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देश विदेश

बीजिंग की सड़कों पर फहराएंगे तिरंगा : श्याम सुंदर पोद्दार

चीन ने इस बार बह भारत पर प्रहार बहुत सोच समझ कर किया है। चीन के पास भारत के ऊपर बहुत सी बातो में उसकी भारत की तुलना मे बहुत मज़बूती है। उन्ही सभी चीन की भारत पर मज़बूती को देखते हुए चीन ने उचित समझा की भारत पर प्रहार करके वह कोरोना मामले से […]

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भारतीय संस्कृति

सभी आर्ष ग्रंथों में केवल ओ३म का ही जप और स्मरण करने की शिक्षा दी गई है

*वेद, उपनिषद्, ब्राह्मण ग्रंथ, महाभारत गीता, योगदर्शन, मनुस्मृति में एक “ओंकार का ही स्मरण और जप” करने का उपदेश दिया गया है।* ओ३म् का जाप स्मरण शक्ति को तीव्र करता है,इसलिए वेदाध्ययन में मन्त्रों के आदि तथा अन्त में ओ३म् शब्द का प्रयोग किया जाता है। यजुर्वेद में कहा है- *ओ३म् क्रतो स्मर ।।-(यजु० ४०/१५)* […]

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भारतीय संस्कृति

आत्मा का ब्रह्मरंध्र और कर्म चक्र से संबंध

बहुत सुना है आपने क्या लेकर तू आया जग में क्या लेकर तू जाएगा ? दूसरा सुना है कि न कुछ लेकर के आए ना कुछ लेकर जाना। खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाना है। पर वास्तव में यह सब झूठ है । हम ले करके आते भी हैं और लेकर के जाते भी […]

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उगता भारत न्यूज़

अमेरिका में पहले योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन

न्यूयॉर्क। भारत ने हमेशा विश्व को कुछ ना कुछ दिया है साथ ही विश्व को दिखाया है की भारत में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है ।भारत हमेशा से समस्त विश्व को एक परिवार मानता आया है। इस समय जब योग का डंका समस्त विश्व में बज रहा है । इसी कड़ी में अमेरिका […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

( डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर विशेष)

  ” मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा ” – डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ललित गर्ग डॉ. मुखर्जी का जीवन बहुत संघर्षभरा रहा, अपनी राष्ट्रवादी नीतियों के कारण उन्हें बहुत से विरोध एवं उपेक्षाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वे अपने संकल्प […]

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भारतीय संस्कृति

अपने अधिकारों की रक्षा के साथ दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करें

ललित गर्ग धन्यवाद और कृतज्ञता का नजरिया हमारी सोच और हमारे जीवन को विस्तृत बनाता है। आप सौभाग्यशाली हैं कि यदि आपके पास परिवार, दोस्त, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार और घर है। आपको इन सबके लिए आभारी होना चाहिए। कोरोना महामारी ने समूची जीवनशैली, सोच एवं परिवेश को बदल दिया है। इस बदलते परिवेश और बदलते […]

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भारतीय संस्कृति

अधिकार से पहले कर्तव्य , अध्याय — 10 : राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्य

वेदों का राष्ट्रवाद बहुत निराला है । राष्ट्र , राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता की इतनी उत्कृष्ट व्यवस्था हमारे वेदों में प्रस्तुत की गई है कि उसका विश्व में कहीं कोई सानी नहीं है । वेदों की यह व्यवस्था है कि व्यक्ति निजी स्वार्थ से पहले समूह के स्वार्थ पर ध्यान दे और समूह के स्वार्थों से […]

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कहानी

लघु कथा : वक्त – वक्त की बात

          अभी बस दो साल पहले की ही बात है।कि शर्मा जी के पड़ोस में एक घर में चोरी हो गई थी।चोरी कोई बड़ी नहीं थी।केवल गुप्ता जी की काफी पुरानी कार चोरी हो गयी थी।           शर्मा जी ने फिर भी पड़ोस वालों को समझाया।कि अपने […]

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भारतीय संस्कृति

संतान के जीवन में माता-पिता का विशिष्ट और महत्वपूर्ण स्थान

ओ३म्============= मनुष्य के जीवन में पिता का महत्व निर्विवाद है। माता व पिता ही सब मनुष्यों के जन्मदाता होते हैं। पूर्वजन्म में मृतक आत्मा को मनुष्य योनि में जन्म युवा माता-पिताओं के द्वारा ही मिलता है। यह नियम परमात्मा ने बनाया है। यदि यह नियम न हो तो सृष्टिक्रम चल नहीं सकता। मनुष्य एक शिशु […]

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धर्म-अध्यात्म

जगन्नाथ के कुछ वैदिक नामों की व्याख्या

अंग्रेजी परम्परा में अंग्रेजी माध्यम से संस्कृत पढ़े लोग कहते हैं कि वेद में जगन्नाथ का नाम या वर्णन नहीं है। स्वयं भगवान् ने कहा है कि पूरा वेद उन्हीं का वर्णन है, अतः ब्रह्म के सभी नाम जगन्नाथ के ही वाचक हैं- वेदैश्च सर्वैरहमेव वेद्यो वेदान्तकृत् वेदविदेव चाहम् (गीता १५/१५) यहां भागवत पुराण के […]

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