कश्मीर के गौरवशाली हिंदू इतिहास के विषय में हमने पिछले लेखों में सूक्ष्म सा प्रकाश डाला था। अब पुन: कश्मीर की उस केसर को इतिहास के गौरव पृष्ठों पर खोजने का प्रयास करते हैं, जिसकी सुगंध ने इस स्वर्गसम पवित्र पंडितों की पावन भूमि को भारतीय इतिहास के लिए श्लाघनीय कार्य करने के लिए […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
भारतीय दलित राजनीति वर्तमान समय में सर्वाधिक दिग्भ्रमित दौर में है। दुर्भाग्य से वर्तमान समय ही इतिहास का वह संधिकाल या संक्रमणकाल है जबकि दलित राजनीति को एक दिशा की सर्वाधिक आवश्यकता है। भीम मीम के नाम का सामाजिक जहर बाबासाहेब अम्बेडकर के समूचे चिंतन को लील रहा है।भीम मीम के इतिहास को देखना, पढ़ना […]
उन्नीसवीं सदी के हिन्दू नवोत्थान के इतिहास का पृष्ठ-पृष्ठ बतलाता है कि जब यूरोप वाले भारतवर्ष में आये तब यहां के धर्म और संस्कृति पर रूढ़ि की पर्तें जमी हुई थीं एवं यूरोप के मुकाबले में उठने के लिए यह आवश्यक हो गया था कि ये पर्तें एकदम उखाड़ फेंकी जाएँ और हिन्दुत्व का […]
नवसंवत्सरोत्सव चैत्र सुदि’प्रतिपदा सृष्टि संवत्- 1960853122 विक्रम संवत्- 2078 और शक्संवत- 1943 के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम विचार करेंगे कि सृष्टि के निर्माण को कितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं ? इसके अलावा चारों युगों की काल गणना ,आयु सीमा अर्थात् कालावधि कितनी है ? कितना समय चारों […]
#डॉविवेकआर्य प्रधानमन्त्री मोदी जी गुरु तेग बहादुर जी के 400 वे प्रकाश पर्व को बनाने का निर्णय लिया है। गुरूजी के बलिदान की महिमा को शब्दों में वर्णित करना असम्भव है। इस्लामिक कट्टरवाद के कारण आलमगीर का ओहदा जिसके नाम के साथ लगा था, जिसने अपने सगे भाइयों को सत्ता के लिए मरवा दिया […]
सनातन मांस रामायण, वैदिक छान्दस, ब्राह्मण और उपनिषदों की भाषा पाणिनि के व्याकरण से कई स्तरों पर मुक्त है। 1500 ई.पू. में सृजन या प्राक् आर्यभाषा जैसे ऐतिहासिक हास्य प्रकरण छोड़ देने पर और ध्यान से पढ़ने पर किसी भी खुली बुद्धि वाले को यह लग जाता है वेदों की भाषा बहुत पुरानी है, इतनी […]
11 अप्रैल/बलिदान-दिवस खाज्या नायक अंग्रेजों की भील पल्टन में एक सामान्य सिपाही थे। उन्हें सेंधवा-जामली चैकी से सिरपुर चैक तक के 24 मील लम्बे मार्ग की निगरानी का काम सौंपा गया था। खाज्या ने 1831 से 1851 तक इस काम को पूर्ण निष्ठा से किया। एक बार गश्त के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति को यात्रियों […]
🌺🍂स्वामी वेदानंद तीर्थ -, जीवनी के रोचक प्रसंग🍂🌺 चुने हुए वेद मंत्रों के संग्रह ” स्वाध्याय संदोह ” के लैखक स्वामी वेदानंद तीर्थ की संन्यास दीक्षा और वैदिक शिक्षा वाराणसी नगर में हुई। एक दिन वह महाभाष्य के विद्वान श्री पण्डित तिवाड़ी जी की पीठिका से अपने निवास स्थान की ओर जा रहे थे कि […]
“बेला और कल्याणी” *भारत की दो वीरांगना बेटियाँ बेला और कल्याणी कौन थी … .. बेला तो पृथ्वीराज चौहान की बेटी थी और कल्याणी जयचंद की पौत्री। मुहम्मद गोरी हमारे देश को लूटकर जब अपने वतन गया तो गजनी के सर्वोच्च काजी व गोरी के गुरु निजामुल्क ने मोहम्मद गौरी का अपने महल में स्वागत […]
भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों में शुमार कांग्रेस का गठन 28 दिसंबर 1885 को हुआ था। इसकी स्थापना अंग्रेज एओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य) ने की थी। दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा भी संस्थापकों में शामिल थे। संगठन का पहला अध्यक्ष व्योमेशचंद्र बनर्जी को बनाया गया था। उस समय कांग्रेस के […]