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आज का चिंतन

आर्यसाहित्य के प्रेमियों के लिए हर्षवर्धक समाचार- “वैदिक साहित्य के 9 महत्वपूर्ण ग्रन्थों का संग्रह कुशवाह-ग्रन्थावली खण्ड-2 प्रकाशित”

ओ३म् =========== आर्यसमाज ईश्वरीय ज्ञान वेद के प्रचार एवं प्रसार का आन्दोलन है। ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद,सामवेद एवं अथर्ववेद ईश्वरीय भाषा, जो संसार की आदि भाषा भी है, उस भाषा संस्कृत में हैं। वेदज्ञान मुनष्य को अन्धकार से निकाल कर ज्ञान से […]

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विलम्ब से विवाह वरदान या अभिशाप

शालिनी तिवारी विवाह की अवधारणा: वि+वाह; यानी विशेष उत्तरदायित्व का निर्वहन करना. सनातन धर्म में विवाह को सोलह संस्कारों में से एक अहम् संस्कार माना गया है. पाणिग्रहण संस्कार को ही हम आम बोलचाल की भाषा में विवाह संस्कार के नाम से जानते हैं. वैदिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति के समस्त कालखंडों को चार भागों […]

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◼️वेदज्ञान का प्रकाश कैसे हुआ?◼️

✍🏻 लेखक – पदवाक्यप्रमाणज्ञ पण्डित ब्रह्मदत्तजी जिज्ञासु प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ इसके दो ही प्रकार हो सकते हैं, कि या तो जगदीश्वर ने आदि मनुष्यों वा ऋषियों को आजकल की भाँति बैठकर पढ़ाया वा लिखकर दे दिया या लिखा दिया हो, यह सब एक ही प्रकार कहा जा सकता है और ईश्वर के शरीरधारी होने […]

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चार वेदों का काव्यार्थ कर रहे आर्यकवि वीरेन्द्र राजपूत जी की दो निजी कवितायें

चार वेदों पर काव्यार्थ लिख रहे आर्य वेद-कवि श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत, देहरादून की दो निजी कवितायें प्रस्तुत हैं। यह कवितायें उन्होंने कुछ अन्य कविताओं के साथ अपनी निजी डायरी में लिखी हुई हैं। वह हमसे प्यार करते हैं। इसी कारण उन्होंने हमें वह कवितायें दिखाईं व सुनाईं भी। हमें ये कवितायें अच्छी लगीं। अतः […]

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“स्वाध्याय का महत्व”

ओ३म् ========== मनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता से विचार व चिन्तन सहित सत्यासत्य का निर्णय करने व अध्ययन-अध्यापन करने में समर्थ है जबकि अन्य प्राणियों को ईश्वर ने मनुष्यों के समान बुद्धि नहीं दी है। मनुष्यों को दो प्रकार का ज्ञान […]

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आज का चिंतन भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत का इतिहास लिखा है देश के गद्दारों ने

सुरेश्‍वर त्रिपाठी भैय्या आपको यह तो ज्ञात होगा कि NDA (National Defence Academy) में जो बेस्ट कैडेट होता है, उसको एक गोल्ड मैडल दिया जाता हैं | लेकिन क्या आपको यह ज्ञात हैं कि उस मैडल का नाम “लचित बोरफुकन” है? कौन हैं ये “लचित बोरफुकन”? लेख को पूरा पढ़ने पर आपकों भी ज्ञात हो […]

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दुनिया में हम जैसा दूसरा कोई नहीं

शालिनी तिवारी अद्वितीय यानी जिसके जैसा दूसरा न हो। इसे ही अंग्रेजी में यूनिक ( Unique ) भी कहा जाता है। खैर यह बिल्कुल सच भी है कि दुनियाँ का प्रत्येक प्राणी अद्वितीय है।यकीन मानिए आप जैसा न कोई इस दुनियाँ में हुआ है और आने वाले वक्त में न होगा ही। जरा गौर कीजिए, […]

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सूर्य नमस्कार, वन्दे मातरम और स्वामी दयानंद

हमारे मुस्लिम भाइयों को सूर्य नमस्कार करने में आपत्ति है क्योंकि उनका मानना हैं कि एक खुदा को छोड़कर अन्य किसी कि पूजा का इस्लाम में निषेध है। सूर्य नमस्कार में सूर्य, वन्दे मातरम में पृथ्वी की स्तुति करनी बताई गई हैं जो इस्लामिक मान्यताओं के प्रतिकूल हैं। उनका मानना है कि अग्नि, वायु, जल, […]

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आज का चिंतन कविता

संस्कार सोलह दिए विश्व को …

कविता – 7 संस्कार सोलह दिए विश्व को … संस्कार सोलह दिए विश्व को वह पुण्य भारत देश है। उत्कृष्ट भाषा संस्कृति और उत्कृष्ट  जिसका  वेश है ।। गर्भाधान क्रिया है वह जिसमें बीज का आधान हो। माता-पिता हों स्वस्थ , विद्यावान और बलवान हों।। 1।। गर्भस्थिति के ज्ञान पर  संस्कार   होता   पुंसवन। पुरुषत्व के […]

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ओ३म् “वेदों का काव्यानुवाद करने वाले विद्वान श्री वीरेन्द्र राजपूत के निवास पर यज्ञ सम्पन्न”

श्री वीरेन्द्र राजपूत उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून नगर व राजधानी में निवास करते हैं। श्री वीरेन्द्र राजपूत जी ने वेदों का काव्यानुवाद किया है। इन्होंने यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का काव्यानुवाद का कार्य पूर्ण कर लिया है।यह सभी काव्यानुवाद अनेक खण्डों में उनकी ओर से एव कुछ आर्य संस्थाओं की ओर से प्रकाशित किए जा […]

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