आजादी के बाद जब देश का संविधान लागू हुआ तो उस समय हमारे संविधान के भीतर धारा 370 को स्थापित करना तत्कालीन नेतृत्व की सबसे बड़ी गलती थी। एक ही देश के भीतर दो विधान- दो निशान और दो प्रधान की व्यवस्था करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं था। देश के राष्ट्रवादी लोगों की […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
31 जनवरी 2024 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया और अपना बजट भाषण प्रस्तुत किया। 5 फरवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपना भाषण दिया । उन्होंने अपने भाषण में अपने 10 वर्ष […]
हमारे देश के इतिहास की समीक्षा करने से हमें पता चलता है कि यहां पर अनेक ऐसे सूफी संत हुए हैं जिन्होंने अपने मकड़ जाल में फंसाकर भारत के सनातन का विनाश करने में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी । उन्होंने भारत के लोगों को ऐसी ऐसी गोलियां गटकाईं कि उन्हें सटकते ही कइयों […]
भारत की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। इसी सभ्यता को यदि ‘विश्व सभ्यता’ कहा जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें दो राय नहीं कि संपूर्ण विश्व समाज ने भारत की संस्कृति और सभ्यता से ही शिक्षा लेकर आंखें खोलीं। मैथिलीशरण गुप्त जी की ये पंक्तियां हमारे इतिहास के गौरवपूर्ण पक्ष को स्पष्ट करती […]
अपने इतिहास पर गौरव की अभिव्यक्ति करते हुए महान कवि मैथिलीशरण गुप्त जी लिखते हैं :- गौतम, वशिष्ट-ममान मुनिवर ज्ञान-दायक थे यहाँ, मनु, याज्ञवल्कय-समान सत्तम विधि- विधायक थे यहाँ । वाल्मीकि-वेदव्यास-से गुण-गान-गायक ये यहाँ, पृथु, पुरु, भरत, रघु-से अलौकिक लोक-नायक थे यहाँ ।। सचमुच राष्ट्रकवि के यह शब्द बड़े ही मार्मिक हैं। सटीक हैं। गौरवपूर्ण […]
सोशल मीडिया पर ‘हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान’ के शुभचिंतकों की अच्छी बहस होती देखी जाती है। उनमें से कई ऐसे भी होते हैं जो भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को भी यह कहकर कोसते मिलते हैं कि इन दोनों ने भी ‘हिंदुत्व’ के लिए कुछ नहीं किया। कई लोग […]
आज यह प्रश्न बहुत ही गंभीरता के साथ उठना चाहिए कि मोदी जी का निरंतर तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना और सत्ता में उनकी पुनर्वापसी क्यों आवश्यक है? देश हित में इस प्रश्न पर गंभीरता से चिंतन होना चाहिए। जितने भर भी राजनीतिक नौटंकीबाज देश में इस समय काम कर रहे हैं , उन सब की […]
भारत बदल रहा है, यह कहना उतना उचित नहीं है जितना यह कहना उचित है कि भारत अपने मूल से जुड़ रहा है। अपनी जड़ों को पहचान रहा है ।अपनी वास्तविकता को जान रहा है। जब किसी भी देश के आम जीवन में इस प्रकार के क्रांतिकारी परिवर्तन की लहर चलती है तो समझना चाहिए […]
अकबर के दरबार का चित्र अनुच्छेद 308 से 323 में संघराज्य सेवाओं को दिखाने के लिए अकबर के दरबार को भी स्थान दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि भारत के लोग सांप्रदायिक सोच से अब ऊपर उठेंगे और आपस में इतिहास पुरुषों के प्रति भी समन्वय बनाकर आगे बढ़ेंगे परंतु यह दायित्व किसी एक […]
विक्रमादित्य के दरबार का चित्र पंचायत और नगरपालिका वाले अनुच्छेदों के विषय को चित्र के माध्यम से प्रकट करने की भावना से प्रेरित होकर वहां विक्रमादित्य के दरबार वाला चित्र प्रकट किया गया है। हम सभी जानते हैं कि विक्रमादित्य द्वारा स्थापित की गई व्यवस्था बहुत ही न्याय पूर्ण थी। उन्होंने प्रत्येक नागरिक को न्याय […]