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कृषि जगत

सीमित संसाधनों से प्रभावित होती कृषि

– पूजा कुमारी लूणकरणसर, राजस्थान साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने किसानों को तोहफा देते हुए जहां डीएपी पर विशेष पैकेज का एलान किया तो वहीं दूसरी ओर फसल बीमा योजना के दायरे का विस्तार करते हुए 4 करोड़ अतिरिक्त किसानों को इससे जोड़ा है. इससे किसानों की एक बड़ी संख्या अब फसल नुकसान […]

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महत्वपूर्ण लेख विविधा

सामूहिक भागीदारी से स्लम बस्तियों का विकास संभव है

– मीना गुर्जर जयपुर, राजस्थान देश के सभी नागरिकों को एक समान बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिए केंद्र से लेकर सभी राज्यों की सरकारें प्रयासरत रहती हैं और योजनाएं संचालित करती हैं. लेकिन अभी भी देश के कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने के लिए भी संघर्ष करनी […]

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महत्वपूर्ण लेख शिक्षा/रोजगार

शैक्षिक गुणवत्ता के लिए बुनियादी ढांचे का विकास ज़रूरी है

– पूनम कुमारी पटना, बिहार इस वर्ष की शुरुआत में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यूडीआईएसई प्लस (Unified District Information System for Education) डेटा के अनुसार 2023-24 में स्कूलों में दाखिले की संख्या में करीब 37 लाख की कमी दर्ज की गई है. सबसे अधिक माध्यमिक स्तर पर करीब 17 लाख नामांकन में कमी पाई गई […]

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कृषि जगत

पशु चिकित्सकों की कमी से चुनौती बनता पशुपालन

देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान के बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पशुपालन न केवल रोजगार का प्रमुख साधन है बल्कि इससे जुड़े आर्थिक और सामाजिक पहलू भी इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं. लेकिन पशुपालन में बढ़ती कठिनाइयों ने किसानों और पशुपालकों के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी है. इनके […]

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अन्य समाज

सामूहिक भागीदारी से आदर्श गांव का निर्माण संभव है

किसी भी देश के विकास की संकल्पना केवल महानगरों और औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या से ही नहीं होती है बल्कि इसमें गांव की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है. विशेषकर ऐसा गांव जिसे आदर्श गांव की संज्ञा दी जा सके. एक आदर्श गांव वह है जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं, सामाजिक सद्भाव, शिक्षा और स्वास्थ्य के […]

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कृषि जगत

कृषि संकट से जूझते बीकानेर के किसान

रक्षा शर्मा लूणकरणसर, राजस्थान राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित बीकानेर अपनी विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कृषि के लिए सदैव एक चुनौती रहा है. यहां के किसान जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत और साहस से अपनी आजीविका चलाते हैं, आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी समस्या […]

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मुद्दा विविधा

स्लम बस्तियों को भी विकास की प्रक्रिया से जोड़ने की ज़रूरत

पिछले एक दशक से चली आ रही स्वच्छ भारत अभियान योजना के बहुत सफल परिणाम सामने आने लगे हैं. सितंबर 2024 तक, भारत भर में 5.87 लाख से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है, जिसमें 3.92 लाख से अधिक गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू कर रहे हैं और 4.95 […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

नए साल में गांव को स्वच्छ बनाने का संकल्प लें

पूरी दुनिया में इस समय पर्यावरण और इससे जुड़े मुद्दे सबसे अहम माने जा रहे हैं. विशेषकर घरों से निकलने वाला कचरा सबसे अधिक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है. इससे न केवल वातावरण बल्कि मानव सभ्यता भी प्रभावित हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक अकेले भारत में ही प्रतिदिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन कूड़ा […]

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महत्वपूर्ण लेख शिक्षा/रोजगार

ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक संसाधनों को पूरा करने की ज़रूरत

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की समस्या हमेशा ध्यान देने की मांग करती रही है. हालांकि समय के साथ इसमें काफी सुधार हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी उतनी संतोषजनक नहीं है जितनी होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षकों की कमी, शैक्षिक संसाधनों का अभाव और कमजोर सामाजिक परिवेश […]

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