Categories
कहानी

*🕉️ रात्रि कहानी 🕉️* *अनोख़ी दवाई*

॥ॐ॥ काफी समय से दादी की तबीयत ख़राब थी घर पर ही दो नर्स उनकी देखभाल करतीं थीं. डाक्टरों ने भी अपने हाथ उठा दिये थे और कहा था…!! कि जो भी सेवा करनी है कर लीजिये.. दवाइयाँ अब अपना काम नहीं कर रहीं हैं. उसने घर में बच्चों को होस्टल से बुला लिया था […]

Categories
आओ कुछ जाने कहानी

बिजली के आविष्कारक ऋषि अगस्त्य

अमन : दादाजी! आजकल विज्ञान का जमाना है। आपके जमाने में बिजली नहीं होती थी तो लोग काम करने, पढ़ने – लिखने के लिए कितने तंग होते होंगे ? दादाजी : बेटे ! जमाना तो विज्ञान का है पर हमारे समय में भी लोग घी तेल के चिराग की रोशनी में बड़े आराम से पढ़ […]

Categories
कहानी

तलाक के कागजात और दिल का दरिया

रोहतक की दुखद घटना 😌😔 राधिका और नवीन को आज तलाक के कागज मिल गए थे। दोनो साथ ही कोर्ट से बाहर निकले। दोनो के परिजन साथ थे और उनके चेहरे पर विजय और सुकून के निशान साफ झलक रहे थे। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद आज फैसला हो गया था। दस साल […]

Categories
कहानी

बुद्धिमानी से प्राण रक्षा

सुनसान जंगल से बहती हुई एक नदी के किनारे खड़े एक आम के वृक्ष पर एक बंदर रहता था। नीचे नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था। मगरमच्छ अक्सर दोपहरी के समय उस वृक्ष के नीचे आ जाया करता था। कुछ दिन के बाद दोनों के बीच मित्रता हो गई। दोनों देर देर तक बातें […]

Categories
कहानी

वर्तमान समाज की दशा पर एक प्रेरक कहानी

एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ? सहेली ने कहा – कुछ भी नहीं! उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ? लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम […]

Categories
कहानी

शब्द की चोट

श्री गोपाल नारसन एडवोकेट-विभूति फीचर्स महाभारत के युद्ध ने द्रौपदी की उम्र को 80 वर्ष जैसा कर दिया था शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी। उसकी आंखें मानो किसी गड्डे में धंस गई थीं, उनके नीचे के काले घेरों ने उसके रक्ताभ कपोलों को भी अपनी सीमा में ले लिया था। श्याम […]

Categories
कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय- १७ क महर्षि गौतम और चिरकारी

( धर्मराज युधिष्ठिर ने धर्म और नीति के मर्मज्ञ भीष्म पितामह से उनके अंतिम क्षणों में राजधर्म की शिक्षा के साथ-साथ लोक धर्म की शिक्षा भी ग्रहण की। धर्मराज युधिष्ठिर एक न्यायप्रिय प्रजावत्सल सम्राट थे। महाभारत के युद्ध से पूर्व भी वह इंद्रप्रस्थ के राजा रह चुके थे। उन्हें राजनीति और राजधर्म का स्वयं भी […]

Categories
कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १६ ख जाजलि मुनि का उपाख्यान

हे धर्मराज ! मनुष्य दूसरों द्वारा किए हुए जिस व्यवहार को अपने लिए उचित नहीं समझता , दूसरों के प्रति भी वह वैसा व्यवहार ना करे। प्रत्येक मनुष्य को यह समझना चाहिए कि जो बर्ताव अपने लिए अच्छा नहीं है, वह दूसरों के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता। जिस मनुष्य की अभी स्वयं जीने […]

Categories
कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १६ क जाजलि मुनि का उपाख्यान

( धर्म जैसे जिस पवित्र शब्द के बारे में आजकल अधिकतर लोग शंकित रहते हैं और उल्टी सीधी परिभाषाएं स्थापित करते हैं। धर्म को ‘अफीम’ कहकर अपमानित करते हैं। उनकी दृष्टि में धर्म एक ऐसा नशा है जो मनुष्य से पाप कार्य करवाता है। जबकि वैदिक वांग्मय में धर्म पाप से मुक्त कर पुण्य कार्यों […]

Categories
कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १५ ख इंद्रदेव और ऋषि कुमार का संवाद

यह कितने बड़े सौभाग्य की बात है कि तुम्हें ईश्वर ने गीदड़ ,चूहा ,सांप, मेंढक जैसी योनियों में पैदा नहीं किया। आप जानते ही हैं कि इन सब योनियों में किसी भी प्राणी को हाथ नहीं होते। मुझे कीड़े मकोड़े खाते रहते हैं जिन्हें निकाल फेकने की शक्ति मेरे में नहीं है। हाथ न होने […]

Exit mobile version