ओ३म् ========== संसार में अनश्वर एवं नश्वर अनेक पदार्थ हैं जिनकी सिद्धि उनके निज-गुणों से होती है। वह गुण सदा उन पदार्थों में रहते हैं, उनसे कभी पृथक नहीं होते। अग्नि में जलाने का गुण है। वायु में स्पर्श का गुण है, जल में रस है जिसे हमारी रसना व जिह्वा अनुभव करती है। इसी […]
महीना: जून 2020
योगी जन किस प्रकार अपने मूल आधार से ब्रह्मरंध्र तक रमण करते हुए यौगिकता को प्राप्त होते हैं ? ईश्वर ने उनको दो प्रकार के प्राण दिए हैं । एक सामान्य प्राण ,दूसरा विशेष प्राण। सामान्य प्राण कौन सा है ? सामान्य प्राण वह है जो संसार को चला रहा है , लोक लोकान्तरों में […]
देश मे आपातकाल लगाए जाने वाले काले 25 जून पर प्रतिवर्ष कुछ न कुछ लिखना मेरा प्रिय शगल रहा है। किंतु, आज जो मैं आपातकाल लिख रहा हूं, वह संभवतः इमर्जेंसी के सर्वाधिक कारुणिक कथाओं मे से एक कथा होगी। जिस देश मे मतदान की आयु शर्त 18 वर्ष हो व चुनाव लड़ने की 21 वर्ष हो वहां 14 वर्ष के अबोध बालक […]
नई दिल्ली।जहां आज सारा विश्व कोरोना की बीमारी से लड़ रहा है , वही भारत भी कोरोना के साथ-साथ पाकिस्तान,चीन, नेपाल व आर्थिक संकट आदि चुनौतीपूर्ण समस्याओं से लड़ रहा है।यह सप्ताह देश के लिए कई चुनौतियां एक साथ लेकर आया। कोरोना वायरस महामारी से तो देश निबट ही रहा था ऐसे में चीन ने […]
अजेंद्र अजय “अपने विरुद्ध आक्रोश को देखते हुए कुर्सी के मोह में अंधी हो चुकी इंदिरा गांधी ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की हो। 25-26 जून, 1975 की दरम्यानी रात को इंदिरा गांधी ने देश को आपातकाल के मुंह में धकेल दिया।” वर्ष 1975 में आज के ही दिन सत्ता […]
डॉ.अजय खेमरिया ” कांग्रेस जनभावनाओं के उलट केवल मोदी के विरुद्ध अपने नफरती एजेंडे पर आकर टिक गई है। यह संसदीय राजनीति के भारतीय हितों के लिए दुःखद इसलिये भी है क्योंकि कांग्रेस ने इस देश की राजनीति और शासन को 60 वर्षों तक चलाया है।” राहुल गांधी कांग्रेस के लिए तब तक अपरिहार्य राजनीतिक […]
भारत में कोरोना महामारी की वजह से लाखों की संख्या में श्रमिकविभिन्न महानगरों से गृह राज्यों की तरफ़ रवाना हुए थे। इन श्रमिकों के गावों में पहुँचने के बाद उन्हें रोज़गार प्रदान कराये जाने के उद्देश्य से देश के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून 2020 से ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान की […]
आजकल ‘सोशल मीडिया’ पर ऐसी पोस्ट अक्सर आपको पढ़ने को मिल जाएंगी जिनको देखकर लगता है जैसे डॉ अम्बेडकर जी मुस्लिम धर्म की मान्यताओं से बहुत अधिक सहमत थे और मुस्लिम व दलित समाज के लोग ही वास्तविक भारतीय हैं , शेष सभी लोग विदेशी हैं। ऐसी पोस्ट डालने वाले माँ भारती से द्वेष रखते […]
जब एक आयोजन में मित्रों ने उपहार भेंट किए। अगली सुबह जब उपहारों को खोलना शुरू किया तो आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। एक दो उपहारों को छोड़कर बाकी सभी में लाफिंगबुद्धा, फेंगशुई पिरामिड, चाइनीज़ ड्रेगन, कछुआ, फेंगसुई सिक्के, तीन टांगों वाला मेंढक और हाथ हिलाती हुई बिल्ली जैसी अटपटी वस्तुएँ दी थी। जिज्ञासावश इन […]
ओ३म् ============ सामान्य मनुष्य आज तक अपनी आत्मा के अन्तःकरण में विद्यमान एवं कार्यरत मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार उपकरणों को यथावत् रूप में नहीं जान पाया है। मनुष्य को मनुष्य उसमें मन नाम का एक करण होने के कारण कहते हैं जो संकल्प विकल्प व चिन्तन-मनन करता है। मनुष्य का मन आत्मा का करण […]