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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-21/04/2014

– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 कोई सा काम हो या विचार, एकाध फीसदी को छोड़कर हम सभी लोगों की आम धारणा बन चली है कि कल करेंगे या कल से शुरू करेंगे। हर रोज हम आने वाले कल के बारे में सोचते हैं लेकिन वह कल कभी नहीं आ पाता। आज का वर्तमान कल जरूर बन […]

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विशेष संपादकीय

हमारी जिन्दादिली और हमारा लोकतंत्र

दिल के टूटने पर भी हंसना,शायद जिंदादिली इसी को कहते हैं।ठोकर लगाने पर भी मंजिल तक भटकना,शायद तलाश इसी को कहते हैं।किसी को चाहकर भी न पाना,शायद चाहत इसी को कहते हैं।टूटे खंडहर में बिना तेल के दीया जलाना,शायद उम्मीद इसी को कहते हैं।गिर जाने पर भी फिर से खड़ा होना,और ये उम्मीद, हिम्मत, चाहत […]

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भारतीय संस्कृति

ताजमहल था कभी तेजो महालय मंदिर

राकेश कुमार आर्यताहमहल भारत के गौरवमयी अतीत का नाम है। यह विरासत शुद्घ भारतीयता की देन है। भारतीयता का अभिप्राय आप समझ रहे होंगे। भारतीयता का अर्थ हिंदू संस्कृति से है। यदि ऐसा है तो आप बिल्कुल सच समझ रहे हैं। हमारा आशय उसी हिंदू संस्कृति से है, जिसका ज्ञान विज्ञान, शिल्पकला, हस्तकला, चित्रकला आदि […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-20/04/2014

जागो, जगाओ, आगे आओ वोट डालकर धर्म निभाओ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   यह जमाना उन लोगों का ही है जो रोशनी में रहते हैं, रोशनी पाने के आदी हैं। जो लोग अंधेरों में पड़े रहते हैं उनके लिए चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा पसरा रहता है, उन लोगों को रोशनी का सुकून दिलाने के लिए न इंसान […]

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आज का चिंतन

आज का चिंतन-18/04/2014

प्रतीक्षा में समय न गँवाएँ जो होना था सो हो गया – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   ईश्वर ने हमें पहले के युगों के मुकाबले अब बहुत ही कम आयु दी है और उसका भी अधिकांश समय हम भविष्यवाणियों, कयासों और प्रतीक्षा से लेकर चर्चाओं और बहसों में गुजार दिया करते हैं जबकि इस […]

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राजनीति

नही बनेंगे मनमोहन ‘नये जुगाड़’ का नया नेता

उगता भारत: एक चिंतन) देश विकल्पहीनता के कुहासे से बाहर निकल रहा है। बहुत संभावना है कि इस बार चुनाव के उपरांत देश में कोई देवेगौड़ा नही थोपा जाएगा। जनता में पहली बार एक लंबे काल के पश्चात एक नई चेतना सी है, और विशेष खुशी की बात ये है कि देश का युवा वर्ग […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्यों है आवश्यक गाय को ”राष्ट्र माता”घोषित करना

भारतीय नस्ल के गोवंष संरक्षण, सम्पोशण, संवर्धन एवं गोउत्पादों के विनियोगार्थ केन्द्रीय तथा सभी राज्यों में स्वतन्त्र ” गोपालन मन्त्रालय ” के गठन से ही गोरक्षा एवं गोसेवा के वास्तविक लक्ष्यों की प्राप्ति संभव।-पूनम राजपुरोहित ”मानवताधर्मी”(प्रख्यात गोविषयक-चिन्तक)भारतवर्ष में धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और व्यवहारिक दृष्टि से पूज्या गोमाता तथा उसके अखिल गोवंश को उनके […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-15/04/2014

न भविष्यवाणी करें न कयास लगाएँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   बात अपने बारे में हो या फिर औरों के बारे में। जीव से लेकर जगत और जड़-चेतन किसी के भी बारे में कोई सी बात कहने का अर्थ यही नहीं है कि हमारे मुँह से शब्द निकल गए और हम मुक्त हो गए। […]

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संपादकीय

‘महाभारत’ के युद्घ का आंखों देखा हाल

राकेश कुमार आर्य नई दिल्ली। भारत में लोकसभा चुनावों का ‘महाभारत’ अपने चरमोत्कर्ष पर है। धृतराष्ट्र बने डा. मनमोहन सिंह अपने राजभवन में आराम फरमा रहे हैं। उनके पास वक्त तो खूब है, पर उनकी अपनी ‘वक्त’ समाप्त हो चुकी है। फुरसत में बैठे मनमोहन चुनावी समर की सूचना लेने का प्रयास कर रहे हैं। […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

रक्त-रंजित मुद्रा की चकाचौंध-4

मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….चरबी लागने से लकड़ी की आयु बढ़ जाती थी। लेकिन अब यह चरबी कितनी वस्तुओं में काम आने लगी हैं, उसका कोई शुमार नही होता। हर गांव में चरबी एकत्रित करने वाले मिल जाते हैं, जहां बड़े शहरों से उसके खरीदार पहुंचते हैं और फिर उसे भिन्न वस्तुओं के बनाने में उपयोग […]

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