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इतिहास के पन्नों से

25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग …3

नंद राजवंश

भारतीय तिथि क्रम और वंशावलियों के अनुसार नंद वंश का शासन काल ई0 पूर्व 1664 से 1596 के मध्य माना गया है। पुराणों में इसे महापदम नंद कहा गया है। जिसने पांचवी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व उत्तरी भारत के विशाल भाग पर शासन किया था । नंद वंश की स्थापना महापदम नंद ने की थी।
344 और 322 ईसा पूर्व के बीच, नंद वंश ने उत्तरी भारत में मगध पर अपना अधिकार किया। नंदा राजधानी पूर्वी भारत के मगध क्षेत्र में, पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) के पास स्थित हुआ करती थी। बौद्ध और जैन परंपराओं के साथ साथ संस्कृत नाटक मुद्राराक्षस से भी इसके प्रमाण मिलते हैं। नंदों ने अधिक केंद्रीकृत प्रशासन की स्थापना करके अपने हर्यंक और शिशुनाग पूर्वजों की उपलब्धियों का किया। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, उन्होंने एक नई मुद्रा और कराधान प्रणाली को अपनाने के परिणामस्वरूप विशाल संपत्ति अर्जित की ।
मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु चाणक्य ने अंतिम नंद शासक को पराजित कर सत्ता से हटा दिया था। पुराणों के अनुसार, महापद्म राजवंश के संस्थापक थे, और वे शिशुनाग सम्राट महानंदिन के पुत्र थे। इनके शासन काल की राज्य व्यवस्था और इनके वंश पर विशेष अनुसंधान / शोध करने की आवश्यकता है।

मेरी पुस्तक “25 मानचित्र में भारत के इतिहास का सच” से

डॉ राकेश कुमार आर्य
संपादक : उगता भारत

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