उगता भारत ब्यूरो शाचींद्रनाथ सान्याल भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे राष्ट्रीय व क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय भागीदार होने के साथ ही क्रांतिकारियों की नई पीढ़ी के प्रतिनिधि भी थे। इसके साथ ही वे ‘गदर पार्टी’ और ‘अनुशीलन संगठन’ के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के महान कार्यकर्ता और […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
गांधी वध धर्म और राष्ट्र रक्षार्थ एक राजनैतिक वध था…उस समय साम्प्रदायिक समस्या के संबंध में गांधी जी की नीति अत्यंत हानिकारक सिद्ध हुई थी। क्योंकि इतिहास से हमें ज्ञात होता है कि भारत के मूल निवासियों पर बढ़ती आक्रान्ताओं की आक्रामकता में गांधी जी की उदासीनता उनका अप्रत्यक्ष समर्थन करती थी। वैसे भी अनेक […]
कृष्ण कुमार मिश्र तराई की जलधाराएं जो पूरी दुनिया में अद्भुत और प्रासंगिक हैं, क्योंकि इन्ही जलधाराओं से यहाँ के जंगल हरे भरे और जैव विविधिता अतुलनीय रही, यहाँ हिमालय से उतर कर शारदा घाघरा जैसी विशाल नदियां तराई की भूमि को सरोबार करती है अपने जल अमृत से, तो गोमती, पिरई, चौका, सरायन, जमुहारी, […]
उगता भारत ब्यूरो 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान विभाजन की कई दर्दनाक कहानियां है। ऐसी ही एक कहानी है तत्कालीन कश्मीर रियासत के एक शहर मीरपुर की। यहां के हिन्दू लोगों ने खुद को पाकिस्तानी सेना से बचाने के लिए तत्कलीन कश्मीर के प्रमुख शेख अब्दुल्ला से गुहार लगाई। लेकिन अब्दुल्ला ने इसे अनसुना कर दिया […]
————————————— ३१ जनवरी को सावरकर के घर की तलाशी ली गयी। उनके १० हज़ार पत्र पुलिस जब्त करके ले गई। १ फ़रवरी १९४८ से लेकर ५ फ़रवरी तक समस्त देश में हिन्दु महासभा तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी का भीषण दौर चला। जिस पर तनिक भी संदेह हुआ […]
डॉ विवेक आर्य पुणे के समीप भीमा कोरेगांव में एक स्मारक बना हुआ है। कहते है कि आज से 200 वर्ष पहले इसी स्थान पर बाजीराव पेशवा द्वितीय की फौज को अंग्रेजों की फौज ने हराया था। महाराष्ट्र में दलित कहलाने वाली महार जाति के सैनिकों ने अंग्रेजों की ओर से युद्ध में भाग लिया […]
उगता भारत ब्यूरो उन्नीसवीं शताब्दी में और बीसवीं शताब्दी के शुरु में एशिया में अपना प्रभुत्त्व जमाने के लिए रूसी साम्राज्य और ब्रिटिश साम्राज्य के बीच खींचतान हुई। इस खींचतान को तब नाम दिया गया था – द ग्रेट गेम यानी वो बड़ा खेल। उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में विश्व राजनीति में रूसी और ब्रिटिश […]
प्रेषकः डॉ विवेक आर्य जिन्होंने इतिहास के उन पन्नों को पलटा है, जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे, तब उन्होंने आर्थिक सहायता के लिये अभ्यर्थना भारत से की | उन दिनों गुरुकुल कांगड़ी में २-३ अंग्रेजी अख़बार आते थे | स्वामी श्रद्धानंद ने उन अखबारों के आधार पर […]
महात्मा गाँधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद महाराज कालीचरण को आज (दिसंबर 30, 2021) खजुराहो से मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस को सूचित किये बिना गिरफ्तार कर लिया गया है। जो बहुत ही निंदनीय और आपत्तिजनक है। अगर गाँधी भक्तो को महाराज कालीचरण द्वारा गाँधी के विरुद्ध कहे शब्दों से इतना ऐतराज है, फिर […]
मियां असदुद्दीन ओवैसी यदि यह सोच रहे हैं कि भविष्य में देश की सत्ता पर फिर कांग्रेस का बीज होगी तो अब उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि मुस्लिम तुष्टीकरण के खेल में लगी रही कांग्रेस कभी भी सत्ता में लौट नहीं पाएगी । ओवैसी को यह ध्यान रखना चाहिए कि 2004 में कांग्रेस सत्ता […]