अर्थात वेद की 16000 कुछ ऋचाओं के ज्ञाता थे। जिन्हें वास्तविक जानकारी नहीं होती है । इन्हीं 16000 ऋचाओं में श्री कृष्ण जी रमण करते रहते थे ,जिनका मनन करते रहते थे ,जिनमें विचार मग्न रहते थे ,उन्हीं को 16000 गोपिकाऐं कह देते हैं जो श्री कृष्ण जी के चरित्र हनन की सबसे गलत बात […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
मुसलमान कुरान के बारे में हमेशा यही दावा करते हैं की कुरान किसी व्यक्ति या व्यक्तिओं की रचना नहीं बल्कि आसमानी किताब है जो अल्लाह ने नाजिल है अर्थात ऊपर से उतारी है इस बात से ऐसा लगता है कि अल्लाह धरती से काफी ऊपर किसी जगह रहता है लेकिन ऐसा समझना अवैज्ञानिक और मूर्खता […]
सनातन हिंदू जाति का यह परम सौभाग्य है कि उसके पास ऐसी वैज्ञानिक जीवन पद्धति है! जिसका अनुसरण करके कोई भी व्यक्ति ऊर्जावान , प्रतिभावान तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी बन सकता है! अपना जीवन सफल कर सकता है !समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है! जिस प्रकार सेना में एक सैनिक […]
कुरान ऊपर से उतरी थी ? विश्व में जितने भी धर्म हैं उसके मानने वाले अपने धर्न्थों को इश्वर के वचन समझते.वैसे भी जिस भी ग्रन्थ में लोगों के कल्याण का उपदेश दिया गया हो उसे ईश्वरीय ग्रन्थ कहने में कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए .यद्यपि मुसलमान भी अल्लाह की कई किताबें बताते हैं ,जिनमे […]
स्वदेश कुमार हिन्दुस्तान की सियासत में दलित चिंतक और संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर के कद का कोई दूसरा दलित नेता नहीं ‘पैदा’ हुआ। उनके बाद देश की सक्रिय राजनीति में जो दो बड़े दलित नेता हुए। उसमें एक थे कांग्रेस पार्टी के बाबू जगजीवन राम तो दूसरे थे कांशीराम, जिन्हें उनके चाहने वाले मान्यवर […]
रविकांत सिंह राजनीति में उतरना अलग बात है और लोगों के दिलों में उतरना अलग बात है। लोगों के दिलों में उतर जाने का हुनर हर किसी राजनीतिज्ञ के बस की बात नहीं होती। यही कारण है कि अनेक राजनीतिज्ञ हमने भारतीय राजनीति में आते हुए देखे पर जिस तेजी से वह आए उसी तेजी […]
राकेश सैन गाजियाबाद। ( यूरो डेस्क ) कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने परम्परा अनुसार खुल कर तुष्टिकरण की चौसर खेली। राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने मुसलमानों को अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटे से दिए जा रहे चार प्रतिशत आरक्षण की सुविधा वापिस ले ली। अस्सी के दशक की बात है, शाहबानो नामक केस […]
जिन्हें प्रभु लोक-कल्याण के विचार देते हैं:- साधक ध्यान निमग्न हो, साधना में खो जाया। रचना कोई होती नई, श्रेय उसी को जाय ॥ 2298 ।। मन कहाँ भाव-विभोर होता है- जो खुशबू माँ-गोद में, मिलती नहीं कहीं और। प्रभु तेरी आगोश में, मन हो भाव-विभोर ॥2299॥ तत्त्वार्थ:- शिशु जब जन्म लेता है, तो चार […]
-विजय मनोहर तिवारी यह दक्षिण भारत के काफिरों की करुण कथा है। इब्नबतूता माबर पहुँचा है। यह वर्तमान तमिलनाडु में चेन्नई के आसपास का इलाका है। अब यह मोहम्मद तुगलक के कब्जे में है। तुगलक की तरफ से स्थानीय कब्जेदार शरीफ जलालुद्दीन एहसन शाह ने बगावत कर दी और पाँच साल तक माबर पर राज […]
सेकुलरिज्म को खोज मुहम्मद ने की थी अधिकांश लोग सिर्फ यही जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने 1976 में संविधान का 42 वे संशोधन करके देश को सेकुलर बना दिया था और इस शब्द की यह व्याख्या की थी .”equal treatment of all religions by state “इसका आशय सभी धर्मों को सामान मानना है , […]