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इतिहास के पन्नों से

क्रांतिकारी आंदोलन के एक महान स्तंभ थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस

हितेश शंकर आजाद हिन्द सरकार ने एक ऐसा भारत बनाने का वादा किया था, जिसमें सभी के पास समान अधिकार हों, सभी के पास समान अवसर हों। आजाद हिन्द सरकार ने एक ऐसा भारत बनाने का वादा किया था जो अपनी प्राचीन परम्पराओं से प्रेरणा लेगा और गौरवपूर्ण बनाने वाले सुखी और समृद्ध भारत का […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सुभाष चंद्र बोस व आज़ाद हिंद फ़ौज के प्रति नेहरू सरकार का अत्याचार

——————————————- २१ अक्तूबर का दिन भारतीय स्वाधीनता के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन है। इस दिन सन १९४३ में जब अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नियंत्रण सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फ़ौज के नियंत्रण में आया तब सुभाष चंद्र बोस ने अखंड भारत की पहली स्वाधीन सरकार की स्थापना की जिसे बिश्व […]

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इतिहास के पन्नों से

चाँदपुर के मेले में स्वामी ने केसे “कबीर पंथियों” की मुसलमानो ओर ईसाई से इज़्ज़त बचाई

उन्हीं दिनों शाहजहाँपुर ( उ०प्र० ) के समीप चाँदपुर गाँव में मेला लग रहा था । पहले वर्ष इसी मेले में पादरियों , मुसलमानों और कबीर पंथियों में वाद – विवाद हुआ था । इस चर्चा में मुसलमानों का पलड़ा भारी रहा था । उस गाँव में कबीरपंथियों की संख्या ज्यादा थी । उनके कारोबार […]

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आजाद हिंद फौज की वैकल्पिक सरकार 21 अक्टूबर 1943 के गठन की वर्षगांठ के अवसर पर विशेष : भारतमाता के साथ परिहास-श्याम सुन्दर पोद्दार     

      ———————————————   ब्रिटेन की संसद में भारत को स्वाधीन करने की मजबूरी के बारे में प्रधान मंत्री क्लिमेंट एटली  ने कहा था कि भारत की ब्रिटिश सेना हमारे प्रति वफ़ादार नही रही है और  हमारे पास वह ताक़त नही है कि हम उसे भारत में भेज कर भारत  की विद्रोही सेना को नियंत्रण में […]

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इतिहास के पन्नों से

जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के प्रयासों में भी सम्मिलित रहे थे सरदार पटेल

अवधेश कुमार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जम्मू-कश्मीर से कार्यसमिति के सदस्य तारिक हामिद कर्रा ने जिस तरह सरदार पटेल की आलोचना करते हुए कहा कि कश्मीर पर वह उदासीन थे और यह कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने त्वरित पहल नहीं की होती तो वह पाकिस्तान के कब्जे में चला जाता, उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ […]

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इतिहास के पन्नों से

हैदराबाद के बदले कश्मीर और पटेल की सोच

हिंडोल सेनगुप्ता भारत का एकीकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल का बड़ा सपना था। उन्होंने 1946 में ही के.एम. मुंशी को लिखा था: ‘हमने देश के सामने खड़े विनाश को सफलतापूर्वक टाल दिया है। इतने बरसों में पहली बार किसी भी रूप में पाकिस्तान की संभावना को साफ शब्दों में खारिज कर दिया गया है।’ उनका […]

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इतिहास के पन्नों से

कितनों ने धर्म बदला इसकी जानकारी रखें

[ पिछड़ी जातियों को धार्मिक संरक्षण विधेयक पर लोकसभा में 4 मार्च 1960 को बहस का समाहार ] स्त्रोत :- पंडित प्रकाशवीर जी के संसदीय भाषण संकलनकर्ता :- डॉ. सत्यवीर त्यागी प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा सुश्री मणिबेन पटेल ( आनन्द ) : मैं मिनिस्टर साहब से जानना चाहती हूँ कि हमें आजादी मिलने से पहले […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

१८वीं सदी के रूस में हिन्दू व्यापारी

आज के दौर में वैश्विक व्यापार में भारत के कुछ ही व्यापारिक परिवार विश्व में अपना सिक्का चला पाए है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब भारत के वैश्यों ने बड़े पैमाने पर भारतीय उत्पादों को दूर देशों तक पहुंचाने का कार्य किया था जिस कारण भारतीय उत्पादों व भारतीय संस्कृति के प्रति आज […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आदिकवि वाल्मीकि और उनका कालजयी ग्रंथ रामायण

हमारा देश भारत ऋषि और कृषि का देश है। यदि इन दोनों को भारतीय संस्कृति से निकाल दिया जाए तो समझो कि भारत निष्प्राण हो जाएगा । यह हम सबके लिए परम सौभाग्य का विषय है कि हमारे देश भारत वर्ष में एक से बढ़कर एक ऐसे ऋषि – महर्षि हुए जिन्होंने मानवता की अनुपम […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत के युद्ध का काल निर्धारण

कब हुआ महाभारत का युद्ध गुंजन अग्रवाल महाभारत का युद्ध कब हुआ? इस यक्ष-प्रश्न का उत्तर ढूँढ़ लेने पर भारतीय इतिहास की बहुत सारी काल-सम्बन्धी गुत्थियाँ सुलझ सकती हैं। विगत दो शताब्दियों में अनेक देशी-विदेशी इतिहासकारों ने महाभारत-युद्ध की तिथि निर्धारित करने और उसके आधार पर समूचे इतिहास को व्यवस्थित करने का प्रयास किया है। […]

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