(Admiration of VEDAS, by Great Arabic poet Labee, 3745 years ago, in Arabic poem, is as follows:) हजरत मोहम्मद साहब का जन्म सोमवार 5 अप्रैल 571 ईस्वी (आज से 1445 वर्ष पूर्व) को, सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. मोहम्मद के जन्म से 2300 वर्ष पूर्व अर्थात् आज से 3745 वर्ष पूर्व (=1700 BCE) […]
महीना: दिसम्बर 2022
दलित मुस्लिम एकता की जमीनी हकीकत #डॉविवेकआर्य भाग 2 संत रविदास का चिंतन मुस्लिम सुल्तान सिकंदर लोधी अन्य किसी भी सामान्य मुस्लिम शासक की तरह भारत के हिन्दुओं को मुसलमान बनाने की उधेड़बुन में लगा रहता था। इन सभी आक्रमणकारियों की दृष्टि ग़ाज़ी उपाधि पर रहती थी। सुल्तान सिकंदर लोधी ने संत रविदास जी महाराज […]
राष्ट्र-चिंतन ================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त दृश्य अभी का … स्थान अर्जुन आश्रम अहमदाबाद, समय रात के साढ़े सात बजे। मैं प्रतिक्षारत था। मैं देखना चाहता था कि हिन्दू शेर हाशिये पर पहुंचने के साथ ही साथ कहीं ढेर तो नहीं हो गया, कहीं अपनी शेर की आवाज भूल तो नहीं गया, कहीं सर्कश या फिर […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद के बयान पर आजकल काफी लत्तम-धत्तम चल रही है। उन्होंने कह दिया कि जहाँ राम नहीं पहुँच सकते, वहाँ उनकी खड़ाऊ पहुंच जाएगी याने राहुल गांधी जहाँ-जहाँ नहीं पहुंच पाएंगे, वहाँ-वहाँ उनकी खड़ाऊ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। यह तो सबको पता है कि उन्होंने राहुल को […]
विक्रमादित्य का साम्राज्य भारतीय कालगणना में सर्वाधिक महत्व विक्रम संवत पंचांग को दिया जाता है। विक्रम संवत् का आरंभ 57 ई.पू. में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के नाम पर हुआ। उन्होंने इसी दिन अपना राज्याभिषेक कराया था । भारत में यह विक्रम संवत आज भी काम कर रहा है। अपने इस महान न्यायप्रिय और जनप्रिय […]
वेदों की अलंकारिक भाषा का अनुचित अध्ययन, अनुशीलन, परिशीलन एवं विश्लेषण राजाओं और नदियों आदि के वर्णन जो वेद में आए हैं वह सभी अलंकारिक हैं। यथा वेदों में अनार्यों में वृत्र ,दनु ,सुश्न, शम्बर, बंगृद, बली, नमुचि, मृगय, अर्बुद प्रधान रूप से लिखे गए हैं। दनु के वंशीधर दानव थे जिनका कई स्थानों में […]
वेद विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ है। वेद अपौरुषेय है। वेदों में नदियों ,पहाड़ों, राजाओं के नाम नहीं है। वेदों में राजाओं का कोई इतिहास नहीं है। वेदों में किसी भी राजा की वंशावली नहीं है। वेदों की भाषा अलंकारिक है जिसको पुराणकारों ने वास्तविक संदर्भ और उचित में ना लेकर अनर्थ किया है और इतिहास […]
महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से भी अधिक समय से वैदिक धर्म के मर्म को युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से प्रतिदिन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित आर्यों का महाकुंभ में 26 दिसंबर 2022 सोमवार को “”स्वामी श्रद्धानंद […]
भारत में हिन्दू राष्ट्र को लेकर कई बार बहस होती रहती है। 1947 में जब देश का धर्म के नाम पर विभाजन किया गया तो उस दौरान भी भारत को एक हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की प्रबल मांग उठी थी। अतः 30 सितम्बर 1947 को मिलों में काम करने वाले कर्मचारियों एवं मजदूरों के बीच एक भाषण […]
#डॉविवेकआर्य भाग 1 आजकल देश में दलित राजनीति की चर्चा जोरों पर है। इसका मुख्य कारण नेताओं द्वारा दलितों का हित करना नहीं अपितु उन्हें एक वोट बैंक के रूप में देखना हैं। इसीलिए हर राजनीतिक पार्टी दलितों को लुभाने की कोशिश करती दिखती है। अपने आपको सेक्युलर कहलाने वाले कुछ नेताओं ने एक नया […]