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विश्वगुरू के रूप में भारत

विश्व में वेदों के प्रचार का श्रेय महर्षि दयानंद और आर्य समाज को है

ओ३म् —————— पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के विलुप्त होने के कारण ही संसार में मिथ्या अन्धविश्वास तथा पक्षपात व दोषपूर्ण सामाजिक व्यवस्थायें फैली हैं। इससे विद्या व ज्ञान में न्यूनता तथा अविद्या व अज्ञानयुक्त मान्यताओं में वृद्धि हुई है। आश्चर्य होता है […]

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सैर सपाटा

वैदिक साधन आश्रम तपोवन का भ्रमण एवं आश्रम के समाचार

ओ३म् ============ हमें आज आर्यजगत् की साधना संबंधी प्रमुख संस्था वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में जाने का सुअवसर मिला। कार्यालय में हमें आश्रम के मैनेजर श्री विजेन्द्र गर्ग तथा कार्यालय प्रमुख युवक श्री चन्दन सिंह जी मिले। उनके साथ आश्रम विषयक चर्चायें हुईं। कुछ सप्ताह पहले आश्रम की एक साधिका माता नरिन्द्र बब्बर जी […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

ईश्वर के सत्य स्वरूप और ज्ञान का प्रकाश सर्वप्रथम वेदों द्वारा किया गया

ओ३म् ========== संसार की अधिकांश जनसंख्या ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करती है। बहुत बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी किसी न किसी रूप में इस सृष्टि को बनाने व चलाने वाली सत्ता के होने का संकेत करते हुए उसे दबी जुबान से स्वीकार करते हैं। हमारा अनुमान व विचार है कि यदि यूरोप के वैज्ञानिकों ने वेदों […]

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धर्म-अध्यात्म

मनुष्य जीवन की सार्थकता वेदों के अध्ययन और वेदों के आचरण में है

ओ३म् ========== हम मनुष्य है और अपनी बुद्धि व ज्ञान का उपयोग कर हम सत्य और असत्य का निर्णय करने में समर्थ हो सकते हैं। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान सभी मनुष्यों के लिए दिया गया था। यह ज्ञान ज्ञानी व अज्ञानी […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सत्य निष्ठा की मूर्ति एक असाधारण मनुष्य : बाबा मुकुंदा लाहौर

ओ३म् ============ एक साधारण मनुष्य भी सत्य को धारण कर महान कार्यों को करके यशस्वी बनने सहित समाज में मान-सम्मान पा सकता है। ऐसा ही एक व्यक्तित्व हुआ है जिसे बाबा मुकुन्दा, लाहौर के नाम से जाना जाता है। बाबा मुकुन्दा जी का परिचय ऋषिभक्त और आर्यसमाज के यशस्वी संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी की श्री […]

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भारतीय संस्कृति

वेद सम्मत गृहस्थ आश्रम का सम्यक निर्वाह ही गृहस्थी जीवन की सफलता है

ओ३म् ============= युवक व युवतियों के वैदिक विधि से विवाह होने से पति व पत्नी गृहस्थी कहलाते हैं। विवाह के बाद का जीवन गृहस्थ जीवन तथा इसे ही गृहाश्रम भी कहते हैं। गृहस्थाश्रम पर लोगों के तरह तरह के विचार हैं। कोई गृहाश्रम को अच्छा मानता है और ऐसे भी लोग हैं जो इस आश्रम […]

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पर्व – त्यौहार

हरियाली तीज पर्व का महत्व और इसे मानने की प्रासंगिकता

ओ३म् -आज 23 जुलाई को हरियाली तीज पर्व पर- ======== अनेक शताब्दियों से भारत मे महिलाओं द्वारा हरियाली तीज का पर्व को मनाने की परम्परा है। प्रत्येक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाया जाता है। इसे हरि तृतीया भी करते हैं। हरि का अर्थ हरियाली से है और तृतीया श्रावण […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा आनंद स्वामी और महात्मा हंसराज का धर्म रक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण

ओ३म् ‘मालाबार में मोपला हिंसा में पीड़ित हिन्दू बन्धुओं की रक्षा एवं पुनर्वास का आर्यसमाज का स्वर्णिम इतिहास’ =========== देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस पर अंग्रेजों को तो कोई आपत्ति नहीं थी न उन्होंने इसके […]

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धर्म-अध्यात्म

आत्मा का जन्म मृत्यु और पुनर्जन्म का सिद्धांत सत्य सिद्धांत है

ओ३म् =========== मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन प्राणी होने से प्रत्येक मनुष्य व इतर प्राणियों के शरीर में एक जैसी आत्मा का वास होता है। यह आत्मा अनादि, नित्य, अविनाशी, अजर व अमर सत्ता है। इसका आकार अत्यन्त सूक्ष्म एवं आंखों से न देखे जा सकने योग्य होता है। आत्मा से भी सूक्ष्म परमात्मा […]

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गौ और गोवंश

गोरक्षा के बिना मनुष्य जाति का अस्तित्व सुरक्षित नहीं

ओ३म् =========== हमारे ब्रह्माण्ड में सूर्य, पृथिवी, चन्द्र, अग्नि, वायु, जल आदि को सर्वव्यापक, सर्वज्ञ तथा सर्वशक्तिमान सत्ता परमात्मा ने बनाया है। परमात्मा ने ही सृष्टि पर मनुष्यों सहित इतर सभी प्राणियों, अन्न, वनस्पतियों तथा ओषिधियों को भी उत्पन्न किया है। पशुओं में गाय श्रेष्ठ प्राणी है जिसकी उत्पत्ति परमात्मा ने मनुष्यों के हित व […]

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