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आओ कुछ जाने भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ईसाई मिशनरियों ने ‘20000 हिंदुओं’ का कर दिया धर्म-परिवर्तन- विधायक

♦️भारत में सेक्युलर इस कल्पना में हैं कि धर्मांतरण करने से कोई हानि नहीं है, गरीबों को रोजी-रोटी मिल रही है; लेकिन वास्तविकता क्या है वे कुछ भोले भारतवासी नहीं समझ पाते हैं। जैसे अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी खोलने के बाद भारत पर अपनी सत्ता जमा ली और भारतवासियों पर अनगिनत अत्याचार किये और […]

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इतिहास के पन्नों से

नियमों का पालन !! शास्त्री जी की महानता !!* ——————————–

आज का प्रेरक प्रसङ्ग जन्म दिवस 🎂विशेष :- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (02.10.1869 – 30.01.1948) पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (02.10.1904 – 11.01.1966) महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में प्रत्येक कार्य का समय नियत था और नियम कायदों का सख्ती से पालन होता था। आश्रम के प्रत्येक कर्मचारी और वहां रहने वाले सभी लोगों को नियमानुसार […]

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इतिहास के पन्नों से

कथित राष्ट्रपिता गांधी पर भारी सच्चा राष्ट्रपुत्र भगत सिंह। गांधी के कुटिल राष्ट्र घातक चिंतन कुविचारो का सर्वप्रथम वैचारिक बौद्धिक वध भगत सिंह ने ही किया।

लेखक आर्य सागर खारी✍✍✍✍ मोहनदास करमचंद गांधी हाड मास का पुतला ही नहीं जैसा भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके विषय में कहा था। गांधी अनेक दुर्गुण दोषो का भी पुतला थे। गांधी को परनिंदा करने में बहुत आनंद आता था । इस काम के लिए गांधी बखूबी इस्तेमाल करते थे अपने धनी मित्र मंडली […]

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इतिहास के पन्नों से कविता हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

लाल बहादुर शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि

था लाल बहादुर भारत का, भारत का ऊँचा भाल किया। ‘धरती का पुत्र’ कहाता है, जन-जन को स्वाभिमान दिया।। देश के हित जीना सीखा , देशहित  मृत्यु का वरण किया। चेतना में रहा देश धड़कता, ना ध्वज देश का झुकने दिया।। अपमान सहा और कष्ट सहे,   जेलें  सहीं  और  मस्त  रहे। सर्वोच्च शिखर को पाकर […]

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भारतीय संस्कृति

रावण के दस शीश और बीस भुजाओं का क्या था रहस्य

डॉ डी0 के0 गर्ग आज कल हमको रावण की दो तरह के रूप दिखाई देते हैं एक मे एक सिर है तो दूसरे मे 10 सिर है. रामलीला मे भी उसका विशाल पुतला बनाया जाता है और उसके भी दस शिश तथा बीस भुजायें बनाई होती है। इतना ही नहीं, उसके मध्यसिर के ऊपर एक […]

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इतिहास के पन्नों से

1857 में गांव गांव घूमती चपाती और हर छावनी में घूमता रक्तकमल

परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि 1612 में व्यापार के आवरण में भारत लूटने के मकसद से आयी ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहले बंगाल, फिर मैसूर और मराठाओं को पराजित कर भारत में बड़ी मजबूत पकड़ बना ली थी। तत्पश्चात कंपनी ने भारतीय राज्यों के साथ संधियां कर और उटपटांग कानून बना कर खूब सीमा विस्तार […]

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इतिहास के पन्नों से

कैसी स्थिति थी प्राचीन भारत में नारियों की

ज्ञानेंद्र बरतरिया इस लेख के दो उद्देश्य हैं। एक यह कि यह लेख प्राचीन भारत में कन्याओं, स्त्रियों और महिलाओं की स्थिति को यथासंभव और संक्षेप में प्रस्तुत करें, और दूसरा यह कि इस लेख को पढऩे वाले व्यक्ति उस प्रत्येक नारी के सम्मान और कल्याण के लिए प्रेरित हों, जो नारी उनसे मां, बहन, […]

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इतिहास के पन्नों से

शिवाजी के स्वराज्य की विशेषताएं

नेतृत्व क्षमता और शासन व्यवस्था पर राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे द्वारा लिखी गई पुस्तक शिवाजी व सुराज में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी को एक कुशल राजनीतिज्ञ, एक कूटनीतिज्ञ और एक प्रकाशक के रूप में दिखाया गया है। पुस्तक में तत्कालीन प्रशासन से आज की शासन व्यवस्था का और उस समय के विभागों की तुलना […]

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देश विदेश

अफगान संसद‌ बनवाई मोदी ने… लेकिन कम्युनिस्ट इतिहासकार लिखेगा कि ये तालिबानी वास्तुकला का शानदार नमूना है !

अफगान संसद का निर्माण मोदी ने करवाया लेकिन जिहादी-कम्युनिस्ट इतिहासकार लिखेंगे… निर्माण तालिबान ने करवाया और आज से 100 साल बाद हिंदुओं को किताबों में पढ़ाया जाएगा कि अफगान संसद का निर्माण तालिबान के अमीर मुल्ला गनी बरादर ने किया था ! 15 अगस्त 2021 का दिन था जब गंदे कपड़े फटे चिथड़े पहने हुए […]

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महत्वपूर्ण लेख

कम्युनिस्टों के लिए भस्मासुर साबित हुए कन्हैया कुमार

विष्णुगुप्त कन्हैया कुमार से कम्युनिस्टों की बहुत उम्मीद थी, कम्युनिस्टों ने कन्हैंया कुमार को अपना आईकॉन मान लिया था, मास लीडर मान लिया था, नरेन्द्र मोदी का विकल्प मान लिया था, अपने खोये हुए जनाधार और आकर्षण को फिर से प्राप्त करने की शक्ति मान ली थी। इतना ही नहीं बल्कि जब कभी कन्हैया कुमार […]

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