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आओ कुछ जाने

भारत में शूद्रों की खोज

डा. अंबेडकर- पुरूष सूक्त ब्राह्मणों ने अपनी स्वार्थ सिध्दि के लिये प्रक्षिप्त किया है।कोल बुक का कथन है कि पुरूष सूक्त छंद और शैली में शेष ऋग्वेद से सर्वथा भिन्न है।अन्य भी अनेक विद्वानों का मत है कि पुरूष सूक्त बाद का बना हुआ है। पं. शिवपूजन सिंह- आपने जो पुरूष सूक्त पर आक्षेप किया […]

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आज का चिंतन

महान शिक्षाविद ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवन का एक प्रेरक प्रसंग

  !! स्वावलंबन !! पूण्य तिथि विशेष : महान शिक्षाविद, विद्वान, और समाज सुधारक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर (26.09.1820 – 29.07.1891) विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को मेदिनीपुर में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह स्वतंत्रता सेनानी भी थे। ईश्वरचंद्र को गरीबों और दलितों का संरक्षक माना जाता था। उन्होंने नारी शिक्षा और विधवा […]

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आओ कुछ जाने

इस बार भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ 8 अगस्त 2021 को बनाया जाएगा यादगार

पहली बार कोई सकारात्मक आन्दोलन आजाद भारत में शुरु होने की आहट हुई है ! इससे जवाहरलाल नेहरू और मोहन दास करम चन्द गाँधी की कुछ नई तस्वीर सामने आयेगी जो आजतक मिडिया ने छुपाकर रखा गया है , मैं ।पूरी तरह से तन, मन , धन और अपनी जानकारी के साथ इस उद्देश्य में […]

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पर्व – त्यौहार

गुरु दक्षिणा : गुरु पूर्णिमा पर विशेष

प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ मथुरा में विराज रहे दण्डी स्वामी विरजानन्द जी की ख्याति उन दिनों लोक में प्रसिद्धि पा रही थी। दयानन्द उनकी विद्वत्ता से परिचित थे। सन् 1855 में उनका सामीप्य उन्हें प्राप्त हो चुका था। उन्होंने तुरन्त मथुरा की राह पकड़ ली। संवत् 1917 कार्तिक शुदी 2 (सन् 1860) को स्वामी दयानन्द […]

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भारतीय संस्कृति

आर एस एस की भारत माता के प्रति पवित्र भावना क्या है ?

RSS की प्रार्थना का हिन्दी में अनुवाद … पढ़ो और सोचो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भारत माता के प्रति भावना क्या है🚩 1)नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे, त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोsहम्।🚩 हे प्यार करने वाली मातृभूमि! मैं तुझे सदा (सदैव) नमस्कार करता हूँ। तूने मेरा सुख से पालन-पोषण किया है।🚩 2)महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे, पतत्वेष कायो […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

रामायण कालीन वैदिक संस्कृति

  सन्ध्या और अग्निहोत्र: बाल्मीकि रामायण से विदित होता है कि उस काल में आर्यों की उपासना सन्ध्या के रुप में होती थी।जप, प्राणायाम तथा, अग्निहोत्र के भी विपुल उल्लेख मिलते हैं। पौराणिक मूर्तिपूजा, व्रत, तीर्थ, नामस्मरण या कीर्तन रुप में धार्मिक कृत्य का वर्णन मूलतः नहीं है। क्षणिक उल्लेख जो इस सम्बन्ध में मिलते […]

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आज का चिंतन

संसार में सभ्यता और आनंद के साथ रहना चाहिए : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

. “थोड़े दिन का जीवन है, कोई हजारों साल यहां नहीं रहेगा। इसलिए सभ्यता से रहना चाहिए, और आनंद से जीवन जीना चाहिए।” आजकल लोगों में सहनशक्ति बहुत घटती जा रही है। छोटी-छोटी बातों पर गर्मा-गर्मी हो जाती है। “लोग गुस्सा कर लेते हैं। लड़ाई झगड़ा कर लेते हैं। गाली गलौच करते हैं। मारपीट करते […]

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आओ कुछ जाने

घनश्याम दास बिरला का अपने पुत्र बसंत कुमार बिरला के नाम 1934 में लिखा गया एक अत्यंत प्रेरक पत्र

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 चि. बसंत! “यह जो लिखता हूँ उसे बड़े होकर और बूढ़े होकर भी पढ़ना,अपने अनुभव की बात कहता हूँ। संसार में मनुष्य जन्म दुर्लभ है और मनुष्य जन्म पाकर जिसने शरीर का दुरुपयोग किया,वह पशु है। तुम्हारे पास धन है,तन्दुरुस्ती है,अच्छे साधन हैं,उनको सेवा के लिए उपयोग किया,तब तो साधन सफल है,अन्यथा वे शैतान […]

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आज का चिंतन

हमारे लिए वायु का क्या महत्व है ?

श्वास हमें किस प्रकार पवित्र करते हैं? मरुतः पिबत ऋतुना पोत्राद् यज्ञं पुनीतन। यूयं हि ष्ठा सुदानवः । ऋग्वेद मन्त्र 1-15-2 (मरुतः) वायु, श्वास (पिबत) पीना (ऋतुना) उचित प्रकार से, ऋतुओं के अनुसार (पोत्रात्) पवित्र करने वाले (यज्ञम्) त्याग (पुनीतन) पवित्र कर दो (यूयम्) आप (हि) निश्चय से (स्था) हो (सुदानवः) बुराईयों के नाशक, प्रत्येक […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

कितना बड़ा मजाक किया गया भारत वर्ष के इतिहास के साथ

सैकुलर हिंदुओं को समर्पित एक बार मैं मेरे मित्रों के साथ हिमाचल के पालमपुर से होकर ट्रेकिंग पर जा रहे थे, मार्ग में माँ भगवती ज्वालाजी का प्रसिद्ध मंदिर आता है, जो कि कांगड़ा नगर से ३० किलोमीटर दूर एक नदी के तट पर है। हमने सोचा चलो माँ भगवती के दर्शन करते हुए चलते […]

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