सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा भगवान श्रीराम, अध्याय – 5 अब रामचंद्र जी पंचवटी की ओर चल पड़ते हैं, जहां जटायु से उनकी मुलाकात होती है। जटायु कोई पक्षी नहीं था, बल्कि यह एक मनुष्य था , जो कि राजा दशरथ का मित्र था। वह श्रीराम और लक्ष्मण जी और सीता जी से वैसा ही स्नेह […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
विवेक भटनागर धनुर्वेद एक उपवेद है। इसके अन्तर्गत धनुर्विद्या या सैन्य विज्ञान आता है। दूसरे शब्दों में, धनुर्वेद, भारतीय सैन्य विज्ञान का दूसरा नाम है। शास्त्रों के अनुसार चार वेद हैं और इसी तरह चार उपवेद हैं। इन उपवेदों में पहला आयुर्वेद है। दूसरा शिल्प वेद है। तीसरा गंधर्व वेद और चौथा धनुर्वेद है। इस […]
हरियाणा दिवस की हार्दिक बधाई (हिंदी रक्षा आंदोलन ओर स्वामी ओमानंद सरस्वती) ………………… (1957) हरियाणा निर्माता स्वामी ओमानंद जी महाराज को शत शत नमन आचार्य जी का जीवन यौवनकाल से ही संघर्षपूर्ण रहा है । वैसे तो आज के युग में गुरुकुलों का संचालन और वह भी आर्ष पाठविधि से, अपने आप में समय और […]
ओ३म् स्वभाव से मनुष्य सुख प्राप्ति का इच्छुक रहता है। वह नहीं चाहता कि उसके जीवन में कभी किसी भी प्रकार का दुःख आये। सुख प्राप्ति के लिये सद्कर्म व धर्म के कार्य करने होते हैं। अतः सत्कर्मों से युक्त प्राचीन वेदों पर आधारित वैदिक धर्म का पालन करते हुए मनुष्य अपने जीवन में सुखों […]
सूर्यकान्त बाली महाभारत का काल भारत के लिए काफी वैभवपूर्ण और आर्थिक समृद्धि का काल रहा है। महाभारत के काल में तकनीकी विकास भी अपने चरम पर रहा है। आम तौर पर तकनीकी की बातों को महाभारत में काव्य होने के कारण आलंकारिक रूप से दिया गया है। प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार श्री सूर्यकांत बाली […]
डॉ. श्रीकृष्ण ‘जुगनू’ महाराणा कुंभा को कला प्रेमी और विद्यागुरु शासक कई अर्थों में कहा जा सकता है। वास्तु, शिल्प, संगीत, नाटक, नृत्य, चित्र जैसी अनेक भागों वाली कृतियां और कला मूलक रचनात्मक प्रवृत्तियां कुंभा की अद्भुत देन और देश की दिव्य निधि है। भूलोकमल्ल सोमेश्वर और परमार कुलावतंस भोज की तरह कुंभा ने भी […]
सुधीर शर्मा लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। झारखंड का नाम लेते ही साधारणत: जनजातीय लोगों के चित्र ही मन में उभरते हैं। समझा जाता है कि विकास की दौड़ में पिछड़ गए वनों में रहने वाले जनजातीय लोगों का ही प्रदेश है झारखंड। ऐसे में यदि कोई बताए कि सुप्रसिद्ध विजयनगर साम्राज्य की भांति झारखंड में […]
डॉ. हेमेन्द्र कुमार राजपूत महाभारत में स्वयं महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास जी ने सम्पूर्ण जम्बूद्वीप का प्रादेशिक भ्रमण करके जो कुछ भौगोलिक इतिहास लिखा, वह कहीं अन्यत्र नहीं मिलता। साथ ही उन्होंने अखण्ड महाभारत वर्ष जिसे जम्बूद्वीप कहते हैं, का सांस्कृतिक और सामाजिक एवं राजनैतिक इतिहास हमारे सामने प्रस्तुत किया जिसे आज के आधुनिक […]
सुद्युम्न आचार्य शब्दों में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं। ये शब्द समाज की वाणी से मुखरित होकर कालक्रमानुसार अनेक प्रकार के रूप धारण करते रहते हैं। कभी तो इनकी ध्वनियों में बदलाव हो जाता है। यह बदलाव इतना अधिक होता है कि वह समूचा शब्द नया रूप धारण कर लेता है। कभी […]
आज हम अपने इतिहास के महानायक सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जयंती मना रहे हैं । 1875 में आज के दिन जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय इतिहास की एक ऐसी महान विरासत हैं जिन पर आने वाली पीढ़ी गर्व करेंगी। क्योंकि उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए जो महान कार्य किया, वह […]