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अन्य विविधा

सुधार के बावजूद संकटों से घिरा भारतीय विमानन क्षेत्र

भारतीय विमानन क्षेत्र, जो वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के तहत एक मज़बूत नियामक ढांचे के बावजूद, कोझीकोड (2020) में एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटना जैसी बार-बार होने वाली घटनाएँ विमानन सुरक्षा में प्रणालीगत चुनौतियों को उजागर करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानकों […]

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आर्य समाज

आर्यसमाज वेदज्ञान से युक्त शुद्ध आचरण करने वाले मनुष्य का निर्माण करता है

देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के लिए […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

श्री ‘भारतेंदु’ हरिश्चंद्र – महर्षि दयानंद के समकालीन हिंदी के महान् साहित्यकार

६ जनवरी १८८५ को भारतेन्दु हरिश्चंद्र का देहांत हुआ था। हिंदी के महान् साहित्य निर्माता श्री बाबू ‘भारतेंदु’ हरिश्चंद्र (जन्म ९ सितम्बर १८५०, अवसान ६ जनवरी १८८५ – दोनों वाराणसी में) १८६९ में स्वामी दयानंद के काशी के पण्डितों के साथ हुए मूर्तिपूजा विषयक ऐतिहासिक शास्त्रार्थ में दृष्टा के रूप में उपस्थित थे । हरिश्चंद्र […]

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धर्म-अध्यात्म

सुख और दुख रहस्य (भाग 2)

विशेष – ये लेख प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों के लेख और उनके विचारों पर आधारित ४ भाग में है। कृपया अपने विचार बतायें। जन्म लेने पर दुख क्यों आता है? एक व्यक्ति ने पूछा कि जन्म लेने पर दुख क्यों आता है, इसका जन्म लेने से क्या संबंध है? तो ऋषियों ने उत्तर दिया, कि प्रकृति, […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर हिन्दू समाज के लिए सन्देश

मुगल शासनकाल के दौरान बादशाह औरंगजेब का आतंक बढ़ता ही जा रहा था। चारों और औरंगज़ेब की दमनकारी नीति के कारण हिन्दू जनता त्रस्त थी। सदियों से हिन्दू समाज मुस्लिम आक्रांताओं के झुंडों पर झुंडों का सामना करते हुए अपना आत्म विश्वास खो बैठा था। मगर अत्याचारी थमने का नाम भी नहीं ले रहे थे। […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

अविमुक्तेश्वरानंद जी आर्य समाज की चुनौती स्वीकार करो

ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का कहना है कि प्रयागराज में 14 जनवरी से चलने वाले महाकुंभ के मेले के अवसर पर आर्य समाजियों, बौद्धों और जैनियों को भी डुबकी नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि उनकी मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से किसी के पाप नहीं धुल जाते। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के इस […]

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कृषि जगत

कृषि संकट से जूझते बीकानेर के किसान

रक्षा शर्मा लूणकरणसर, राजस्थान राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित बीकानेर अपनी विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कृषि के लिए सदैव एक चुनौती रहा है. यहां के किसान जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत और साहस से अपनी आजीविका चलाते हैं, आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी समस्या […]

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आर्थिकी/व्यापार

सांस्कृतिक परम्पराओं के चलते पूरे विश्व में अपना विशेष स्थान बनाता भारत

आर्थिक क्षेत्र में प्रगति की दृष्टि से भारत की अपनी विशेषताएं हैं, जो अन्य देशों में नहीं दिखाई देती हैं। उदाहरण के लिए भारत में आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों एवं मेलों आदि में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं द्वारा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से इन मेलों/कार्यक्रमों में भाग लिया जाता है बल्कि इन श्रद्धालुओं द्वारा […]

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कविता

भारत ही पहला धर्मस्थल

मेरी साधना उस भारत की, जिसके पीछे संसार चला। मानवता की शिक्षा पाकर, मानव ने इतिहास रचा।। मथुरा काशी की गूंज कभी, यूरोप में गूंजा करती थी। वेद मंत्र के गीत को सुनकर, उसकी धरा धन्य होती थी।। वहां वेद का जीवन दर्शन ही, लोगों को मार्ग बताता था। उपदेशन वैदिक ऋषियों का, जीवन को […]

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धर्म-अध्यात्म

सुख और दुख रहस्य (भाग 1)

विशेष – ये लेख प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों के लेख और उनके विचारों पर आधारित ४ भाग में है। सुख का विपरीत दुःख है। सभी को किसी ना किसी दुख ने पकड़ रखा है. जिसके इलाज के लिए उल्टे सीधे रास्ते अपनाकर और जीवन की राह को दुर्गम बना रहे हैं. यहां तक कि दुख निवारण […]

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