“वेद आदि शास्त्रों में बताया है, कि माता-पिता और गुरु, ये तीन उत्तम शिक्षक महान् उपकारी होते हैं। इनको धोखा देना तो महापाप है।” वैसे तो किसी को भी धोखा देना अपराध ही है, लेकिन जो जितना महान व्यक्ति होता है, जितना अधिक दूसरों का उपकार करता है, उसको धोखा देने का पाप उतना ही […]
लेखक: आर्य सागर खारी
पूरी दुनिया में जिस वन्यजीव का सर्वाधिक शिकार तथा जिसके अंगों की तस्करी की जाती है वह पेंगोलिन है। पैंगोलिन प्रकृति इकोसिस्टम का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्तनधारी जीव है। भारत में इसे दीमकखोर / चींटीखोर कहा जाता है नाम से ही जाहिर है यह प्रकृति में जंगलों में नदियों के खादर में दीमक व चीटियों को […]
हष्टपुष्टजनोपेतं चातुर्वण्रर्यसमाकुलम्| (महा0 सभा पर्व) स्फीतोत्सवमनाधृष्यमासेदुश्च गिरिव्रजम्|| कातिर्कस्य तु मासस्य प्रवृतं प्रथमेहनि| (महा0 सभा पर्व) अनाहारं दिवारात्रमविश्ररान्तमवर्तत|| “कुरुदेश से चलकर गंगा और सोनभद्र को पार करके गोरथ पर्वत पर पहुंचकर उन तीनों ने मगध की राजधानी को देखा| वहां से चलकर वे तीनों गिरीब्रज के निकट जा पहुंचे वह नगर चारों वर्णों के लोगों से […]
पुनर्जन्म -सहदेव समर्पित 1 सृष्टि के जड़ पदार्थों में भी पुनर्जन्म है। यथा- पानी गर्म होकर भाप बन जाता है। वह ऊपर जाकर बादल के रूप में बरसता हुआ पुनः पृथ्वी पर आ जाता है। अधिक शीतलता पाकर वही बर्फ का रूप ले लेता है। अर्थात् सृष्टि के आरम्भ से अब तक पानी की एक […]
मॉडर्न जर्नलिज्म की एक प्रमुख शाखा है war journalism/ Repoorting ( युद्ध पत्रकारिता) बड़े ही साहसी होते हैं यह युद्ध पत्रकार अपनी जान पर खेलकर आधुनिक वियतनाम वार, द्वितीय विश्व युद्ध ,इराक- अमेरिकी युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई है अपने क्षेत्र में पत्रकारों ने| इस समय जर्मनी रूस अमेरिका के वार रिपोर्टों का दबदबा […]
बरगद अथवा वट वृक्ष एक खास किस्म के वृक्षों के परिवार का सदस्य है इस परिवार में वृक्षों की दुनिया में 900 से अधिक प्रजातियां शामिल है। बरगद पीपल गुलर अजीर के एक ही परिवार के सदस्य है इन सभी वृक्षों के फलों में एक छोटे से कीट ततैया का निवास होता है वह कीट […]
नास्तिकों का यह नया तर्क है कि कोशिकाओं से ही पेड़ पौधे और जानवर बने हैं। इनका शरीर कुछ नहीं अपितु कोशिकाओं का सम्मिलित जोड़ है। नीचे दिया चित्र नास्तिकों का नया ब्रह्मास्त्र है जिसके माध्यम से वो साबित करना चाह रहे हैं कि कोशिकायें चाहें पादप जगत की हों या जंतुओं की,दोनों की […]
प्राचीन भारत कि तालाब संरक्षण संवर्धन व्यवस्था का उल्लेख कौटिल्य अर्थात आचार्य चाणक्य के रचित अर्थशास्त्र ग्रंथ में मिलता है | प्रथम अध्याय के अध्यक्ष प्रचार भाग में तालाबों का वर्गीकरण किया गया है..| मुख्य तौर पर तालाबों को दो वर्गों में बांटा गया है(1) नित्य जल वाले ( 2) अनित्य जल वाले तालाब| […]
“वृक्ष नामधारी गांव” “””””””””””””””””””””””””””””””” अ से आमका प से पीपलका न से नीमका ढ से ढाकका इ से इमलीयाका यह महज देवनागरी वर्णमाला से बने हुए शब्द पाठशाला पाठ मात्र नहीं है ।यह गौतम बुध नगर के गांवो के नाम है ।जिनकी पहचान नामकरण वहां बहुतायात में कभी पाए जाने वाले देशज वृक्षों के नाम […]
“जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को!” (राम प्रसाद बिस्मिल) आज शहीद अमर क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का 122 वा जन्मदिवस है.. बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि सार्थक अर्थों में बिस्मिल को तब ही समर्पित होगी जब रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा देश के […]