-अशोक “प्रवृद्ध” ईसा मसीह और क्रिसमस को लेकर लोगों के मन में अनेक भ्रांतियां, अनगिनत प्रश्न और असंगत कथाओं के कारण अनंत कौतूहल है। यह भी सिद्धप्राय है कि 25 दिसम्बर का ईसा मसीह के जन्मदिन से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म 7 ईसा पूर्व […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
डॉ रविंद्र अग्निहोत्री के एक लेख के अनुसार युद्ध प्रारम्भ होते ही सम्राट पुरु के पुत्र के पहले ही प्रहार से घायल होकर सिकंदर घोड़े से गिर पड़ा, (जस्टिन के अनुसार उसका घोड़ा भी मारा गया), युद्ध तभी समाप्त हो जाता, पर सिकंदर के कुछ वफ़ादार सैनिक किसी प्रकार उसे बचाकर ले गए । कई लेखकों […]
इतिहास का पुनर्मूल्यांकन सभी भारतीयों के गौरव का दिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई. मीटिंग में हाज़िर लोग थे – वित्त मंत्री यशवंत चौहान, रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम, कृषि मंत्री फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह और इन राजनेताओं से अलग एक ख़ास आदमी- सेनाध्यक्ष जनरल सैम […]
अन्तिम समय की बातें आज 16 दिसम्बर 1927 ई० को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख कर रहा हूँ, जबकि 19 दिसम्बर 1927 ई० सोमवार (पौष कृष्णा 11 सम्वत् 1984 वि०) को 6 बजे प्रातःकाल इस शरीर को फाँसी पर लटका देने की तिथि निश्चित हो चुकी है। अतएव नियत समय पर इहलीला संवरण करनी होगी। यह […]
सुंग वंश का साम्राज्य मौर्य वंश के शासनकाल में बौद्ध धर्म की अहिंसा को प्रोत्साहन मिला। जिसके विरुद्ध बगावत करके इस वंश के अंतिम शासक व्रहद्रथ को उसके सैनिकों के सामने ही मारकर पुष्यमित्र शुंग ने सत्ता अपने हाथों में ली और एक नए राजवंश शुंग वंश की स्थापना की। शुंग वंश की स्थापना 185 […]
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई. मीटिंग में हाज़िर लोग थे – वित्त मंत्री यशवंत चौहान, रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम, कृषि मंत्री फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह और इन राजनेताओं से अलग एक ख़ास आदमी- सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशा. अप्रैल 29, 1971 के दिन ‘क्या कर रहे […]
सिकंदर के आक्रमण के पश्चात चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की । सिकंदर जैसा कोई अन्य व्यक्ति भारत की ओर आंखें उठाकर देखने का फिर साहस न कर सके , इसलिए चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु चाणक्य ने भारत की पश्चिम की सीमाओं का गहनता से अध्ययन किया और […]
श्री कृष्ण भगवान् को राधा के साथ जोड़ना , अश्लीलता भरा वर्णन करना, प्रेम लीला रास लीला दिखाना,16108 गोपियों से शादी करना। शर्म नहीं आती हिंदुओं को। अगर कोई जाकिर नाइक जैसा मुल्ला इन्हीं की अश्लीलता को उजागर करे प्रश्न उठा दे इनके देवी देवताओं पर तो ये हिन्दू चुप ऐसे चुप जैसे जुबान ही […]
नंद राजवंश भारतीय तिथि क्रम और वंशावलियों के अनुसार नंद वंश का शासन काल ई0 पूर्व 1664 से 1596 के मध्य माना गया है। पुराणों में इसे महापदम नंद कहा गया है। जिसने पांचवी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व उत्तरी भारत के विशाल भाग पर शासन किया था । नंद वंश की स्थापना महापदम नंद ने […]
महाभारत काल में भारत के अंदर 101 प्रसिद्घ क्षत्रिय राजवंश थे। इनमें 86 राजा मगध नरेश जरासंध ने पराजित कर जेल में डाल रखे थे। इन 101 राजवंशों के इतने ही महाजनपद (प्रांत या राज्य क्षेत्र) थे। इससे महाभारत (विशाल भारत) का निर्माण होता था। ये राजा किसी एक राजा से होने वाले दूसरे राजा […]