राजा दाहिर सेन ने देवल जैसे प्रांत का सूबेदार ज्ञानबुद्ध को बना तो दिया पर यहाँ उनसे एक चूक भी हो गई कि उन्होंने सामरिक दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण प्रान्त का सूबेदार एक ऐसे व्यक्ति को बना दिया था जो महात्मा बुद्ध की ‘अहिंसा’ में विश्वास रखता था। राजा दाहिर सेन को ज्ञान बुद्ध के […]
श्रेणी: स्वर्णिम इतिहास
जब मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण की सूचना राजा दाहिर सेन को प्राप्त हुई तो उन्होंने पहले से ही अपनी रक्षा तैयारियां करनी आरम्भ कर दी थीं। उस समय राजा दाहिर सेन ने बहुत ही दूरदर्शिता और कूटनीतिक दृष्टिकोण से कार्य किया। उन्होंने देश ,धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए उन सभी शक्तियों का […]
राजकुमार जयशाह से पराजित हुए अरब सैनिकों ने बहुत ही निराश, हताश और उदास अरब सैनिकों ने जाकर खलीफा को अपनी पराजय का संदेश सुनाया। जिसे सुनकर खलीफा को पसीना आ गया । जब अरब के लुटेरे दलों की सर्वत्र जय जयकार हो रही थी, तब एक भारत ही ऐसा देश था जिसकी धरती पर […]
* जब कंधार के तत्कालीन शासक अमीर अली खान पठान को मजबूर हो कर जैसलमेर राज्य में शरण लेनी पड़ी। तब यहां के महारावल लूणकरण थे। वे महारावल जैतसिंह के जेष्ठ पुत्र होने के कारण उनके बाद यहां के शासक बने। वैसे उनकी कंधार के शासक अमीर अली खान पठान से पहले से ही मित्रता […]
यही कारण है कि राजा दाहिर सेन को जब विदेशी शत्रु आक्रमणकारी अरबों के विषय में यह समाचार मिला कि वे सिन्ध पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहे हैं तो उन्होंने भी युद्ध का सामना करने की तैयारी करना आरम्भ कर दिया। वैसे भी भारत में मानवता के शत्रुओं से युद्ध करना धर्म युद्ध […]
622 ई से लेकर 634 ई तक मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया ।। 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 16 वर्ष में सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया ।। 640 में […]
सन् 1840 में काबुल में युद्ध में 8000 पठान मिलकर भी 1200 राजपूतो का मुकाबला 1 घंटे भी नही कर पाये। वही इतिहासकारो का कहना था की चित्तोड की तीसरी लड़ाई जो 8000 राजपूतो और 60000 मुगलो के मध्य हुयी थी वहा अगर राजपूत 15000 राजपूत होते तो अकबर भी जिंदा बचकर नहीं जाता। […]
अरबों से राजा की पहली भिड़ंत चोरी, डकैती, हत्या और बलात्कार – भारत में अरब आयातित दुर्गुण रहे हैं । उससे पहले भारत में इन दुर्गुणों के बारे में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था। जब अरब के लोगों का भारत के साथ सम्पर्क हुआ और कालांतर में अरब या अरबी धर्म […]
जब राजा दाहिर सेन ने अपने शासन की बागडोर संभाली तो उस समय भी उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा । राजा दाहिर सेन के पिता के सम्बन्ध गुर्जर , जाट और लोहाणा समाज से सामान्य नहीं रह गए थे। समय और परिस्थितियों को देखते हुए इन सभी जातियों के लोगों से […]
लेखक:- प्रशांत पोळ हाल ही में एक समाचार पत्र में यह समाचार प्रकाशित हुआ था कि विभिन्न प्रकार की खोज और शोध के अनुसार हमारे पृथ्वी की आयु लगभग ४.५ बिलियन वर्ष आँकी गई है… अर्थात ४५४ करोड़ वर्ष. मजे की बात यह है कि हमारे पुराणों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है. […]