस्थान पर हुआ था। वहाँ कुम्भ की तरह हर 12 वर्ष बाद विशाल मेला लगता है। इसीलिए उस गाँव का नाम कुम्भकोणम् पड़ा। रामानुजन् बचपन में सामान्य छात्र थे; पर कक्षा दस के बाद गणित में […]
मैनें सुना है, एक बहुत पुराना वृक्ष था. आकाश में सम्राट की तरह उसके हाथ फैले हुए थे. उस पर फूल आते थे तो दूर-दूर से पक्षी सुगंध लेने आते. उस पर फल लगते थे तो तितलियाँ उड़तीं. उसकी छाया, उसके फैले हाथ, हवाओं में उसका वह खड़ा रूप आकाश में बड़ा सुन्दर था. एक […]