शालिनी तिवारी अद्वितीय यानी जिसके जैसा दूसरा न हो। इसे ही अंग्रेजी में यूनिक ( Unique ) भी कहा जाता है। खैर यह बिल्कुल सच भी है कि दुनियाँ का प्रत्येक प्राणी अद्वितीय है।यकीन मानिए आप जैसा न कोई इस दुनियाँ में हुआ है और आने वाले वक्त में न होगा ही। जरा गौर कीजिए, […]
श्रेणी: आज का चिंतन
हमारे मुस्लिम भाइयों को सूर्य नमस्कार करने में आपत्ति है क्योंकि उनका मानना हैं कि एक खुदा को छोड़कर अन्य किसी कि पूजा का इस्लाम में निषेध है। सूर्य नमस्कार में सूर्य, वन्दे मातरम में पृथ्वी की स्तुति करनी बताई गई हैं जो इस्लामिक मान्यताओं के प्रतिकूल हैं। उनका मानना है कि अग्नि, वायु, जल, […]
कविता – 7 संस्कार सोलह दिए विश्व को … संस्कार सोलह दिए विश्व को वह पुण्य भारत देश है। उत्कृष्ट भाषा संस्कृति और उत्कृष्ट जिसका वेश है ।। गर्भाधान क्रिया है वह जिसमें बीज का आधान हो। माता-पिता हों स्वस्थ , विद्यावान और बलवान हों।। 1।। गर्भस्थिति के ज्ञान पर संस्कार होता पुंसवन। पुरुषत्व के […]
श्री वीरेन्द्र राजपूत उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून नगर व राजधानी में निवास करते हैं। श्री वीरेन्द्र राजपूत जी ने वेदों का काव्यानुवाद किया है। इन्होंने यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का काव्यानुवाद का कार्य पूर्ण कर लिया है।यह सभी काव्यानुवाद अनेक खण्डों में उनकी ओर से एव कुछ आर्य संस्थाओं की ओर से प्रकाशित किए जा […]
उपनिषद रहस्य 1200पृष्ठ सजिल्द मूल्य 380₹ (डाक खर्च सहित) प्राप्ति के लिए 7015591564 पर व्हाट्सएप सन्देश भेजिए। 🔥 ओ३म् 🔥 🌷उपनिषद् की प्रेरक कथा🌷 छान्दोग्य-उपनिषद् में एक कथा आती है। भारत में महाराजा अश्वपति उस समय राज्य कर रहे थे। एक बहुत बड़ा वैश्वानर यज्ञ उनकी राजधानी में होने वाला था। पाँच महानुभाव ब्रह्मज्ञान की […]
साधु की वाणी सदा, हृदय को छू जाय, बिना पते का दीप है, जाने कहां मिल जाय॥1636॥ व्याख्या:- साधु से अभिप्राय सत्पुरुष से है, सज्जन से है अर्थात् भद्र-पुरुष से है, भले व्यक्ति से है। साधु के हृदय में ऋजुता होती है यानी कि उसके हृदय में कोमलता होती है,निष्कपटता होती है कुटिलता कोसों दूर […]
ललित गर्ग एक आदर्श एवं संतुलित इंसान की सर्वोपरि प्राथमिकता है उसका हंसता हुआ चेहरा एवं मुस्कराती हुई जीवनशैली। हंसते रहना एक दैवी गुण है, जिस पर अमीरों की सुविधाएं न्यौछावर की जा सकती हैं। हंसने की आदत चित्त को हल्का बनाती है और शरीर को निरोग, दीर्घजीवी एवं सुंदर बनने की सुविधा उत्पन्न करती […]
नए ईसाई वर्ष का आरंभ होनेवाला है, हम इसका स्वागत करने के लिए तैयार हुए हैं; किन्तु यह लेख सभी को यह बताने के लिए संकलित किया गया है कि इस नए वर्ष का इतिहास कितना भ्रमित करने वाला और तर्कहीन है। इस लेख में यह जानकारी मिलती है कि अंग्रेजी नव वर्ष कैसे प्रारम्भ […]
किसी भी संप्रदाय, मत, धर्म के मानने वालों के लिए कुछ आवश्यक कार्य निर्देशित किए जाते हैं, दुर्भाग्य से उस धर्म के अनुयाई उस मत का होने का दावा तो करते हैं, परंतु उसके आवश्यक कार्य नहीं करते, अधिकतर को तो यह भी नहीं पता होता कि उस धर्म के क्या कार्य हैं, उसमें वैदिक […]
“जो लोग जीवन का वास्तविक आनन्द लेना चाहते हैं, उन्हें तीन व्यक्तियों {माता, पिता और गुरुजनों} के साथ कभी टकराव नहीं करना चाहिए। सदा उनका सम्मान करना चाहिए।” आपने वीर शिवाजी, श्रीराम चन्द्र जी महाराज, और महर्षि दयानंद सरस्वती जी का नाम तो अवश्य ही सुना होगा। “वीर शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई जी के […]