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इतिहास के पन्नों से

अपनी कही हुई बात पर कभी स्थिर नहीं रहते थे गांधी जी

शंकर शरण भारत के हिन्दूवादियों द्वारा महात्मा गाँधी की जयकार में एक भारी विडंबना है। विदेशी अतिथियों को गाँधी-समाधि पर ले जाने जैसे नियमित अनुष्ठानों से यह और गहरी होती है। ऐसा कर के हमारे नेता क्या संदेश देते हैं? निस्संदेह, गाँधी जी ने अनेक अच्छे काम किए। पर उन की राजनीतिक विरासत अत्यंत हानिकर […]

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इतिहास के पन्नों से

जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा था – तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

उगता भारत ब्यूरो 4 जुलाई 1944 को बर्मा में भारतीयों के सामने दिया गया नेताजी का ये प्रेरक भाषण शब्दशः प्रस्तुत है दोस्तो ! बारह महीने पहले “ पूर्ण संग्रहण ”(total mobilization) या “परम बलिदान ”(maximum sacrifice) का एक नया कार्यक्रम पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के समक्ष रखा गया था ! आज मैं आपको […]

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इतिहास के पन्नों से

जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो – सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग

यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ……. और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया । अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा […]

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इतिहास के पन्नों से

जैन मत समीक्षा व जैन ग्रंथों के गपोडे-

………….. -डा मुमुक्षु आर्य ……………. चार्वाक,जैन, बौद्ध- ये तीन नास्तिक मत हैं जो ईश्वर की सत्ता को नहीं मानते, इनका मानना है कि यह सृष्टि अनादि काल से ऐसे ही चली आ रही है, इसको कोई बनाने वाला नहीं । इनके ग्रन्थों में भी तन्त्र पुराण कुरान बाइबिल आदि अनार्ष ग्रन्थों की तरह काल्पनिक किस्से […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महाराजा रणजीत सिंह और उनके बेटे दलीप सिंह की रोमांचकारी कहानी

उगता भारत ब्यूरो महाराजा रंजीत सिंह सरीखे प्रतापी राजा, जिनके जीवित रहते ईस्ट इंडिया कंपनी ने कभी उनके संप्रदाय में दखल देने तक की हिम्मत नहीं की थी, के जाने के बाद उनके साम्राज्य और परिवार का इतना बुरा हश्र होगा इसकी कभी किसी ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी। आज कल वे […]

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इतिहास के पन्नों से उगता भारत न्यूज़

. सावरकरजी के विचारों के अनुसार आचरण किया होता, तो विभाजन नहीं, देश विश्‍वगुरु बन गया होता ! – श्री. उदय माहुरकर, केंद्रीय जानकारी आयुक्त

स्वा. सावरकर एक दूरदर्शी राष्ट्रपुरुष तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के मानबिंदु थे । स्वा. सावरकरजी के विचारों के अनुसार आचरण न करने से देश की बडी हानि हुई । स्वा. सावरकरजी के विचारों के अनुसार यदि देश ने आचरण किया होता, तो देश का विभाजन नहीं हुआ होता । इसके विपरीत देश विश्‍वगुरु बन गया होता, […]

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इतिहास के पन्नों से कहानी

_मुगले आजम की एक और हकीकत :अनारकली सलीम की प्रेमिका और अकबर की रखैल थी_*

विवेक दर्शन पत्रिका जब प्यार किया तो डरना क्या – प्यार ..किस किस से….. प्रतापसिंह इस्लाम की खूबसूरती इसमें है कि पूरा कुनबा एक साथ एक ही “थाली” में खाये और उपयोग करे भारतीय इतिहास में जब भी अमर प्रेम कहानियों का जिक्र होता है तो सलीम और अनारकली का नाम जरूर आता है। इस […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के गौरवशाली इतिहास के महानायक

उगता भारत ब्यूरो बप्पा रावल- अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धर्म रक्षक की उपाधि धारण की। भीम देव सोलंकी द्वितीय – मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा। पृथ्वीराज चौहान – गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतवासियों के राजनीतिक पराभव पर महर्षि दयानंद का चिंतन

जब भी किसी देश, जाति या समाज का पराभव होता है, वह एक सुखद अवसर नहीं होता। भारतीय इतिहास में अनेक ऐसे अवसर आये हैं, जब हमने अपने को पराजित, पददलित और शोषित अनुभव किया है। इस पराजय में हमने केवल राजनीतिक सत्ता का ही अपहरण कराया हो, ऐसी बात नहीं है, अपितु हमारी सांस्कृतिक […]

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इतिहास के पन्नों से

अंग्रेजों के आने से पहले लाखों गुरुकुल थे भारत में

उगता भारत ब्यूरो गाँधीजी के निकटतम सहयोगी रहे स्व. धर्मपालजी ने गाँधीजी के कहने पर 17वीं व 18 वीं शताब्दी के भारत की राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहन शोध किया था। उन्होंने लाखों दस्तावेज इकठ्ठे किए और जगह-जगह जाकर तथ्यों की पड़ताल की। इस व्यापक शोध को उन्होंने पुस्तक के रुप में प्रकाशित […]

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