Categories
संपादकीय

नेहरू जी और मोदी जी में है मौलिक अंतर

जब जब कांग्रेस के नेताओं पर भाजपा के नेताओं और विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हमला बोला जाता है और किसी बात को लेकर कहा जाता है कि अमुक गलती नेहरू के जमा जमाने में हुई थी, तब तब कांग्रेस को बड़ी मिर्ची लगती है । कांग्रेस को आज भी यह लगता […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

….तो क्या इतिहास मिट जाने दें ? अध्याय 16 मणिपुर समस्या और इतिहास का सच

. नवंबर 1984 में दंगे हुए। जिनमें सिखों का नरसंहार किया गया। निश्चित रूप से वह घटना बहुत ही निंदनीय थी। पर उससे पहले जिन अनेक हिंदुओं का पंजाब में कत्ल किया गया था उनकी चर्चा नवंबर 1984 के दंगों की चर्चा में दबकर रह गई। आज तक कभी आपने यह नहीं सुना होगा कि […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

तो क्या इतिहास मिट जाने दें : अध्याय 15, भारत के चूंडावत सरदार और चीन

भारत की सेना प्राचीन काल से ही न्याय और सत्य के लिए लड़ती आई है। हमने कभी दूसरों के अधिकारों के अतिक्रमण के लिए युद्ध नहीं किए हैं बल्कि दूसरों की रक्षा के लिए और मानवता का परचम फहराने के लिए युद्ध का आयोजन किया है। जर, जोरू जमीन के लिए जो लोग लड़ते रहे […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाभारत से कलिंग युद्ध तक गांधार प्रांत

जब अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, मालदीव और अन्य कई देश आर्यावर्त का एक अंग होते थे, उस समय इन सबके अपने-अपने राजा हुआ करते थे जो स्थानीय स्तर पर प्रजा की समस्याओं का निवारण किया करते थे। ये वैसे ही हुआ करते थे जैसे आज भारत […]

Categories
संपादकीय

राहुल गांधी की नकारात्मक राजनीति और चुनावी दौर

राजनीतिज्ञ को वर्तमान परिस्थितियों में अपना स्वार्थ सिद्ध करना प्राथमिकता पर दिखाई देता है। जबकि राजनेता को राष्ट्रहित दिखाई देता है। राजनीतिज्ञ अपने निहित स्वार्थ की राजनीति करता है। जब कि राजनेता देश के और राष्ट्र के भविष्य निर्माण की योजना में निमग्न रहता है। यही कारण है कि जहां राजनीतिज्ञ छोटी-छोटी बातों को तूल […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

सनातन भारत ,राम मंदिर और आरएसएस

भारत सनातन है और सनातन ही भारत है। इन दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है । जिसे समझना प्रत्येक भारतीय के लिए आवश्यक है जो इस पहेली के रहस्य को समझ जाता है वह भारत को समझ जाता है और फिर उसे सनातन को समझने में भी देर नहीं लगती। जिस प्रकार सनातन और भारत का […]

Categories
व्यक्तित्व

मोहन भागवत जी का ‘परमवैभव संपन्न विश्वगुरु भारत’ भाग 2

भागवत जी की मान्यता है कि यदि मुसलमान समाज को कृष्ण भक्त रसखान और विट्ठल भक्त शेख मोहम्मद जैसे कवियों और दारा शिकोह जैसे मानवतावादी मुसलमानों के विचारों को बताया समझाया जाए तो हम भारतीय समाज को कई प्रकार की विघटनकारी शक्तियों के चंगुल से बचा सकते हैं। उनका मानना है कि यदि शिवाजी महाराज […]

Categories
व्यक्तित्व

मोहन भागवत जी का ‘परमवैभव संपन्न विश्वगुरु भारत’ भाग 1

  आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत श्री राम जी के विषय में अपने वक्तव्यों , भाषणों और कई पत्र पत्रिकाओं के साथ दिए गए साक्षात्कारों में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि श्रीराम भारत के बहुसंख्यक समाज के लिए भगवान हैं। उनका चरित्र, उनका आचरण , उनका व्यवहार , उनका व्यक्तित्व और कृतित्व भारत के सर्व […]

Categories
देश विदेश संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी के लिए मॉरीशस की महत्ता

प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में उन देशों को प्राथमिकता दी गई है जो भारतीय धर्म, संस्कृति और इतिहास की परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के प्रति संकल्पित हैं । भारतीय मूल के प्रवासियों की संतानों के रूप में मॉरीशस की अधिसंख्य हिंदू जनसंख्या ने भारत के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करने में कभी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत भाग 2 – गांधार महाजनपद और रामराज्य

*मैक्समूलर* अपनी पुस्तक ‘हम भारत से क्या सीखें’ में लिखते हैं- यह निर्णीत हो चुका है कि हम सभी पूर्व से ही आए हैं। इतना ही नहीं हमारे जीवन की जितनी भी प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण बातें हैं, सबकी सब हमें पूर्व से ही मिली हैं। ऐसी स्थिति में जब भी हम पूर्व की ओर जाएँ […]

Exit mobile version