लेखक -स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती प्रेषक- #डॉविवेकआर्य स्रोत्र – सार्वदेशिक मासिक पत्रिका, सितम्बर 1942 (1.) जिन दिनों पंजाब केसरी श्री लाला लाजपत राय जी ब्रह्मदेश को निर्वासित किये गए थे प्रायः उन्हीं दिनों श्रीमान महात्मा मुन्शीराम जी की अनुमति से हरियाणा प्रान्त के त्रसित आर्यों के बीच प्रचार करने के लिये मैं रोहतक आया था। थोड़े […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
वीर दुर्गादास राठौड़ अपनी जन्मभूमि मारवाड़ को मुक्त कराने वाले वीर दुर्गादास राठौड़ का का जन्म 13 अगस्त, 1638 को ग्राम सालवा में हुआ था। उनके पिता जोधपुर राज्य के दीवान श्री आसकरण तथा माता नेतकँवर थीं। आसकरण की अन्य पत्नियाँ नेतकँवर से जलती थीं। अतः मजबूर होकर आसकरण ने उसे सालवा के पास लूणवा […]
डा० शिबन कृष्ण रैणा (श्रीनगर-कश्मीर के हवाई अड्डे के बचाव में 3 नवम्बर 1947 को अपने साहसिक कार्यों के लिए मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरांत परम-वीर-चक्र से सम्मानित किया गया। इस ‘शौर्य-सम्मान’ की स्थापना पहली बार हई थी और यह सम्मान मेजर सोमनाथ शर्मा को उनकी बहादुरी, कर्तव्य-निष्ठा और साहसिक अभियान के लिए प्रदान किया […]
देश अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंग गया है। सचमुच यह पावन पर्व हमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों और अमर बलिदानियों के उद्यम और पुरूषार्थ का स्मरण कराकर अपने देश के प्रति समर्पित भाव से जीने के लिए प्रेरित करता है। भारत की संस्कृति की महानता का राज ही यह है कि ये हमें […]
भारतीय स्वतन्त्रता के इतिहास में अनेक कम आयु के वीरों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी है। उनमें खुदीराम बोस का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है। उन दिनों अनेक अंग्रेज अधिकारी भारतीयों से बहुत दुर्व्यवहार करते थे। ऐसा ही एक मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड उन दिनों मुज्जफरपुर, बिहार में तैनात था। वह छोटी-छोटी बात पर […]
कन्हैया लाल आर्य, उपप्रधान आत्मशुद्धि आश्रम बहादुरगढ़ संस्कृत साहित्य के एक उज्ज्वल रत्न थे आचार्य भवभूति जी। इन्होंने एक उत्तम पुस्तक की रचना की है जिसका नाम है ‘उत्तर राम चरितम्’। इस पुस्तक में भवभूति जी ने भगवान राम का उस समय का वर्णन किया है जब उनकी धर्मपत्नी सीता जी का अपहरण हो जाता […]
प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ १. जैसे शीत से आतुर पुरुष का अग्नि के पास जाने से शीत निवृत्त हो जाता है वैसे परमेश्वर के समीप प्राप्त होने से सब दोष दुःख छूटकर परमेश्वर के गुण कर्म स्वभाव के सदृश जीवात्मा के गुण कर्म स्वभाव पवित्र हो जाते हैं। (सत्यार्थप्रकाश समुल्लास ७) २. जो परमेश्वर की स्तुति, […]
अनन्या मिश्रा आज ही के दिन यानी की 7 अगस्त को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। टैगोर लेखक, नाटककार , संगीतकार, कवि, दार्शनिक, चित्रकार और समाज सुधारक थे। रवीन्द्रनाथ ठाकुर एक प्राकृतिक व्यक्ति थे। क्योंकि उनको प्रकृति के बीच रहना अच्छा लगता था। इस बात की […]
ललित गर्ग इतिहास और साहित्य में ऐसी प्रतिभाएं कभी-कभी ही जन्म लेती हैं जो बनी बनाई लकीरों को पोंछकर नई लकीरें बनाते हैं। वे अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीते हुए नया जीवन-दर्शन निरुपित करते हैं और कुछ विलक्षण सृजन करते हैं। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का व्यक्तित्व और कृतित्व भी इसका अपवाद नहीं हैं। यह […]
अनन्या मिश्रा देश के प्रमुख नेता, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का 1 अगस्त को निधन हो गया था। उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज से भारतीयों के लिए पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी। आज यानी की 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का निधन हो गया था। वह देश के […]