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अन्य कविता

भारत के वीरों की शक्ति

दुश्मनों को देश के अन्दर, कभी नही आने देना।अपनी आजादी को तुम व्यर्थ नही जाने देना।। देश की खातिर वीरों अपना, सर्वस्व लुटा देना।जो भी तुम से लडऩे आये धूल धरा चटा देना।। देश के दुर्बल लोगों को, तुमको समर्थ बनाना है।भूले भटके पंथी को, कर्तव्य पथ पर लाना है।। अपने अन्दर के साहस को, […]

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भारतीय संस्कृति

तब का और अब का भारत—एक अवलोकन

गंगानन्द झा तीस साल पहले जिस भारत  को मैं गया था, वह आज के भारत से बिलकुल अलग मुल्क था। विदेशी के जेहन में उस वक्त यह अभी भी एक धुँधले, लेकिन व्यापक खतरे के खिलाफ आगाह करता था। सैलानी जरते थे कि उन्हें कोई छूत न लग जाए. भारत गन्दगी और मुसीबत की जगह […]

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संपादकीय

भारत देश का विभाजन और महात्मा गाँधी

अनिल गुप्ता स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्द्रेश जी, जो पिछले अनेक वर्षों से मुस्लिम समाज के साथ संवाद कायम करने में लगे हैं, के विभाजन और गांधीजी सम्बन्धी बयान पर उबलने वाले कांग्रेसी क्या विभाजन की घोषणा के बाद विभाजन विरोधी गांधीजी का कोई बयान दिखाएंगे? कुछ सवालों के जवाब देश जानना चाहता है […]

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संपादकीय

कैसे कहूं -‘मेरा भारत महान’

देश की वास्तविकता को बयान करती तस्वीर हमारे सामने आई है। मोदी सरकार ने सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़े पेश किये हैं, इससे स्पष्ट हुआ है कि भारत की जनसंख्या का 75 प्रतिशत भाग अभी तक ऐसा है जो पांच हजार रूपये तक की मासिक आय से ही गुजारा कर रहा है। ऐसे लोगों की […]

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राजनीति

भारत में धर्म आधारित हिंसा और अमरीका

अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और पुलिस एवं सुरक्षा बल के दुव्र्यवहार के अलावा वर्ष 2014 में भारत में धर्म आधारित सामाजिक हिंसा सबसे बड़ी मानवाधिकार समस्या रही। इसकी सालाना ‘कांग्रेसनली मैनडेटेड कंट्री रिपोर्ट ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज फॉर 2014 रिपोर्ट’ के लंबे चौड़े इंडिया सेक्शन में मनमाने […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत की बेजोड़ विरासत योग का अनुचित विरोध

संजय गुप्त अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब भारत के बारे में बाकी दुनिया, विशेष रूप से पश्चिमी जगत में दो तरह की धारणाएं विद्यमान थीं। पहली धारणा यह थी कि भारत का मतलब उत्पीडऩ, भुखमरी, बीमारी और बूचडख़ाना है। दूसरी धारणा के रूप में भारत की छवि एक ऐसे देश की थी, जहां साधुओं, […]

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विशेष संपादकीय

भारत ने बनाये दो कीत्र्तिमान

भारत के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत में हुए गौरवमयी आयोजनों को लेकर पूरे विश्व में वाह वाही हो रही है। इतना ही नहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बना गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज […]

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संपादकीय

‘विश्वगुरू’ बनता भारत

भारत के विषय में मि. कोलमैन ने कहा है कि भारत के साधु संतों एवं कवियों ने नैतिक नियमों की शिक्षा दी, और इतने सुंदर कवित्व का प्रदर्शन किया, जिसकी श्रेष्ठता स्वीकार करने में विश्व के किसी भी देश, प्राचीन अथवा अर्वाचीन को लेशमात्र भी झिझक नही होती। भारत के गर्वनर जनरल रहे वारेल हेस्टिंग्स […]

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व्यक्तित्व

भारत के रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा

वक्त ने बना दी जिंदगी इतिहास की धरोहर रविकांत सिंह नई दिल्ली। यूं तो राजनीति में सभी लोग पिछड़े हुए समाज को आगे लाकर अंत्योदय भावना के आधार पर उन्नत और अग्रिम समाज की कल्पना को साकार करने की बात कहकर हर राजनीतिज्ञ अपनी राजनीति करने का संकल्प व्यक्त करता है, पर कुछ ही लोग […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत में सर्वत्र हुआ था तैमूर का व्यापक प्रतिरोध

दिल्ली यूं तो अब से पूर्व कई विदेशी आक्रांता या बलात् अधिकार कर दिल्ली के सुल्तान बन बैठे शासकों के आतंक और अत्याचार का शिकार कई बार बन चुकी थी, पर इस बार का विदेशी आक्रांता और भी अधिक क्रूरता की वर्षा करने के लिए आ रहा था। हिंदू प्रतिरोध यद्यपि निरंतर जारी था, परंतु […]

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