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इतिहास के पन्नों से

सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया का सार [ हिंदू राजनीतिक दल की आवश्यकता माला] – भाग – 1

( भारत के अभिजनों के लिए ही है यह लेखमाला यानी सचमुच अभिजन मानते हों जो स्वयं को और भारतीय हों उनके लिए है । आम आदमी , फलां दल के समर्थक आदि के लिए यह व्यर्थ और अनुपयोगी है. यह अति विशेष लोगों के लिए है । कृपया टिप्पणी करने का अधिकार तभी मानें […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

एकात्म मानववाद के प्रणेता दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर विशेष

25 सितम्बर/जन्म-दिवस सुविधाओं में पलकर कोई भी सफलता पा सकता है; पर अभावों के बीच रहकर शिखरों को छूना बहुत कठिन है। 25 सितम्बर, 1916 को जयपुर से अजमेर मार्ग पर स्थित ग्राम धनकिया में अपने नाना पण्डित चुन्नीलाल शुक्ल के घर जन्मे दीनदयाल उपाध्याय ऐसी ही विभूति थे। दीनदयाल जी के पिता श्री भगवती […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

तिरंगे की प्रथम निर्माता भीकाजी कामा की जयंती पर विशेष

24 सितम्बर/जन्म-दिवस आज स्वतन्त्र भारत के झण्डे के रूप में जिस तिरंगे को हम प्राणों से भी अधिक सम्मान देते हैं, उसका पहला रूप बनाने और उसे जर्मनी में फहराने का श्रेय जिस स्वतन्त्रता सेनानी को है, उन मादाम भीकाजी रुस्तम कामा का जन्म मुम्बई के एक पारसी परिवार में 24 सितम्बर, 1861 को हुआ था। […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल में भारत के प्रशासनिक अधिकारी

प्रो लल्लन प्रसाद चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसके विधाता निर्माता, सलाहकार सब कुछ आचार्य कौटिल्य थे। राज्य को उन्होंने एक सशक्त प्रशासनिक ढांचा दिया, विभागध्यक्षों में स्पष्ट कार्य विभाजन किया, उनकी कार्यशैली, आपसी सहयोग के नियम, उनके कामों के निरीक्षण की प्रणाली, उनको प्रोत्साहन तथा दण्ड […]

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इतिहास के पन्नों से

महाप्रतापी वीर योद्धा स्कन्दगुप्त

राकेश उपाध्याय (लेखक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में व्याख्याता है।) वाराणसी से गोरखपुर जाइए तो सड़क के रास्ते या रेल के रास्ते वाराणसी से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित औडि़हार जंक्शन पर हर ट्रेन और बस ठहरती है। भारतीय इतिहास के वीर प्रवाह को समझने के लिए यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। बिल्कुल गंगा के किनारे […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

जिन्नाह का बाप यदि धर्म परिवर्तन कर धर्म के साथ गद्दारी ना करता तो जिन्नाह भी देश के साथ कभी गद्दारी न करता

वीर सावरकर जी कहा करते थे कि धर्मांतरण से मर्मान्तरण और मर्मांतरण से राष्ट्रांतरण होता है। इसलिए धर्मांतरण अपने आपमें एक बहुत बड़ी बीमारी है ।धर्म परिवर्तन व्यक्ति के मर्म का परिवर्तन कर देता है और वही व्यक्ति समय आने पर राष्ट्रद्रोही होकर राष्ट्र के विभाजन की मांग करने लगता है । यदि इस बात […]

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व्यक्तित्व

आर्यसमाज और महर्षि दयानंद के भक्त श्री ललित मोहन पांडेय जी

ओ३म् ============ हम अपने पचास वर्षों के आर्यसमाज से जुड़े जीवन में अनेक ऋषिभक्तों के सम्पर्क में आये हैं और उनसे वैदिक विषयों पर वार्तालाप किया है तथा उनके अनुभवों को जाना है। ऐसे ही हमारे एक मित्र श्री ललित मोहन पाण्डेय हैं। आप 40 से अधिक वर्षों से हमसे जुड़े हैं। इस अवधि में […]

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स्वास्थ्य

शत-प्रतिशत प्रभाव वाली वैक्सीन की बात सोचना ठीक नहीं – डॉ. भार्गव

हरजिंदर अगर हम वैक्सीन का पूरा इतिहास देखें तो शत-प्रतिशत प्रभाव वाली वैक्सीन बहुत कम ही हुई हैं। जिन वैक्सीन ने दुनिया को पिछली कई महामारियों से मुक्ति दिलवाई उनमें कोई भी शत-प्रतिशत प्रभाव वाली नहीं थी। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव का यह बयान बहुत से लोगों को निराश कर […]

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राजनीति

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में आधार मजबूत करने के लिए कफील खान का सहारा

संजय सक्सेना डॉ. कफील की पूरी कहानी में काफी टर्निंग प्वांइट हैं। उन्हें कोई नायक तो कोई खलनायक मानता है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाल ही में जेल से छूटे डॉक्टर कफील खान कितना सही हैं और कितना गलत, इस बात को लेकर लोग दो खेमों में बंटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम […]

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मुद्दा

आज जिसे ताजमहल कहा जाता है वह तो वास्तव में तेजो महालय मंदिर है : शंकराचार्य

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भाजपा पर इतिहास, भूगोल आदि को बदनाम करने पर आरोपित करने पर अपने इसी स्तम्भ में लाल किला से लेकर क़ुतुब मीनार तक के विषय में राष्ट्र के सच्चाई प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन झूठ के पैर कहाँ?सेवानिर्वित होने उपरांत हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते अपने स्तम्भ “झोंक आँखों में धूल” […]

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