इस शीर्षक को पढ़ कर आप अवश्य चौकेंगे, लेकिन सत्ता पिपासा के लिए जवाहरलाल नेहरू के ये कुछ व्यक्तिगत रहस्य भी जानने से यह स्पष्ट होता है कि स्वतंत्रता के उपरान्त भी भारत क्यों अपने गौरव को पुन: स्थापित न कर सका __ विनोद कुमार सर्वोदय श्री नरेन्द्र सिंह जी जो ‘सरीला’ रियासत (टीकमगढ़ के […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
महाराणा प्रताप का पराक्रम युद्ध में महाराणा प्रताप किस प्रकार अपने पराक्रम का प्रदर्शन कर रहे थे ? इसके बारे में कर्नल टॉड ने भी हमें बहुत कुछ बताया है। वह लिखता है कि – “अपने राजपूतों और भीलों के साथ मारकाट करता हुआ प्रताप आगे बढ़ने लगा। लेकिन मुगलों की विशाल सेना को पीछे […]
ओ३म् ========= देश की आजादी से पूर्व हैदराबाद एक मुस्लिम रियासत थी। वहां हिन्दुओं के बड़ी जनसंख्या में होने पर भी उनके धार्मिक अधिकारों को प्रायः छीन लिया गया था। वहां हिन्दू मन्दिरों में लाउडस्पीकर लगाकर अपने धार्मिक आयोजन नहीं कर सकते थे। जलूस आदि नहीं निकाल सकते थे। वैदिक धर्म प्रचारकों पर भी वहां […]
राजार्यसभा और हरयाणा हरयाणा के आर्यों ने राजनीति में पर्याप्त भाग लिया है । यहां जो आर्यसमाजी हैं वे ही कांग्रेसी हैं । जो कोई कांग्रेसी आर्यसमाजी नहीं है , वही ढीला है । हरयाणा प्रान्त के लगभग सभी वर्तमान एम.एल.ए. आर्यसमाजी हैं , किन्तु आगे जाकर अपने स्वरूप को भूल जाते हैं । शेर […]
महाराणा प्रताप का पराक्रम युद्ध में महाराणा प्रताप किस प्रकार अपने पराक्रम का प्रदर्शन कर रहे थे ? इसके बारे में कर्नल टॉड ने भी हमें बहुत कुछ बताया है। वह लिखता है कि – “अपने राजपूतों और भीलों के साथ मारकाट करता हुआ प्रताप आगे बढ़ने लगा। लेकिन मुगलों की विशाल सेना को पीछे […]
महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह महाराणा प्रताप और अकबर दोनों युद्ध की तैयारी में लगे हुए थे। जून 1576 ई0 में अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया। अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य हुए इस युद्ध को ही इतिहास में हल्दीघाटी के युद्ध के नाम से पुकारा जाता है। इस युद्ध का आंखों देखा […]
ओ३म् -रामनवमी पर्व 30 मार्च पर- -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। चैत्र शुक्ल नवमी आर्यों व हिन्दुओं का ही नहीं अपितु संसारस्थ सभी विवेकशील लोगों के लिए आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी का जन्म दिवस पर्व है। इस पर्व को श्री रामचन्द्र जी के भक्त अपनी अपनी तरह से सर्वत्र मनाते हैं। हम वैदिक धर्मी […]
अबुल फजल ने फैलाई भ्रांति अबुल फजल की इस प्रकार की अनर्गल बातों ने ही इस भ्रांति को जन्म दिया कि महाराणा प्रताप ने राजा भगवानदास से पूर्व में किए गए राजा मानसिंह के साथ कथित दुर्व्यवहार पर पश्चात्ताप किया था। अबुल फजल ने इस बात को गलत ढंग से इसलिए लिखा कि राजा भगवानदास […]
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी गलताजी जयपुर से 10 कि.मीअरावली पहाड़ियोंमें एक पहाड़ी दर्रे के अंदर निर्मित तीर्थ स्थल है । गैलव ऋषि की तपोभूमि होने के कारण यह “गैलव अजीज” के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। इसका नाम समय के साथ बिगडकर गालव से गलता हो गया। यह आज गलताजी तीर्थ के नाम से […]
अकबर के दूतमंडल और महाराणा प्रताप महाराणा प्रताप ने सत्ता संभालते ही अपने लिए कांटों का मार्ग अपना लिया था। उन्होंने राष्ट्र के लिए यह शिवसंकल्प धारण किया कि अपने दादा महाराणा संग्राम सिंह के सपने को साकार करते हुए वह भारत भूमि को म्लेच्छ मुगलों से मुक्त कराएंगे। अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के […]