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इतिहास के पन्नों से

पुराने ग्रीक लेखकों का भारत वर्णन

१. सोने की खुदाई करने वाली चींटियां ग्रीक हेरोडोटस (४८४-४२५ ईपू) ने अपने इतिहास खण्ड ३ में एक अध्याय में केवल भारत की उन चींटियों का वर्णन है जिनसे सोने की खुदायी कर भारत धनी हो गया था। यह पारसी राज्य के पूर्व भाग के भारतीय क्षेत्रों में था। यह मरुभूमि क्षेत्र था जहां की […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वामी दयानंद और चित्तौड़गढ़

राजपूतों के इस संघ में ऋषि दयानंद को महाराणा प्रताप और दुर्गादास राठोड़ की संतान को देखने का अवसर मिला, कहा वह स्वाधीन शेर? क्या यह राज्य और इन्द्रियों के बन्धुए? ऋषि दयानंद ने राजपूतने की दशा को रोते हुए ह्रदय से देखा, जो लोग वीरता के आदर्श थे, मान के पुजारी आयर स्वाधीनता के […]

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इतिहास के पन्नों से

ऐसे हुई थी भगत सिंह के क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त की बेकदरी

  इतिहास ने जिसे भुला दिया ….. बटुकेश्वर दत्त ! नाम याद है या भूल गए ?? हाँ, ये वही बटुकेश्वर दत्त हैं जिन्होंने भगतसिंह के साथ दिल्ली असेंबली में बम फेंका था और गिरफ़्तारी दी थी। अपने भगत पर तो जुर्म संगीन थे लिहाज़ा उनको सजा-ए-मौत दी गयी । पर बटुकेश्वर दत्त को आजीवन […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन अध्याय – 5 ( 2 ) अरब वालों के लिए भारत की आर्थिक समृद्धि थी ईर्ष्या का कारण

वास्तव में उन दिनों भारत की आर्थिक समृद्धि अरब के खलीफाओं और उनके सैनिकों के लिए बहुत ही अधिक ईर्ष्या का कारण बन चुकी थी। वह किसी न किसी प्रकार से भारत पर आक्रमण कर यहाँ की अकूत सम्पदा को लूटने की योजनाएं बनाने लगे थे। उन दिनों महाराजा दाहिर सेन की राजधानी अलोर थी। […]

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इतिहास के पन्नों से

आजाद हिंद फौज का सपना था कुतुब मीनार पर ध्वज फहराए जो अधूरा रह गया ?

  अखिलेश झा दिल्ली चलो… यह नारा था आजाद हिंद फौज का, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का। अंग्रेजों के चंगुल से देश को छुड़ाने निकली उस फौज का मार्चिंग सॉन्ग भी बनाया गया, इसी नारे को। उस गीत में कहा गया था, ‘चलो दिल्ली…चलो दिल्ली… चलो दिल्ली, जवानो, हिंद को आजाद करवाएं’। उसमें दिल्ली की […]

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इतिहास के पन्नों से

शिक्षा का कुम्भकार “कृषि कर्म का पैरोकार” :  राय बहादुर चौधरी अमर सिंह 

राय बहादुर चौधरी अमर सिंह का जन्म १० अप्रैल १८७९ को उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर (पूर्व नाम वरन नगर) के ग्राम पाली प्रतापपुर के एक बड़े जमींदार घराने में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री (डिप्टी) नारायण सिंह एवं माता का नाम श्रीमती लक्ष्मी था। जमींदार परिवार में पालन पोषण के उपरांत भी इस महापुरुष में […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय इतिहास का एक रहस्य, पानीपत का युद्ध – १७६१

लेखक – स्वामी ओमानंद सरस्वती,हरयाणा निर्माता प्रस्तुति :- अमित सिवाहा १४ जनवरी १९६१ को पानीपत के प्रसिद्ध युद्ध को, जो मराठों और अहमदशाह अब्दाली के मध्य हुआ, पूरे २०० वर्ष हो गये। पंजाब सरकार के माननीय राज्यपाल श्री नरहरि विष्णु गाडगिल ने घोषणा की है कि “पानीपत के युद्ध की द्वितीय शताब्दी इस वर्ष मनाई […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

भारतीय स्थापत्य शास्त्र रहा है दुनिया में बेजोड़

लेखक:- प्रशांत पोळ   किसी भी वस्तु की वारंटी अथवा गारंटी का अनुमान, हम सामान्य लोग कितना लगा सकते हैं? एक वर्ष… दो वर्ष… पांच वर्ष या दस वर्ष..? आजकल ‘लाइफ टाइम वारंटी’ बीस वर्ष की आती हैं. हमारी सोच इससे अधिक नहीं जाती. है ना? परन्तु निर्माण अथवा स्थापत्य क्षेत्र के प्राचीन भारतीय इंजीनियरों […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

क्या आप 52 वर्षों तक संघ मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराने का कारण जानते हैं ?

  RSS ने 52 वर्षों तक भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा क्यों नही फहराया ? जी हां ये सच है कि 1950 से 2002 तक RSS ने तिरंगा नहीं फहराया, तो इस राष्ट्रीय ध्वज के न फहराने का सच क्या है ? आइये जानते हैं ! ऐसा क्या हुआ कि 1950 के बाद RSS ने […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन अध्याय – 5 ( 1 ) अरबों से राजा की पहली भिड़ंत

  अरबों से राजा की पहली भिड़ंत   चोरी, डकैती, हत्या और बलात्कार – भारत में अरब आयातित दुर्गुण रहे हैं । उससे पहले भारत में इन दुर्गुणों के बारे में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था। जब अरब के लोगों का भारत के साथ सम्पर्क हुआ और कालांतर में अरब या अरबी धर्म […]

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